सौर ज्वालाओं का एक साथ विस्फोट | 02 May 2024
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) की सौर गतिकी वेधशाला ने एक दुर्लभ खगोलीय घटना को रिकॉर्ड किया, जो एक साथ चार सौर ज्वालाओं के विस्फोट के साथ घटित हुई।
- इसकी उत्पत्ति तीन सनस्पॉट और एक बड़े चुंबकीय फिलामेंट से हुई, जो जटिल चुंबकीय अंतःक्रियाओं को प्रदर्शित करता है।
- जब सूर्य अपने 11-वर्षीय सौर चक्र के चरम पर पहुँचता है जिसे सौर अधिकतम कहा जाता है, तो इस दौरान यह विस्तृत सौर गतिविधि प्रदर्शित करता है।
- इसे एक सिंपथैटिक सौर ज्वाला के रूप में जाना जाता है, जहाँ सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र में कई विस्फोट होते हैं, जो बड़े पैमाने पर चुंबकीय क्षेत्र लूप द्वारा जुड़े होते हैं।
- सिंपथैटिक ज्वाला एक विस्फोट के कारण होती है जो दूसरे को ट्रिगर करती है, जिससे कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) और प्लाज़्मा का बड़े पैमाने पर विस्फोट होता है।
- इसे दुर्लभ माना जाता है, क्योंकि अधिकांश रिपोर्ट किये गए सिंपथैटिक फ्लेयर्स में केवल दो जुड़े हुए फ्लेयर्स उत्पन्न होते हैं, जबकि इसमें चार फ्लेयर्स उत्पन्न होते हैं जो इसे एक सुपर-सिंपथैटिक घटना बनाते हैं।
- इस प्रकार की घटनाओं में पावर ग्रिड, पृथ्वी पर दूरसंचार नेटवर्क और परिक्रमा करने वाले उपग्रहों को बाधित करने तथा अंतरिक्ष यात्रियों को खतरनाक विकिरण स्तरों के संपर्क में लाने की क्षमता होती है।
- यह घटना वैज्ञानिकों को सूर्य के जटिल जीवन चक्र और चुंबकीय अंतःक्रियाओं को बेहतर ढंग से समझने का अवसर प्रदान करती है।
- सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र एक चक्र से गुजरता है, जिसे सौर चक्र कहा जाता है, प्रत्येक 11 वर्ष में सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र पूर्ण रूप से परिवर्तित हो जाता है, जिसका अर्थ है कि सूर्य के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव अपना स्थान परिवर्तित कर लेते हैं।
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