सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान | 28 Apr 2025

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

ओडिशा सरकार ने हाल ही में सिमलीपाल टाइगर रिज़र्व को राज्य का दूसरा राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया है, जिससे यह भारत का 107वाँ राष्ट्रीय उद्यान बन गया है। 

  • महत्त्व: अब इसके अधिसूचित क्षेत्र (845.70 वर्ग किमी) में किसी भी मानवीय गतिविधि की अनुमति नहीं होगी।
    • शेष 2,750 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वन्यजीव अभयारण्य होगा (सीमित मानवीय गतिविधियों की अनुमति)।
    • ग्रेटर सिमलीपाल लैंडस्केप कार्यक्रम का उद्देश्य नव-नामित राष्ट्रीय उद्यान और इसके निकटवर्ती पारिस्थितिक गलियारों को संरक्षित करना है। 

परिचय:

  • ओडिशा के मयूरभंज ज़िले में स्थित सिमलीपाल, वन्य मेलेनिस्टिक बाघों का विश्व का एकमात्र उद्यान है, जिसमें 40 रॉयल बंगाल टाइगर, ओडिशा के 25% हाथी और 104 आर्किड प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से अनेक इस क्षेत्र के लिये स्थानिक हैं।
    • यह दक्कन प्रायद्वीपीय जैवभौगोलिक क्षेत्र, छोटानागपुर प्रांत और महानदी क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
    • यह अपने मनमोहक जलप्रपातों के लिये जाना जाता है, जिनमें बरेहीपानी और जोरंडा शामिल हैं।
    • यह उद्यान ऊँचे पठारों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है, इसकी सबसे ऊँची चोटी खैरीबुरू और मेघाशिनी की जुड़वाँ चोटियाँ हैं।
  • सिमिलिपाल के वन साल वृक्षों, नम पर्णपाती औअर्द्ध-सदाबहार वृक्षों का मिश्रण हैं, जो वनस्पतियों, जीव-जंतुओं और वन-निर्भर समुदायों के लिये एक जटिल और समृद्ध आवास का निर्माण करते हैं।
    • यहाँ पाई जाने वाली प्रमुख खुरधारी (Ungulate) प्रजातियाँ हैं: सांभर (Rusa unicolor), चीतल (Axis axis ), बार्किंग डियर (Muntiacus vaginalis), गौर (Bos gaurus) और माउस हिरण (Moschiola indica)।

Similipal_Tiger_Reserve (STR)

और पढ़ें: दुर्लभ मेलानिस्टिक बाघ