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सियाचिन दिवस

  • 14 Apr 2025
  • 3 min read

स्रोत: बिज़नेस स्टैंडर्ड

सियाचिन दिवस (13 अप्रैल) ऑपरेशन मेघदूत की स्मृति में मनाया जाता है। वर्ष 1984 में इसी दिन भारत ने सियाचिन ग्लेशियर पर सफलतापूर्वक सैन्य नियंत्रण स्थापित किया। 

  • सियाचिन: काराकोरम रेंज में लगभग 20,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित, यह इस रेंज का दीर्घतम ग्लेशियर है और समग्र विश्व में सर्वाधिक ऊँचा सैन्यीकृत क्षेत्र है। काराकोरम का भाग साल्टोरो रिज, सियाचिन ग्लेशियर के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।
  • गिलगिट-बाल्टिस्तान से लेह और काराकोरम दर्रे तक के मार्गों को नियंत्रित करने की दृष्टि से सियाचिन की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
    • वर्ष 1949 के कराची समझौते के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा को NJ9842 नामक बिंदु तक निर्धारित किया गया, जिसके आगे दुर्गम भूभाग के कारण रेखा को अस्पष्ट छोड़ दिया गया, जिसमें विवरण दिया गया यह “तदनंतर से उत्तर में ग्लेशियरों तक” निर्धारित है (सियाचिन, रिमो और बाल्टोरो ग्लेशियरों का उद्धरण करते हुए)।
    • वर्ष 1972 के शिमला समझौते के बाद, नियंत्रण रेखा (LoC) को औपचारिक रूप दिया गया, लेकिन NJ9842 से आगे के क्षेत्र को इसमें शामिल नहीं किया गया।
    • 1980 के दशक में पाकिस्तान ने साल्टोरो रिज और सियाचिन से आगे अपने दावे को वैध बनाने का प्रयास किया, जिसका उद्देश्य चीन से सीधा संपर्क और लद्दाख क्षेत्र पर रणनीतिक नियंत्रण हासिल करना था, जो भारत के लिये एक गंभीर खतरा था।
  • ऑपरेशन मेघदूत: 13 अप्रैल 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारत ने ऑपरेशन मेघदूत शुरू किया, जिसके तहत बिलाफोंड ला और सिया ला जैसे प्रमुख दर्रे सहित सियाचिन ग्लेशियर और साल्टोरो रिज पर नियंत्रण स्थापित किया गया।
    • इस ऑपरेशन से पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण स्थापित करने का प्रयास विफल रहा, जिससे लद्दाख क्षेत्र पर रणनीतिक निगरानी सुनिश्चित हो गई और शक्सगाम घाटी तक पाकिस्तान की पहुँच अवरुद्ध हो गई।
    • ऑपरेशन मेघदूत में सैनिकों और रसद को हवाई मार्ग से पहुँचाया गया, जिसमें भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की अहम भूमिका थी। यह विश्व के उच्चतम युद्धक्षेत्र पर किया गया पहला सैन्य हमला था।

Siachen

 और पढ़ें: ऑपरेशन मेघदूत

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