प्रारंभिक परीक्षा
शक्ति: उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट
- 23 Nov 2021
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प्रधानमंत्री ने 19 नवंबर, 2021 को राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व के हिस्से के रूप में आयोजित एक समारोह में भारतीय नौसेना को उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (Electronic Warfare) सूट 'शक्ति' सौंपी।
- राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' समारोह का हिस्सा है।
- प्रधानमंत्री ने भारतीय स्टार्टअप्स द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (HAL's LCH), के दो लघु ड्रोन ('SWITCH 10 UAV' और 'MR-20) वायु सेना को सौंपे।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- यह प्रणाली समुद्रीय युद्ध क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक प्रभुत्व और उत्तरजीविता (Survival) सुनिश्चित करने के लिये आधुनिक रडार और जहाज़-रोधी मिसाइलों के खिलाफ रक्षा की एक इलेक्ट्रॉनिक परत प्रदान करेगी।
- यह प्रणाली भारतीय नौसेना की पिछली पीढ़ी के इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) सिस्टम की जगह लेगी।
- मिसाइल हमलों के खिलाफ भारतीय नौसेना के जहाज़ों की रक्षा के लिये इस प्रणाली को वाइडबैंड इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेजर्स (ESM) और इलेक्ट्रॉनिक काउंटर मेजर्स (ECM) के साथ एकीकृत किया गया है।
- यह प्रणाली आधुनिक रडार की सटीक दिशा और इंटरसेप्शन खोजने में मदद करेगी।
- मिशन के बाद विश्लेषण के लिये सिस्टम में एक अंतर्निर्मित रडार फिंगरप्रिंटिंग और डेटा रिकॉर्डिंग रीप्ले सुविधा मौजूद है।
- यह भारतीय नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाएगी और यह उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।
- यह प्रणाली समुद्रीय युद्ध क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक प्रभुत्व और उत्तरजीविता (Survival) सुनिश्चित करने के लिये आधुनिक रडार और जहाज़-रोधी मिसाइलों के खिलाफ रक्षा की एक इलेक्ट्रॉनिक परत प्रदान करेगी।
- डिज़ाइन:
- रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला (DLRL) हैदराबाद।
- यह पारंपरिक और आधुनिक रडार की पहचान करने और उसे जाम करने के उद्देश्य से भारतीय नौसेना के प्रमुख युद्धपोतों के निर्माण के लिये रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की एक प्रयोगशाला है।
- रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला (DLRL) हैदराबाद।
- शक्ति प्रणाली:
- पहली शक्ति प्रणाली आईएनएस विशाखापत्तनम पर स्थापित की गई है और इसे स्वदेशी विमान वाहक, आईएनएस विक्रांत पर स्थापित किया जा रहा है।
- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) में बारह शक्ति सिस्टम्स का उत्पादन किया जा रहा है, जिन्हें कुल 1805 करोड़ रुपए की लागत से पचास से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) द्वारा सपोर्ट प्रदान किया जा रहा है।
- इन प्रणालियों को पी-15बी, पी-17ए और तलवार श्रेणी के फॉलो-ऑन जहाज़ोंं सहित उत्पादन के तहत ऑन-बोर्ड प्रमुख युद्धपोतों को स्थापित करने के लिये निर्धारित किया गया है।