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मछली में फॉर्मेलिन का पता लगाने हेतु सेंसर

  • 28 Dec 2023
  • 4 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

असम के गुवाहाटी विश्वविद्यालय के शोधकर्त्ताओं की एक टीम ने धात्विक ऑक्साइड-सह ग्राफीन ऑक्साइड (धात्विक ऑक्साइड- rGO) मिश्रण से बना एक नया सेंसर विकसित किया है जो गैर-आक्रामक तरीके से कमरे के तापमान पर ही मछलियों में फॉर्मेलिन अपमिश्रण/मिलावट का पता लगा सकता है।

नोट:

  • खाद्य अपमिश्रण भोजन को अधिक आकर्षक दिखाने या उसकी शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिये उसमें अवैध या हानिकारक पदार्थ मिलाने की प्रथा है।
  • फॉर्मेल्डिहाइड एक रंगहीन, तीखी गैस है जिसका उपयोग विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं में किया जाता है, जिसमें कुछ खाद्य पदार्थों में परिरक्षक के रूप में, आमतौर पर विकासशील देशों में मछली में उपयोग किया जाता है।
    • हालाँकि, भोजन में फॉर्मल्डिहाइड का उपयोग कई देशों में अवैध है, क्योंकि यह एक ज्ञात कार्सिनोजेन है।

मेटल ऑक्साइड-rGO सेंसर के मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • परिचय:
    • अपमिश्रित मछलियों (adulterated fishes) में फॉर्मेलिन का पता लगाने के लिये सेंसर ने ग्राफीन (ग्रेफाइट से निकाली गई सामग्री) ऑक्साइड (GO) और टिन ऑक्साइड-कम ग्राफीन ऑक्साइड कंपोजिट (rGO-SnO2) का उपयोग किया।
    • सेंसर कम लागत वाला गैर-आक्रामक और चयनात्मक है तथा इसका उपयोग खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने एवं उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिये किया जा सकता है।
  • आवश्यकता:
    • मछलियों के लिये पारंपरिक फॉर्मेलिन सेंसर या तो महँगे इलेक्ट्रोकेमिकल आधारित या कम महँगे लेकिन आक्रामक कलरिमेट्रिक-आधारित प्रकार हैं।
      • दोनों को निम्न-स्तरीय और चयनात्मक पहचान की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
  • कार्य पद्धति:
    • GO, ग्राफीन का ऑक्सीकृत रूप, कम विद्युत चालकता के कारण प्रारंभ में एक चुनौती पेश करता है।
      •  GO की सीमाओं को दूर करने के लिये, वैज्ञानिकों ने उन्नत गुणों के साथ टिन ऑक्साइड-कम ग्राफीन ऑक्साइड (rGO-SnO2) नामक एक मिश्रण विकसित किया।
    • कम ग्राफीन ऑक्साइड उच्च समाधान प्रक्रियाशीलता और अन्य सामग्रियों के साथ रासायनिक संशोधन में आसानी प्रदान करता है, जबकि टिन ऑक्साइड फॉर्मेल्डिहाइड की कम सांद्रता के प्रति उच्च स्थिरता तथा संवेदनशीलता प्रदान करता है।
    • टिन ऑक्साइड (SnO2) से तैयार किया गया सेंसर, रिड्यूस्ड ग्राफीन ऑक्साइड (rGO) से सुसज्जित है, जो कमरे के तापमान पर फॉर्मेल्डिहाइड वाष्प की प्रभावी सेंसिंग को प्रदर्शित करता है।
      • rGO को ज़हरीली गैसों का पता लगाने के लिये जाना जाता है, जबकि SnO2  फॉर्मेल्डिहाइड का पता लगाने में उत्कृष्ट है। यह संयोजन उनकी शक्तियों को अधिकतम करता है।
    • प्रोटोटाइप की डिज़ाइनिंग प्रयोगशाला में चल रही है जिसे खाद्य मिलावट के क्षेत्र में एक सफलता माना जा सकता है।
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