प्रारंभिक परीक्षा
सेमीकॉन इंडिया 2024 और ITSI फंड
- 16 Sep 2024
- 6 min read
स्रोत: इकॉनोमिक्स टाइम्स
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने सेमीकॉन इंडिया उद्योग सम्मेलन का उद्घाटन किया तथा अमेरिका, जापान और सिंगापुर जैसे देशों के साथ भारत की बढ़ती साझेदारी को रेखांकित किया।
- एक अन्य घटनाक्रम में अमेरिका और भारत ने सुरक्षित वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला तथा दूरसंचार नेटवर्क के विकास को बढ़ावा देने हेतु अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सुरक्षा एवं नवाचार (ITSI) कोष के तहत सहयोग किया।
सेमीकॉन इंडिया सम्मेलन क्या है?
- सेमीकॉन इंडिया- 2024 को इलेक्ट्रॉनिका और प्रोडक्ट्रोनिका इंडिया के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किया गया, जिससे यह दक्षिण एशिया में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिये सबसे बड़ा एकल आयोजन बन गया।
- इलेक्ट्रॉनिका और प्रोडक्ट्रोनिका इंडिया इलेक्ट्रॉनिक घटकों, प्रणालियों, अनुप्रयोगों एवं समाधानों के लिये दक्षिण एशिया का अग्रणी व्यापार मेला है।
- इसमें व्यापक प्रदर्शनियाँ, ज्ञानवर्द्धक कार्यक्रम और विशिष्ट नेटवर्किंग के अवसर उपलब्ध कराए गए।
सेमीकंडक्टर उद्योग के लिये भारत का दृष्टिकोण क्या है?
- भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग को आयाम देने और एक सुदृढ़ व आघातसह वैश्विक आपूर्ति शृंखला स्थापित करने के प्रयासों का नेतृत्व करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिये तैयार है।
- भारत अपने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को वर्तमान 150 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर दशक के अंत तक 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक करने की आकांक्षा तथा इस प्रक्रिया में 6 मिलियन से अधिक रोज़गार अवसर सृजित करने का लक्ष्य रखता है।
- भारत अंतर्राष्ट्रीय सेमीकंडक्टर उद्योग के सम्मेलन की मेज़बानी करने वाला विश्व का आठवाँ देश बन गया है, जो इस रणनीतिक क्षेत्र में देश की बढ़ती प्रमुखता में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।
- भारत की त्रिस्तरीय शक्ति- सुधारोन्मुख सरकार, एक विकसित होता हुआ विनिर्माण क्षेत्र तथा एक प्रौद्योगिकी-संचालित, आकांक्षी समाज और बाज़ार में निहित है।
- भारत अपनी प्रतिभा, बढ़ते अनुसंधान निवेश, बढ़ती डेटा सेंटर मांग और हरित परिवर्तन प्रयासों के साथ एक वैश्विक सेमीकंडक्टर पावरहाउस बनने के लिये तैयार है।
- इसका लक्ष्य 113 शैक्षिक और अनुसंधान संस्थानों के साथ रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से अगले दशक में 85,000 इंजीनियरों तथा तकनीशियनों को प्रशिक्षित करना है।
- उत्तर प्रदेश सेमीकंडक्टर डिज़ाइन हब और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में अग्रणी राज्य के रूप में उभर रहा है।
ITSI फंड क्या है?
- अमेरिका, अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सुरक्षा और नवाचार कोष (ITSI) के माध्यम से वैश्विक सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार एवं विविधता लाने के लिये भारत सरकार के साथ सहयोग कर रहा है।
- चिप्स (CHIPS) अधिनियम ने वैश्विक अर्द्धचालक आपूर्ति शृंखला और दूरसंचार नेटवर्क को सुरक्षित एवं विकसित करने के लिये ITSI फंड का निर्माण किया।
- प्रारंभिक चरण में भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र की व्यापक समीक्षा शामिल है, जिसमें असेंबली, परीक्षण और पैकेजिंग (ATP) पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- अमेरिका-भारत सहयोग का उद्देश्य वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला को आगे बढ़ाना और डिजिटल परिवर्तन का समर्थन करना है।
- यह साझेदारी आपूर्ति शृंखला लॉजिस्टिक्स की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी तथा डिजिटल प्रगति के न्यायसंगत लाभ सुनिश्चित करने के लिये साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ तकनीकी लक्ष्यों को भी संरेखित करेगी।
सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिये सरकार की पहल
- उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (PLI)
- माइक्रोप्रोसेसरों के उत्पादन के लिये डिजिटल RISC-V (DIR-V) कार्यक्रम
- सेमीकंडक्टर्स के लिये संशोधित विशेष प्रोत्साहन पैकेज योजना (M-SIPS)
- उच्च गुणवत्ता वाले इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने के लिये चिप्स टू स्टार्टअप (C2S) कार्यक्रम
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्सप्रश्न. भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन के संदर्भ में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजिये:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) |