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प्रारंभिक परीक्षा

HIV की सेल्फ-टेस्टिंग

  • 25 Feb 2025
  • 8 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों? 

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसलेशनल वायरोलॉजी एंड एड्स रिसर्च (ICMR-NITVAR) और मिज़ोरम विश्वविद्यालय द्वारा किये गए एक अध्ययन में मिज़ोरम में ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (HIV) की सेल्फ-टेस्टिंग की सफलता पर प्रकाश डाला गया है।

अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष क्या हैं?

  • HIV सेल्फ-टेस्टिंग: इस अध्ययन में मिज़ोरम में HIV सेल्फ-टेस्टिंग कार्यान्वयन का परीक्षण किया गया, जहाँ भारत में सबसे अधिक (राष्ट्रीय औसत से 13 गुना अधिक) HIV प्रसार (2.73%) है।
    • राज्य में इस महामारी का प्रसार मुख्यतः नशीली दवाओं के प्रयोग एवं व्यावसायिक यौन क्रियाओं के कारण हुआ है।
      • प्रारंभिक परीक्षण के अभाव और कलंक के कारण कई लोग समय पर उपचार प्राप्त करने में असमर्थ रहते हैं।
    • HIV सेल्फ-टेस्टिंग से व्यक्ति को अपना रक्त या लार का नमूना एकत्र करने तथा परीक्षण किट का उपयोग करके परिणामों को जानने की सुविधा मिलती है।
  • कलंक-मुक्त और प्राइवेट: इस अध्ययन में पाया गया कि उच्च जोखिम वाले समूहों के लिये अपनी HIV स्थिति जानने के क्रम में सेल्फ-टेस्टिंग, पारंपरिक सुविधाओं की तुलना में अधिक सुविधाजनक, गोपनीय और प्रभावी है तथा अन्य राज्यों में भी इसको अपनाए जाने की संभावना है।

नोट: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वर्ष 2016 में सेल्फ-टेस्टिंग को मंज़ूरी दी थी और तब से 41 देशों ने इसे अपनाया है। भारत ने अभी तक HIV सेल्फ-टेस्टिंग के लिये औपचारिक दिशा-निर्देश जारी नहीं किये हैं।

ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • HIV वायरस द्वारा CD4 कोशिकाओं (श्वेत रक्त कोशिकाओं) को लक्षित करके प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला किया जाता है। यदि इसका उपचार न किया जाए तो यह AIDS (एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम) का कारण बन सकता है और शरीर को संक्रमण तथा कैंसर के प्रति संवेदनशील बना सकता है।
  • संचरण: HIV संक्रमित शरीर द्रवों जैसे रक्त, वीर्य, ​​स्तन्य दुग्ध, योनि द्रव के प्रत्यक्ष संपर्क से, तथा असुरक्षित लैगिक संबंध, टैटू और संक्रमित सुइयों के माध्यम से संचरित होता है किंतु आकस्मिक संपर्क से नहीं।
  • लक्षण: प्रारंभिक चरण (ज्वार, रैश), उत्तरवर्ती चरण (लिम्फ नोड्स में सूजन, वज़न घटना, अतिसार), और गंभीर चरण (तपेदिक, मेनिन्जाइटिस, कैंसर (जैसे लिम्फोमा))।
  • जोखिम कारक: एक से अधिक व्यक्ति से लैंगिक संबंध होना अथवा यौन संचारित संक्रमण (STI) होना, असुरक्षित रक्त आधान।
  • निदान: परीक्षण के दिन ही परिणाम प्राप्त करने हेतु तीव्र नैदानिक ​​परीक्षण, सेल्फ-टेस्टिंग किट, और पुष्टिकरण वायरोलॉजिकल परीक्षण।
  • रोकथाम: नियमित HIV परीक्षण, STI स्क्रीनिंग, सुरक्षित रक्त आधान, और टैटू के लिये वंध्यीकृत अथवा स्टेरलाइज़्ड नीडल का उपयोग इसकी रोकथाम के लिये आवश्यक है।
  • उपचार: HIV का कोई उपचार नहीं है और एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) मात्र वायरस को नियंत्रित करने में मदद करती है। स्वास्थ्य बनाए रखने के लिये ART को जीवन भर जारी रखना चाहिये।
  • उन्नत HIV रोग (AHD): WHO AHD को CD4 <200 cells/mm³ के रूप में परिभाषित करता है। AHD ग्रसित रोगियों में ART शुरू करने के बाद भी मृत्यु का उच्च जोखिम होता है।
  • वैश्विक प्रतिक्रिया: वर्ष 2030 तक HIV महामारी का उन्मूलन (संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्य 3.3)।
  • भारत की प्रगति: इंडिया HIV एस्टिमेट्स 2023 के अनुसार भारत में HIV से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या 2.5 मिलियन है, जिनमें से 0.2% वयस्क हैं। वर्ष 2010 के बाद से संक्रमण के नए मामलों में 44% की गिरावट आई है, जो वैश्विक 39% की गिरावट से अधिक है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा रोग टैटू गुदवाने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है? (2013) 

  1. चिकनगुनिया
  2. हेपेटाइटिस बी    
  3. HIV-एड्स 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (b)


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही नहीं है? (2019) 

(a) यकृतशोध B विषाणु HIV की तरह ही संचरित होता है।
(b) यकृतशोध C का टीका होता है, जबकि यकृतशोध B का कोई टीका नहीं होता।
(c) सार्वभौम रूप से यकृतशोध B और C विषाणुओं से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या HIV से संक्रमित लोगों की संख्या से कई गुना अधिक है।
(d) यकृतशोध B और C विषाणुओं से संक्रमित कुछ व्यक्तियों में अनेक वर्षों तक इसके लक्षण दिखाई नहीं देते।

उत्तर: (b)


प्रश्न. मानव प्रतिरक्षा-हीनता विषाणु (हयूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) के संचरण के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक कथन सही नहीं है? (2010)

(a) स्त्री से पुरुष में संचरण की संभावना पुरुष से स्त्री में संचरण की तुलना में दुगुनी होती है।
(b) यदि व्यक्ति किसी अन्य यौन-संचारित रोग से भी पीड़ित है, तो संचरण की संभावना बढ़ जाती है।
(c) संक्रमण-पीड़ित माँ अपने शिशु को गर्भावस्था के दौरान, प्रसूति के समय तथा स्तनपान से संक्रमण संचारित कर सकती है।
(d) दूषित सुई लगने की तुलना में संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने पर संक्रमण का जोखिम कहीं अधिक होता है।

उत्तर: (a)


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2010)

  1. हैपेटाइटिस B, HIV/एड्स की तुलना में कई गुना अधिक संक्रामक है। 
  2. हैपेटाइटिस B यकृत कैंसर उत्पन्न कर सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं ?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (c)

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