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समुद्री मात्स्यिकी को बढ़ावा देने हेतु सागरीय रेंचिंग पहल

  • 15 Nov 2024
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

केरल मत्स्य विभाग ने सतत् मात्स्यिकी को बढ़ावा देने के लिये तिरुवनंतपुरम के तट पर एक सागरीय रेंचिंग पहल शुरू की है।

  • समुद्री रेंचिंग या महासागरीय रेंचिंग, मत्स्य पालन का एक प्रकार है, जिसमें युवा मछलियों को बिना किसी संरक्षण या सहायता के प्राकृतिक रूप से वृद्धि के लिये समुद्र में छोड़ दिया जाता है, उसके बाद उनका शिकार किया जाता है।
  • समुद्री मत्स्य संसाधनों के पुनः भरण के उद्देश्य से तिरुवनंतपुरम तट के 10 स्थानों पर 10 लाख पोम्पानो और कोबिया फिंगरलिंग्स (समुद्री मछली प्रजातियाँ) छोड़ी जाएंगी।
  • यह परियोजना प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) के अंतर्गत कृत्रिम चट्टान पहल का अनुसरण करती है, जिसका उद्देश्य समुद्री जैवविविधता में वृद्धि करना है।
    • तिरुवनंतपुरम में 42 स्थानों पर स्थापित कृत्रिम चट्टानों ने ट्यूना, ट्रेवल्ली और मैकेरल जैसी विभिन्न मछली प्रजातियों को आकर्षित किया है।
  • परियोजना के भावी चरणों में केरल के 96 गाँवों तक कृत्रिम भित्तियों का विस्तार करने का प्रस्ताव है।
  • PMMSY को मत्स्य पालन विभाग, मात्स्यिकी, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र के पारिस्थितिक रूप से स्वस्थ, आर्थिक रूप से व्यवहार्य एवं सामाजिक रूप से समावेशी विकास के लिये शुरू किया गया था।

और पढ़ें: प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना

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