उपग्रह आधारित टोल संग्रह प्रणाली | 14 Jun 2024
स्रोत: द हिंदू
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highway Authority of India- NHAI) ने उपग्रह आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली के कार्यान्वयन के लिये अभिरुचि की अभिव्यक्ति (EoI) आमंत्रित की है।
- EoI प्राप्तकर्त्ता इकाई को ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) के लिये एक भू-संदर्भ मानचित्र और टोल-चार्जिंग सॉफ्टवेयर विकसित करना होगा।
- इसमें एक भू-संदर्भ डिजिटल मानचित्र अथवा छवि को विश्वसनीय पृथ्वी निर्देशांक प्रणाली से जोड़ा गया है, ताकि उपयोगकर्त्ता यह निर्धारित कर सकें कि मानचित्र अथवा छवि पर दर्शाए गए प्रत्येक बिंदु की अवस्थिति पृथ्वी की सतह पर कहाँ है।
- GNSS किसी भी उपग्रह नक्षत्र जो स्थिति, दिशाज्ञान और समय डेटा प्रसारित करता है, के लिये प्रयुक्त सामान्य पद है। इसका उपयोग अंतरिक्ष स्टेशनों, विमानन, समुद्री, रेल, सड़क और जन परिवहन जैसे सभी प्रकार के परिवहन में किया जाता है।
- भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (IRNSS) एक स्वायत्त प्रणाली है जिसे भारत के क्षेत्र और इसके मुख्य भू-भाग के निकटवर्ती 1500 किमी. क्षेत्र को कवर करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। इस प्रणाली में 7 उपग्रह शामिल हैं।
- NHAI ने GNSS-आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली को वर्तमान में वाहनों द्वारा उपयोग किये जा रहे RFID-आधारित फास्टैग के साथ क्रियान्वित करने की योजना बनाई है।
- FASTag एक ऐसा उपकरण है जिसमें वाहन के गतिमय रहने के दौरान ही उसका टोल भुगतान करने के लिये रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का उपयोग किया जाता है।
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