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राज्यसभा अध्यक्ष द्वारा उपाध्यक्ष के पैनल में 4 महिला सांसद नामित

  • 22 Jul 2023
  • 5 min read

राज्यसभा के सभापति ने चार महिला सांसदों को उपाध्यक्ष के पैनल में नामांकित किया, जिससे राज्यसभा के इतिहास में पहली बार महिलाओं को पैनल में समान प्रतिनिधित्व मिला, जबकि महिला आरक्षण विधेयक, जो पहली बार वर्ष 1996 में प्रस्तुत किया गया था, अभी भी लंबित है। 

  • श्रीमती एस. फांगनोन कोन्याक नगालैंड से राज्यसभा सदस्य के रूप में चुनी जाने वाली पहली महिला हैं।
  • एक अन्य उल्लेखनीय विकास में राज्यसभा अध्यक्ष का पद पूरी तरह से डिजिटल हो गया है।

राज्यसभा के उपाध्यक्ष का पैनल: 

  • संविधान का अनुच्छेद 118(1) संसद के प्रत्येक सदन को अपनी प्रक्रिया और अपने कार्य संचालन को विनियमित करने के लिये नियम बनाने का अधिकार देता है।
  • संविधान के इस प्रावधान के तहत राज्यसभा ने वर्ष 1964 में अपनी प्रक्रिया और अपने कामकाज़ के संचालन को विनियमित करने के लिये नियमों को अपनाया था।
  • राज्यसभा के नियमों के तहत सभापति सदस्यों में से उपसभापति का एक पैनल नामित करता है जो तब तक पद पर रहता है जब तक कि उपसभापति का एक नया पैनल नामित नहीं हो जाता।
  • सभापति या उपसभापति की अनुपस्थिति में इनमें से कोई भी सदन की अध्यक्षता कर सकता है।
  • राज्यसभा की अध्यक्षता करते समय उपसभापति के पास अध्यक्ष के समान शक्तियाँ होती हैं।
  • जब उपाध्यक्ष के पैनल का कोई सदस्य उपस्थित नहीं होता है, तो सदन द्वारा निर्धारित कोई अन्य व्यक्ति अध्यक्ष के रूप में कार्य करता है।
  • सभापति या उपसभापति का पद रिक्त होने पर उपसभापति पैनल का कोई सदस्य सदन की अध्यक्षता नहीं कर सकता।
  • ऐसे समय सभापति के कर्तव्यों का पालन सदन के ऐसे सदस्य द्वारा किया जाना चाहिये जिसे राष्ट्रपति इस उद्देश्य के लिये नियुक्त करता है।

संसद में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की स्थिति:

  • हाल के दिनों में लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या में नियमित रूप से बढ़ोतरी देखी गई है। लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या वर्ष 2004 (14वीं लोकसभा) के 45 (8.3%) से बढ़कर वर्ष 2019 (17वीं लोकसभा) में 81 (14.9%) हो गई है।

 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2013) 

  1. राज्यसभा का सभापति और उपसभापति उस सदन के सदस्य नहीं होते।
  2. जबकि राष्ट्रपति के निर्वाचन में संसद के दोनों सदनों के मनोनीत सदस्यों को मतदान का कोई अधिकार नहीं होता, उनको उपराष्ट्रपति के निर्वाचन में मतदान का अधिकार होता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(A) केवल 1 
(B) केवल 2 
(C) 1 और 2 दोनों 
(D) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (B)

  • भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है, जो इसके सत्रों की अध्यक्षता करता है, लेकिन वह उस सदन का सदस्य नहीं होता। हालाँकि उपसभापति, जो सभापति की अनुपस्थिति में सदन के रोज़मर्रा के मामलों की देखभाल करता है, राज्यसभा के सदस्यों में से चुना जाता है। इस प्रकार उपसभापति सदन का सदस्य होता है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • निर्वाचक मंडल जो भारत के राष्ट्रपति का चुनाव करता है, लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्यों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्रशासित प्रदेश पुद्दुचेरी सहित राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों से बना है। दोनों सदनों के जिन सदस्यों को नामांकित किया गया है, वे राष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं करते हैं।  
  • उपराष्ट्रपति का चुनाव राज्यसभा और लोकसभा दोनों के निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों द्वारा किया जाता है। अतः कथन 2 सही है। अतः विकल्प (B) सही उत्तर है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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