देविका नदी कायाकल्प परियोजना | 08 Aug 2023
हाल ही में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने देविका नदी कायाकल्प परियोजना की प्रगति की ओर ध्यानाकर्षित किया।
- देविका नदी कायाकल्प परियोजना अगस्त 2023 तक पूर्ण होने वाली है, जिसमें देविका नदी की पारिस्थितिक और सांस्कृतिक जीवन शक्ति को बहाल करने में महत्त्वपूर्ण प्रगति हुई है।
- नमामि गंगे कार्यक्रम से प्रेरित इस पहल का उद्देश्य पवित्र देविका नदी की स्वच्छता और स्वास्थ्य की रक्षा करना है।
देविका नदी कायाकल्प परियोजना:
- व्यापक अपशिष्ट प्रबंधन:
- तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान आकर्षण करना।
- घरों को जोड़ने वाले पाइप्स और मैनहोल्स का एक नेटवर्क स्थापित करना।
- इसका प्राथमिक उद्देश्य तरल अपशिष्ट का कुशल निपटान सुनिश्चित करना, प्रदूषण को रोकना और नदी की पवित्रता को बनाए रखना है।
- पूरक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन:
- इस परियोजना में तरल अपशिष्ट के अतिरिक्त ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का महत्त्वपूर्ण पहलू भी शामिल है।
- इसमें स्थानीय समुदायों द्वारा उत्पन्न ठोस अपशिष्ट पदार्थों का संग्रह, निपटान और प्रबंधन शामिल है।
- पर्यावरणीय क्षरण को रोकने और नदी एवं इसके आसपास के समग्र पर्यावरणीय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिये ठोस अपशिष्ट का उचित प्रबंधन आवश्यक है।
- इस परियोजना में तरल अपशिष्ट के अतिरिक्त ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का महत्त्वपूर्ण पहलू भी शामिल है।
- वित्तीय आवंटन विवरण:
- इस परियोजना को 190 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश प्राप्त हुआ है।
- केंद्र एवं केंद्रशासित प्रदेश के बीच 90:10 के अनुपात में आवंटन साझा किया गया है।
- PRI के माध्यम से समुदायों का सशक्तीकरण:
- ज़मीनी स्तर पर परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने में पंचायती राज संस्थाएँ (PRI) महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- PRI की भागीदारी सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाती है, स्वामित्व और सतत् विकास प्रथाओं को बढ़ावा देती है।
देविका नदी के संदर्भ में मुख्य तथ्य:
- उत्पत्ति:
- देविका नदी का उद्गम जम्मू-कश्मीर के उधमपुर ज़िले की पहाड़ी शुद्ध महादेव मंदिर से होता है तथा यह पश्चिमी पंजाब (अब पाकिस्तान में) की ओर बहती हुई रावी नदी में मिल जाती है।
- सांस्कृतिक महत्त्व: