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रोडोडेंड्रन

  • 21 Feb 2023
  • 3 min read

हाल ही में भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण ने 'रोडोडेंड्रन ऑफ सिक्किम एंड दार्जिलिंग हिमालय- एन इलस्ट्रेटेड अकाउंट' शीर्षक से एक नई रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें रोडोडेंड्रन के 45 टैक्सा (जीव वैज्ञानिक वर्गीकरण) को सूचीबद्ध किया गया है।

Rhododendron

रोडोडेंड्रन:  

  • रोडोडेंड्रन फूलों के पौधों की प्रजाति है और इसमें लगभग 1,000 प्रजातियाँ शामिल हैं। ये मुख्य रूप से एशिया, उत्तरी अमेरिका और यूरोप के समशीतोष्ण क्षेत्रों के साथ-साथ दक्षिण-पूर्व एशिया तथा उत्तरी ऑस्ट्रेलिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
  • कई प्रजातियाँ बगीचों और पार्कों में इनके बड़े आकार एवं चमकीले रंग के कारण लोकप्रिय सजावटी पौधों के रूप में विख्यात हैं।
  • रोडोडेंड्रन सदाबहार या पर्णपाती झाड़ियाँ या छोटे पेड़ होते हैं, जिनका तना चौड़ा तथा पत्ते सख्त होते हैं।  
  • भारत में गुलाबी रोडोडेंड्रन हिमाचल प्रदेश का राज्य फूल है, जबकि रोडोडेंड्रन आर्बोरम नगालैंड का राज्य फूल और उत्तराखंड का आधिकारिक राज्य वृक्ष है।

रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ:  

  • रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत के सभी रोडोडेंड्रन प्रकारों में से एक-तिहाई (34%) से अधिक दार्जिलिंग और सिक्किम हिमालय में पाए जाते हैं, बावजूद इसके कि यह क्षेत्र भारत के भौगोलिक क्षेत्र का केवल 0.3% हिस्सा है। 
  • भारत में रोडोडेंड्रन की 132 टैक्सा (80 प्रजातियाँ, 25 उप-प्रजातियाँ एवं 27 किस्में) पाई जाती हैं। 
  • रिपोर्ट में सूचीबद्ध 45 टैक्सा में से पाँच मानवीय दबाव तथा जलवायु परिवर्तन के कारण उच्च जोखिम का सामना कर रही हैं।
    • रोडोडेंड्रन एजवर्थी, रोडोडेंड्रन निवेम, रोडोडेंड्रन बेली, रोडोडेंड्रन लिंडलेई और रोडोडेंड्रन मैडेनी संकटग्रस्त प्रजातियाँ हैं। 
  • रोडोडेंड्रन को जलवायु परिवर्तन हेतु एक संकेतक प्रजाति माना जाता है क्योंकि कुछ प्रजातियों के लिये उनके फूलों का मौसम जनवरी की शुरुआत से हो सकता है।

स्रोत: द हिंदू

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