राइसोटोप प्रोजेक्ट | 28 Jun 2024
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों ने एक अग्रणी परियोजना के तहत सीमा चौकियों पर सरलता से गैंडों का पता लगाने के लिये उनके सींगों में रेडियोधर्मी पदार्थ इंजेक्ट किया जिसका उद्देश्य लोगों द्वारा गैंडों के अवैध शिकार पर अंकुश लगाना है।
राइज़ोटोप प्रोजेक्ट क्या है?
- परिचय:
- राइज़ोटोप प्रोजेक्ट वर्ष 2021 में शुरू किया गया था और इसमें सजीव गैंडों के सींगों में मापी गई मात्रा में रेडियोआइसोटोप अंतःक्षेपित किया जाना शामिल है।
- इस परियोजना के तहत एक गैंडे के सींग में "दो छोटे रेडियोधर्मी चिप" लगाए गए।
- ये रेडियोआइसोटोप सींग को मानव द्वारा प्रयोग में लाए जाने के लिये "व्यर्थ" और "विषैला" बनाते हैं।
- परियोजना के अंतिम चरण में गैंडों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये अंतः क्षेपण के बाद की देखभाल और रक्त के नमूने एकत्र करना शामिल है। रेडियोधर्मी पदार्थ गैंडे की सींग पर पाँच वर्ष की अवधि तक प्रभावी होता है, जो प्रत्यके 18 माह में उन्हें अवैध शिकार से बचाने के लिये उनके सींग हटाने की तुलना में अधिक लागत प्रभावी है।
- इस परियोजना का उद्देश्य गैंडों के संरक्षण के लिये नाभिकीय विज्ञान को नवीन रूप में उपयोग में लाना है।
- इसका उपयोग गैंडों के लिये गैर-घातक किंतु प्रभावशाली है जो सींग के अंतिम उपयोगकर्त्ताओं की मांग को मूल रूप से कम करने और गैंडों को विलुप्त होने के वास्तविक खतरे से बचाने का लक्ष्य रखता है।
- प्रभाव:
- गैंडों को बेहोश कर प्रयोग में लाई गई यह प्रक्रिया जंतुओं के लिये सुरक्षित है, जिसमें विकिरण की मात्रा इतनी कम होती है कि इससे उनके स्वास्थ्य अथवा पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
- रेडियोधर्मी से अंतःक्षेपित सींगों का अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर पता लगने की संभावना अधिक होती है, जिससे इनके सींगों की तस्करी करने वाले गिरोहों के उजागर होने, उन पर मुकदमा चलाने और आतंकवाद-रोधी कानूनों के तहत उन्हें दोषी सिद्ध किये जाने की संभावना अधिक होती है।
- आवश्यकता:
- ब्लैक मार्केट में गैंडों के सींग की कीमत सोने और कोकीन के बराबर होती है जो दर्शाता है कि ये अत्यधिक कीमती होते हैं।
- पूर्व में उनके शिकार की रोकथाम के लिये की गई रणनीतियाँ विफल रही हैं, जिसमें उनका सींग काट दिया जाता था और सींगों को विषैला बना दिया जाता था।
- सरकार के प्रयासों के बावजूद, मुख्य रूप से राज्य द्वारा संचालित पार्कों में वर्ष 2023 में 499 गैंडों का शिकार कर उन्हें मार दिया गया, यह आँकड़ें वर्ष 2022 के आँकड़ों से 11% अधिक है।
वन्यजीव संरक्षण के लिये कानूनी ढाँचा
- वैश्विक वन्यजीव संरक्षण प्रयास जिसमें भारत भी एक पक्ष है:
- वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय (CITES)
- वन्यजीवों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर अभिसमय (CMS)
- जैविक विविधता पर अभिसमय (CBD)
- विश्व विरासत अभिसमय
- रामसर अभिसमय
- वन्यजीव व्यापार निगरानी नेटवर्क (TRAFFIC)
- वनों पर संयुक्त राष्ट्र फोरम (UNFF)
- अंतर्राष्ट्रीय व्हेलिंग आयोग (IWC)
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN)
- ग्लोबल टाइगर फोरम (GTF)
- घरेलू ढाँचा:
- गैंडों के लिये विशेष रूप से संरक्षण प्रयास:
- एशियाई राइनो पर नई दिल्ली घोषणा
- सभी राइनो का DNA प्रोफाइल
- राष्ट्रीय राइनो संरक्षण रणनीति
- इंडियन राइनो विज़न 2020
- स्थानांतरण: वर्ष 2023 की शुरुआत में मानस राष्ट्रीय उद्यान में गैंडों के स्थानांतरण को वर्ष 2024 के लिये पुनर्निर्धारित किया गया था, जबकि जनवरी में एक अवैध गैंडे की खोज के बाद सुरक्षा उपायों को मज़बूत किया गया था।
- राइनो कॉरिडोर: वर्ष 2022 में असम सरकार ने उत्तर-मध्य असम में ओरंग राष्ट्रीय उद्यान में लगभग 200 वर्ग किमी. क्षेत्र जोड़ने को अंतिम रूप दिया, जो इस संरक्षित क्षेत्र और प्रमुख गैंडा आवास के आकार के दोगुना से भी अधिक है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. वाणिज्य में प्राणिजात और वनस्पति-जात के व्यापार-संबंधी विश्लेषण (ट्रेड रिलेटेड एनालिसिस ऑफ फौना एंड फ्लौरा इन कॉमर्स/TRAFFIC) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) |