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ग्राम रक्षा समितियों का पुनरुद्धार

  • 18 Jan 2023
  • 4 min read

हाल के आतंकवादी हमलों के बीच जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) ने ग्राम रक्षा समितियों (Village Defence Committees- VDC) को पुनर्स्थापित करने की घोषणा की है। 

क्या हैं VDC?

  • परिचय:  
    • VDC की स्थापना 1990 के दशक के मध्य आतंकवादी हमलों के खिलाफ बल गुणक/फोर्स मल्टीप्लायर के रूप में की गई थी।
    • इसका उद्देश्य दूरदराज़ के पहाड़ी गाँवों के निवासियों को हथियार मुहैया कराना और उन्हें अपनी रक्षा के लिये हथियारों का प्रशिक्षण देना था। 
  • VDCs स्थापित करने की आवश्यकता:
    • कश्मीर में वर्ष 1990 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ आतंकवाद वर्ष 1990 के दशक के मध्य तक पास के डोडा ज़िले में फैल गया था।  
      • वर्ष 1993 में किश्तवाड़ में 13 लोगों के नरसंहार के बाद पहली बार नागरिक आबादी को हथियार देने की मांग उठी।
    • गृह मंत्रालय ने 1995 में VDCs स्थापित करने का फैसला लिया। बाद में इस योजना का विस्तार जम्मू संभाग के अन्य इलाकों में भी किया गया क्योंकि आतंकवादियों ने उधमपुर, रियासी, राजौरी, पुंछ, कठुआ और सांबा ज़िलों तक अपनी गतिविधियाँ बढ़ा दी थीं। 
  • योगदान:  
    • जम्मू संभाग के अधिकांश हिस्सों, विशेष रूप से चिनाब घाटी और पीर पंजाल क्षेत्रों, उधमपुर की पहाड़ियों तथा रियासी और कठुआ ज़िलों में आतंकवाद के चरम पर होने के दौरान VDCs ने आतंकवाद का मुकाबला करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।  
      • ये उन क्षेत्रों में आतंकवादियों के मध्य सर्वाधिक भयावह सशस्त्र समूह थे जहाँ खराब सड़क नेटवर्क के कारण सुरक्षा बलों के आगमन में देरी होती थी। 
    • स्थानीय क्षेत्रों से अच्छी तरह परिचित ग्रामीणों ने कई आतंकवादियों को हमले करने से रोकने और उन्हें पकड़ने तथा मारने में मदद की।
  • संबंधित समस्याएँ:  
    • सफलताओं के साथ-साथ, VDC को मानवाधिकारों के उल्लंघन और हत्या, बलात्कार एवं जबरन वसूली जैसे अपराधों के आरोपों का भी सामना करना पड़ा।
  • हालिया विकास:  
    • VDCs का नाम बदलकर अब ग्राम रक्षा गार्ड (Village Defence Guards- VDG) कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील क्षेत्रों में VDG स्थापित करने की नई योजना को मार्च 2022 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया था।
    • VDG संबंधित ज़िले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP)/पुलिस अधीक्षक (SP) के निर्देशन में काम करेंगे।
    • VDC और VDG में समानताएँ तथा अंतर:
      • समानता: VDC सदस्य की तरह, प्रत्येक VDG को एक बंदूक और 100 राउंड गोला बारूद प्रदान किया जाएगा।
      • अंतर: नई योजना के तहत VDG का नेतृत्व करने वाले व्यक्तियों को सरकार द्वारा प्रतिमाह 4,500 रुपए का भुगतान किया जाएगा, जबकि अन्य को 4,000 रुपए प्रतिमाह मिलेंगे।
        • VDC में केवल नेतृत्व करने वाले विशेष पुलिस अधिकारियों (SPOs) को 1,500 रुपए मासिक पारिश्रमिक प्रदान किया जाता था।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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