पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान | 04 Apr 2023
हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO/इसरो) और उसके सहयोगियों ने वैमानिकी परीक्षण रेंज (Aeronautical Test Range- ATR), चित्रदुर्ग, कर्नाटक में पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन (Reusable Launch Vehicle- RLV) हेतु एक सटीक लैंडिंग परीक्षण का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।
- भारतीय वायु सेना (Indian Air Forces- IAF) ने चिनूक हेलीकॉप्टर का उपयोग RLV-TD को 4.5 किमी की ऊँचाई से छोड़ने हेतु किया, जिसे इसरो ने योजना के अनुसार RLV-TD के लैंडिंग परीक्षण को अंजाम दिया।
इसरो का RLV प्रोजेक्ट:
- परिचय:
- इसरो के अनुसार, पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन-प्रौद्योगिकी प्रदर्शन (Reusable Launch Vehicle-Technology Demonstration- RLV-TD) के साथ परीक्षण की शृंखला "अंतरिक्ष में कम लागत वाली पहुँच को सक्षम करने हेतु पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन के लिये आवश्यक प्रौद्योगिकियों को विकसित करने" के प्रयासों का हिस्सा है।
- यह वाहन अंततः भारत के पुन: प्रयोज्य दो-चरण कक्षीय लॉन्च वाहन (TSTO) के पहले चरण के रूप में काम करने हेतु बनाया जाएगा।
- विशेषताएँ एवं अनुप्रयोग:
- ISRO का RLV-TD दिखने में एक वायुयान की तरह है। इसमें एक फ्यूज़लेज, एक नोज़ कैप, डबल डेल्टा विंग्स और ट्विन वर्टिकल टेल्स हैं।
- RLV-TD को हाइपरसोनिक फ्लाइट (HEX), ऑटोनॉमस लैंडिंग (LEX), रिटर्न फ्लाइट एक्सपेरिमेंट (REX), पावर्ड क्रूज़ फ्लाइट और स्क्रैमजेट प्रोपल्शन एक्सपेरिमेंट (SPEX) जैसी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में किया जाएगा।
- महत्त्व:
- किसी भी प्रकार के अंतरिक्ष अन्वेषण में सबसे बड़ा मुद्दा लागत होती है, ऐसे में पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन और अंतरिक्ष आकलन के लिये आवश्यकता अनुरूप मोड का उपयोग किया जाना लागत प्रभावी हो सकता है।
- किंतु, RLVs का उपयोग करने से वर्तमान लागत को लगभग 80 फीसदी तक कम किया जा सकता है।
- किसी भी प्रकार के अंतरिक्ष अन्वेषण में सबसे बड़ा मुद्दा लागत होती है, ऐसे में पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन और अंतरिक्ष आकलन के लिये आवश्यकता अनुरूप मोड का उपयोग किया जाना लागत प्रभावी हो सकता है।
- पूर्व में किये गए अन्य परीक्षण:
- ISRO ने मई 2016 के HEX मिशन में अपने विंग्ड व्हीकल RLV-TD का प्रदर्शन किया था।
- HEX मिशन में इस व्हीकल को बंगाल की खाड़ी के एक रनवे पर उतारने का वर्चुअल अथवा अभिकल्पित परीक्षण गया था, रनवे पर सटीक/वास्तविक लैंडिंग HEX मिशन का हिस्सा नहीं थी।
- लेक्स मिशन (LEX Mission) ने अंतिम दृष्टिकोण चरण हासिल किया जो एक स्वायत्त, उच्च गति (350 किमी. प्रति घंटे) लैंडिंग का प्रदर्शन करते हुए पुन: प्रवेश वापसी उड़ान पथ के साथ मेल खाता है।
- RLV या आंशिक RLV का उपयोग करने वाली अन्य एजेंसियाँ:
- पुन: प्रयोज्य अंतरिक्ष यान लंबे समय से अस्तित्त्व में हैं, जिसमें नासा (NASA) के अंतरिक्ष शटल दर्जनों मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशनों को अंज़ाम दे रहे हैं।
- स्पेसएक्स (SpaceX) वर्ष 2017 से अपने फॉल्कन 9 और फॉल्कन हैवी रॉकेट के साथ आंशिक रूप से पुन: प्रयोज्य लॉन्च सिस्टम का प्रदर्शन कर रहा है।
- स्पेसएक्स स्टारशिप नामक पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन प्रणाली पर भी काम कर रहा है।
निष्कर्ष:
RLV-TD कार्यक्रम का सफल लैंडिंग प्रयोग भारत के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विकास में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है। RLV-TD अंतरिक्ष तक कम लागत वाली पहुँच प्राप्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है और इसके सफल कार्यान्वयन से भविष्य में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को लाभ होगा
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारत के उपग्रह प्रमोचित करने वाले वाहनों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) |