रैपिड फायर
भारत को लौटाई गईं गुरु ग्रंथ साहिब की प्रतियाँ
- 30 Aug 2024
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में कतर की राजधानी दोहा में स्थित भारतीय दूतावास को गुरु ग्रंथ साहिब की दो प्रतियाँ (सरूप) लौटा दी गईं।
- दिसंबर, 2023 में कतर के अधिकारियों ने बिना अनुमति के धार्मिक प्रतिष्ठान संचालित करने के आरोपी व्यक्तियों से सिख धर्म की दो पवित्र पुस्तकों को ज़ब्त कर लिया था।
- सरूप के बारे में: यह श्री गुरु ग्रंथ साहिब की एक भौतिक प्रति है, जिसे पंजाबी में बीर (Bir) भी कहा जाता है।
- प्रत्येक बीर में 1,430 पृष्ठ होते हैं, जिन्हें अंग (Ang) कहा जाता है।
- सिख लोग गुरु ग्रंथ साहिब के सरूप को जीवित गुरु मानते हैं तथा इसका अत्यंत सम्मान करते हैं।
- गुरु अर्जन देव (5वें सिख गुरु) ने वर्ष 1604 में गुरु ग्रंथ साहिब की पहली बीर संकलित की और इसे अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में स्थापित किया।
- बाद में गुरु गोबिंद सिंह (10वें सिख गुरु) ने गुरु तेग बहादुर (9वें सिख गुरु) द्वारा लिखे गए छंदों को इसमें जोड़ा और दूसरी तथा अंतिम बार बीर को संकलित किया।
- गुरु ग्रंथ साहिब के बारे में: यह छह सिख गुरुओं, 15 संतों (भगत कबीर, भगत रविदास, शेख फरीद और भगत नामदेव), 11 भट्ट (गाथाकारों) तथा चार सिखों द्वारा लिखे गए भजनों का एक संग्रह है।
- ये पद 31 रागों में रचित हैं।
- वर्ष 1708 में गुरु गोबिंद सिंह ने गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का जीवित गुरु (Living Guru) घोषित किया।