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NTA का पुनर्गठन

  • 18 Dec 2024
  • 5 min read

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सरकार द्वारा नियुक्त पैनल ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) में व्यापक सुधारों की सिफारिश की है।

NTA के पुनर्गठन के लिये प्रमुख सिफारिशें क्या हैं?

  • सशक्त शासन: लेखापरीक्षा, नैतिकता और हितधारक संबंधों पर तीन उप-समितियों के साथ एक सशक्त शासी निकाय का निर्माण करना।
    • महानिदेशक (DG) की एक विशिष्ट नेतृत्वकारी भूमिका होनी चाहिये तथा वह कम से कम अतिरिक्त सचिव स्तर का होना चाहिये।
  • 'डिजी परीक्षा' प्रणाली: इसमें फर्जीवाड़ा रोकने के लिये ‘डिजी परीक्षा’ प्रणाली शुरू करने का सुझाव दिया गया है।
    • यह प्रक्रिया परीक्षा प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में उम्मीदवारों की पहचान प्रमाणित करने के लिये आधार, बायोमेट्रिक्स और AI एनालिटिक्स का उपयोग करती है।
  • मोबाइल परीक्षण केंद्र (MTC): पूर्वोत्तर, हिमालयी राज्यों और द्वीपों जैसे सुदूरवर्ती स्थानों तक पहुँचने के लिये हबों (Buses) को वर्क-स्टेशन, इंटरनेट कनेक्टिविटी और विद्युत् आपूर्ति से सुसज्जित करना।
  • हाइब्रिड परीक्षण विधियाँ: एन्क्रिप्टेड प्रश्न पत्रों को परीक्षण केंद्रों के केंद्रीकृत सर्वरों पर प्रेषित किया जाना चाहिये है, तथा गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिये उच्च गति वाले प्रिंटर का उपयोग करके सुरक्षित रूप से मुद्रित किया जाना चाहिये।
  • प्रश्न पत्रों का मुद्रण: मुद्रण, पैकेजिंग और परिवहन के दौरान मुद्रण प्रेस पर पूर्व-अनुमोदन सत्यापन और सतत् निगरानी की जानी चाहिये।
    • प्रश्नपत्र और OMR शीट विशिष्ट रूप से कोडित और ऑडिटेड होनी चाहिये। 
  • नवाचारों का परीक्षण: पैनल ने तीन नीतिगत नवाचारों की सिफारिश की।
    • बहु-सत्र परीक्षण: बड़े पैमाने पर होने वाली परीक्षाओं के लिये, विशेषकर जब प्रतिभागियों की संख्या दो लाख से अधिक हो।
    • बहु-चरणीय परीक्षण: परीक्षण चरणों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक चरण में अभ्यर्थी के ज्ञान या कौशल के विशिष्ट पहलू पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
    • क्लस्टर दृष्टिकोण: CUET प्रवेश के लिये विषय वस्तुओं की विस्तृत शृंखला को संबंधित विषयों के अधिक केंद्रित क्लस्टरों में सुव्यवस्थित करना।
  • परीक्षा केंद्र आवंटन: पैनल ने अभ्यर्थियों के निवास के निकट परीक्षा केन्द्र आवंटित करने तथा प्रत्येक ज़िले में सुरक्षित केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। 
    • राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को सरकारी संस्थानों को प्राथमिकता देते हुए 1,000 सुरक्षित केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य रखना चाहिये।
  • स्थायी स्टाफ: इसने NTA को स्थायी स्टाफ नियुक्त करने की सिफारिश की।
  • सहयोग: NTA को संपूर्ण परीक्षण प्रक्रिया के दौरान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) सहित टेस्ट इंडेंटिंग एजेंसियों के साथ सहयोग करना चाहिये।

राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी क्या है?

  • परिचय: NTA की स्थापना वर्ष 2017 में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत एक सोसायटी के रूप में की गई थी।
  • उद्देश्य: यह उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश/फेलोशिप के लिये प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिये एक प्रमुख, विशेषज्ञ, स्वायत्त और आत्मनिर्भर परीक्षण संगठन है। उदाहरण के लिये, JEE (मेन), CMAT, UGC - NET आदि।
  • शासी निकाय: NTA की अध्यक्षता शिक्षा मंत्रालय द्वारा नियुक्त एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् द्वारा की जाती है।
    • महानिदेशक को शिक्षाविदों/विशेषज्ञों की अध्यक्षता में 9 विभागों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।
    • CEO सरकार द्वारा नियुक्त महानिदेशक होता है।

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