प्रारंभिक परीक्षा
RBI द्वारा कोटक महिंद्रा बैंक के विरुद्ध नियामक कार्रवाई
- 09 May 2024
- 8 min read
स्रोत: द हिंदू
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने कोटक महिंद्रा बैंक (KMB) को उसके ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग चैनलों पर नए ग्राहकों को जोड़ने तथा नए क्रेडिट कार्ड जारी करने से रोक दिया है।
- हालाँकि, बैंक को अपने मौजूदा ग्राहकों को ये सेवाएँ प्रदान करने की अनुमति है।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रतिबंध लगाने का क्या कारण है?
- RBI के अनुसार, KMB ने निम्नलिखित आयामों के संदर्भ में "व्यापक स्तर पर नियमों को अनदेखा" किया:
- IT इन्वेंट्री और उपयोगकर्त्ता पहुँच प्रबंधन।
- डेटा लीक रोकथाम रणनीति।
- व्यापार निरंतरता और आपदा पुनर्प्राप्ति कठोरता एवं अभ्यास।
- RBI द्वारा वर्ष 2022 और 2023 के लिये बैंक के सिस्टम की जाँच के दौरान इन कमियों की पहचान की गई।
- नियामक ने पाया कि सिफारिशों और सुधारात्मक कार्य योजनाओं के बावजूद, KMB इन चिंताओं को व्यापक स्तर पर और त्वरित रूप से संबोधित करने में विफल रहा।
- बैंक को RBI की बाद की सिफारिशों या 'सुधारात्मक कार्य योजनाओं' (CAP) का अनुपालन न करने वाला भी माना गया।
- CAP विनियमित संस्थाओं की मज़बूती सुनिश्चित करने के लिये RBI की एक हस्तक्षेप योजना का हिस्सा हैं।
- RBI के प्रतिबंध का प्रभाव:
- नियामक कार्रवाई KMB की क्रेडिट वृद्धि और लाभप्रदता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है, क्योंकि क्रेडिट कार्ड बैंक के लिये अधिक उपज देने वाला लक्ष्य विकास खंड है।
- KMB को RBI की प्रमुख चिंताओं को पूरी तरह से संबोधित करने में एक वर्ष लग सकता है, क्योंकि बदलावों को लागू करने और बाहरी ऑडिट में समय लगेगा।
- यह प्रतिबंध KMB के खुदरा उत्पादों के विकास पथ में बाधा उत्पन्न करेगा, जिससे मार्जिन और लाभप्रदता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
- नियामक कार्रवाई KMB की क्रेडिट वृद्धि और लाभप्रदता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है, क्योंकि क्रेडिट कार्ड बैंक के लिये अधिक उपज देने वाला लक्ष्य विकास खंड है।
बैंकिंग विनियमन में RBI की क्या भूमिका है?
- बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949:
- RBI बैंकों के विनियमन और पर्यवेक्षण के लिये शासी निकाय है। बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 एक ऐसा अधिनियम है जो भारत के बैंकों को विनियमित करने के लिये एक रूपरेखा प्रदान करता है।
- यह अधिनियम RBI को बैंकों के व्यवहार को नियंत्रित करने की शक्ति देता है। यह अधिनियम बैंकिंग कंपनी अधिनियम, 1949 के रूप में पारित किया गया था।
- यह अधिनियम बैंक के दैनिक कार्यों की निगरानी करता है। इस अधिनियम के तहत, RBI बैंकों को लाइसेंस दे सकता है, शेयरधारकों की शेयरधारिता और वोटिंग अधिकारों पर विनियमन कर सकता है, बोर्ड एवं प्रबंधन की नियुक्ति की देखरेख कर सकता है तथा ऑडिट के लिये निर्देश दे सकता है। RBI विलय और परिसमापन में भी भूमिका निभाता है।
- कोई भी बैंकिंग कंपनी RBI से लाइसेंस के बिना भारत में काम नहीं कर सकती है, जो लाइसेंस देने से पहले कंपनी के बही-खातों का निरीक्षण कर सकता है और अगर कंपनी भारत में अपना बैंकिंग परिचालन बंद कर देती है तो यह लाइसेंस रद्द भी कर सकती है।
- RBI बैंकों के विनियमन और पर्यवेक्षण के लिये शासी निकाय है। बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 एक ऐसा अधिनियम है जो भारत के बैंकों को विनियमित करने के लिये एक रूपरेखा प्रदान करता है।
- त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (Prompt Corrective Action- PCA) फ्रेमवर्क:
- RBI द्वारा PCA फ्रेमवर्क उन बैंकों पर निर्देशित एक पर्यवेक्षी रणनीति है जो कमज़ोर वित्तीय मैट्रिक्स प्रदर्शित करते हैं।
- RBI के PCA फ्रेमवर्क में बैंकों के प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों की निगरानी शामिल है, जैसे पूंजी से जोखिम-भारित संपत्ति अनुपात (Capital to Risk-weighted Assets Ratio- CRAR), शुद्ध गैर-निष्पादित संपत्ति (Net Non-Performing Assets- NNPA) अनुपात और उत्तोलन अनुपात (किसी व्यावसायिक इकाई द्वारा अपनी बैलेंस शीट, आय विवरण में कई अन्य खातों के विरुद्ध किये गए ऋण का स्तर)I
- यदि कोई बैंक इन संकेतकों के लिये निर्धारित जोखिम सीमाओं का उल्लंघन करता है, तो RBI, PCA लागू कर सकता है, जिससे अन्य चीज़ों के अतिरिक्त लाभांश वितरण, शाखा विस्तार और प्रबंधन मुआवज़े पर प्रतिबंध लग सकता है।
- PCA फ्रेमवर्क का उद्देश्य बैंकों को कम पूंजी स्तर, खराब परिसंपत्ति गुणवत्ता या लाभहीन संचालन से उत्पन्न जोखिमों को कम करने के लिये सुधारात्मक कदम उठाने हेतु प्रोत्साहित करना है।
- इसका उद्देश्य बैंकों की वित्तीय स्थितियों को पारदर्शी बनाकर बाज़ार अनुशासन लागू करना भी है।
RBI द्वारा पिछले किये गए कार्यों का तुलनात्मक विश्लेषण:
- दिसंबर 2020 में HDFC बैंक को अपने इंटरनेट व मोबाइल बैंकिंग प्लेटफॉर्म में बार-बार रुकावट या समस्या के कारण नए डिजिटल उत्पाद लॉन्च करने तथा नए क्रेडिट कार्ड ग्राहकों को सोर्स करने से रोक दिया गया था।
- अक्तूबर 2023 में बैंक ऑफ बड़ौदा को "कुछ सामग्री पर्यवेक्षी चिंताओं" को लेकर अपने 'बॉब वर्ल्ड' मोबाइल एप्लिकेशन पर ग्राहकों की नई ऑनबोर्डिंग को निलंबित करने का निर्देश दिया गया था।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. मौद्रिक नीति समिति (मोनेटरी पालिसी कमिटी/ MPC) के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2017)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (a) प्रश्न: यदि आर.बी.आई. प्रसारवादी मौद्रिक नीति का अनुसरण करने का निर्णय लेता है, तो वह निम्नलिखित में से क्या नहीं करेगा? (2020)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये- (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) |