रेड पांडा | 12 Jul 2022
हाल ही में पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क ने लगभग पाँच वर्षों में 20 रेड पांडा को जंगलों में छोड़ने के लिये एक महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू किया है।
- पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक संरक्षित क्षेत्र सिंगलिला नेशनल पार्क को जल्द ही नए निवासी मिलेंगे।
रेड पांडा:
- परिचय:
- दुनिया में विशालकाय पांडा और रेड पांडा केवल यही दो अलग-अलग पांडा प्रजातियाँ हैं।
- यह सिक्किम का राज्य पशु भी है।
- रेड पांडा शर्मीले, एकांत और वृक्ष पर रहने वाले जानवर हैं तथा पारिस्थितिक परिवर्तन के लिये एक संकेतक प्रजाति मानी जाती है।
- भारत दोनों (उप) प्रजातियों का घर है:
- हिमालयन रेड पांडा (ऐलुरस फुलगेन्स)।
- चीनी रेड पांडा (ऐलुरस स्टयानी)
- अरुणाचल प्रदेश में सियांग नदी दो फाइटोलैनेटिक प्रजातियों को विभाजित करती है।
- यह भारत, नेपाल, भूटान और म्याँमार के उत्तरी पहाड़ों तथा दक्षिणी चीन के जंगलों में पाया जाता है।
- पश्चिम बंगाल में सिंगलिला और नेओरा घाटी राष्ट्रीय उद्यान दो संरक्षित क्षेत्र हैं जहाँ लाल पांडा पाए जाते हैं, यहाँ तक कि इन संरक्षित क्षेत्रों में भी पांडा की आबादी में गिरावट आई है।
- संरक्षण की स्थिति:
- रेड पांडा:
- IUCN रेड लिस्ट: लुप्तप्राय
- CITES: परिशिष्ट 1
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972: अनुसूची 1
- विशाल (Giant) पांडा:
- IUCN रेड लिस्ट: सुभेद्य
- CITES: परिशिष्ट 1
- रेड पांडा:
रेड पांडा प्रोजेक्ट:
- पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क ने इन स्तनधारियों में से 20 को लगभग पांँच वर्षों में जंगलों में छोड़ने के लिये एक महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू किया है।
- पद्मजा नायडू पार्क दार्जिलिंग, देश के सबसे ऊँचाई वाले चिड़ियाघरों में से एक है और इन स्तनधारियों के प्रजनन में काफी सफल रहा है।
- इन पांडा को पश्चिम बंगाल के सबसे ऊँचाई पर संरक्षित क्षेत्र सिंगलिला नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा।
- सिंगलिला राष्ट्रीय उद्यान दार्जिलिंग ज़िले में सिंगलिला रिज पर स्थित है।
- यह पश्चिम बंगाल राज्य का सबसे अधिक ऊंँचाई पर स्थित पार्क है।
- यह शुरू में एक वन्यजीव अभयारण्य था और वर्ष 1992 में इसे राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया।
- पश्चिम बंगाल के अन्य राष्ट्रीय उद्यान हैं:
- जलदा पारा राष्ट्रीय उद्यान
- नेओरा वैली नेशनल पार्क
- सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान
- गोरुमारा राष्ट्रीय उद्यान
- बुक्सा नेशनल पार्क और टाइगर रिज़र्व
रेड पांडा के संरक्षण हेतु भारत के प्रयास:
- रेड पांडा आवास को सुरक्षित करना:
- WWF-इंडिया स्थानीय समुदायों के साथ उनकी ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिये नवीन तकनीकों से परिचित कराकर ईंधन की लकड़ी पर उनकी निर्भरता को कम करने के लिये काम करता है।
- सिक्किम में 200 से अधिक व्यक्तियों को बायो-ब्रिकेट बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है।
- स्थानीय समर्थन:
- स्थानीय समुदाय वैकल्पिक आजीविका गतिविधियों में शामिल हैं जो उनके लिये लाभ प्राप्त करते हैं, साथ ही संरक्षण पहल का समर्थन भी करते हैं।
- अरुणाचल प्रदेश में समुदाय आधारित पर्यटन स्थानीय लोगों को लाल पांडा देखने के लिये आने वाले पर्यटकों से अतिरिक्त आय अर्जित करने में सक्षम बनाता है।
- लाल पांडा की आबादी हेतु खतरे को कम करना:
- वन निर्भरता को कम करने के लिये स्थानीय समुदायों के साथ काम करना और उन्हें संरक्षण उपायों में शामिल करना, साथ ही आवास क्षरण व विखंडन के खतरे को संबोधित करना।
- WWF-इंडिया ने सिक्किम एंटी-रेबीज़ एंड एनिमल हेल्थ (SARAH) के साथ भी सहयोग किया है और महत्त्वपूर्ण वन्यजीव क्षेत्रों के आसपास जंगली कुत्तों की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने के लिये उनकी नसबंदी करने हेतु एक कार्यक्रम शुरू किया है।