मंगल ग्रह का लाल रंग | 03 Mar 2025

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया

अनेक अंतरिक्ष मिशनों और जमीनी स्तर के अवलोकनों से प्राप्त आँकड़ों पर आधारित इस अध्ययन से अभिज्ञान हुआ है कि मंगल ग्रह का लाल रंग मुख्य रूप से फेरिहाइड्राइट - जो कि जल से बना लौह ऑक्साइड है - के कारण है, न कि पहले से मान्य हेमेटाइट के कारण है।

  • फेरिहाइड्राइट शीतल, जल-समृद्ध परिस्थितियों में बनता है, जबकि हेमेटाइट शुष्क, गर्म परिस्थितियों में बनता है। 
    • इससे अभिज्ञात होता है कि मंगल ग्रह पर कभी तरल अवस्था में जल था, जो संभवतः जीवन के लिये अनुकूल था। इसके अतिरिक्त, अध्ययन से पता चला कि हाइड्रोजन लौह-समृद्ध खनिजों से आबद्ध है, जो मंगल ग्रह पर तरल जल के साथ अतीत की अंतःक्रियाओं का संकेत देता है।

मंगल: मंगल सूर्य से दूरी के क्रम में चौथा ग्रह है और बुध के बाद सौरमंडल में दूसरा सबसे छोटा ग्रह है।

  • पृथ्वी के आकार का लगभग आधा, इसमें ओलंपस मोन्स (सबसे बड़ा ज्वालामुखी) है, और इसके दो चंद्रमा (फोबोस और डीमोस) हैं।
  • मंगल ग्रह हर 24.6 घंटे में एक चक्कर पूरा करता है, जिससे इसका दिन पृथ्वी के दिन (23.9 घंटे) के लगभग बराबर लंबा होता है। मंगल ग्रह के दिनों को सोल (Sols) कहा जाता है। 
    • मंगल ग्रह पर एक वर्ष 669.6 सोल का होता है, जो पृथ्वी के 687 दिनों के बराबर है।
  • इसकी धुरी अपनी कक्षा के सापेक्ष 25 डिग्री झुकी हुई है, जो पृथ्वी के अक्षीय झुकाव 23.4 डिग्री के समान है। 
    • मंगल ग्रह पर भी पृथ्वी के समान मौसम आते हैं, लेकिन उनकी अवधि लंबी होती है। 
  • महत्त्वपूर्ण मंगल मिशन: 

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