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दुर्लभ ग्रह संरेखण

  • 27 Mar 2023
  • 4 min read

पाँच ग्रह- बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और यूरेनस आकाश/अंतरिक्ष में संरेखित होंगे, जिसे प्रायः ग्रहों की परेड या संरेखण कहा जाता है, इस घटना को नग्न आँखों से देखा जा सकता है।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • इसे 28 मार्च, 2023 को क्षितिज के नीचे सूर्य के अस्त होने के ठीक बाद देखने का इष्टतम समय होगा।
    • शुक्र सबसे अधिक दिखाई देने वाला ग्रह होगा उसके बाद मंगल होगा, जिसका विशेष नारंगी रंग होगा।
      • यूरेनस शुक्र के करीब होगा लेकिन इसे विशेष उपकरणों के बिना देखना असंभव होगा, जबकि बुध और बृहस्पति नीचे की ओर होंगे।
    • पिछली बार इन पाँच ग्रहों का संरेखण वर्ष 2004 में हुआ था। संरेखण को प्रायः ग्रहों की परेड के रूप में संदर्भित किया जाता है जिसे आकाश में रात्रि के समय देखा जा सकता है।
  • ग्रहों की दृश्यता को प्रभावित करने वाले कारक:
    • विशेषज्ञों ने बताया है कि संरेखण में कुछ ग्रहों की दृश्यता प्रकाश प्रदूषण और प्रेक्षक का स्थान जैसी कुछ स्थितियों पर निर्भर करती है।
  • हाल के ग्रह संरेखण:
    • इसी तरह का संरेखण जून 2022 में हुआ था, जहाँ पाँच ग्रह- बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि संरेखित थे।
      • हालाँकि यह संरेखण वर्ष 2040 तक दोबारा नहीं होगा।

प्रकाश प्रदूषण

  • परिचय:
    • प्रकाश प्रदूषण कृत्रिम प्रकाश का अत्यधिक उपयोग है जो रात्रि में आकाश को प्रकाशित करता है और प्राकृतिक अंधकार को भंग करता है।
    • यह खगोलीय पिंडों की दृश्य क्षमता को प्रभावित करता है।
  • अन्य प्रभाव:
    • वन्यजीव और पारिस्थितिकी तंत्र में हस्तक्षेप: कृत्रिम प्रकाश पशुओं, पक्षियों और कीड़ों के प्राकृतिक व्यवहार और प्रवासन प्रारूप में हस्तक्षेप कर सकता है।
    • स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ: रात्रि में कृत्रिम प्रकाश के संपर्क में आने से मानव की प्राकृतिक लय बाधित हो सकती है, जिससे नींद संबंधी विकार, थकान और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
    • आर्थिक लागत: प्रकाश प्रदूषण से ऊर्जा की बर्बादी होती है, जिससे विद्युत लागत अधिक आती है और अनावश्यक कार्बन उत्सर्जन होता है।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न: 

प्रश्न. जून की 21वीं तारीख को सूर्य: (2019)

A. उत्तर ध्रुवीय वृत्त पर क्षितिज के नीचे नहीं डूबता है।
B. दक्षिण ध्रुवीय वृत्त पर क्षितिज के नीचे नहीं डूबता है।
C. मध्याह्न में भूमध्य रेखा पर उर्ध्वाधर रूप से व्योमस्थ चमकता है।
D. मकर रेखा पर उर्ध्वाधर रूप से व्योमस्थ चमकता है।

उत्तर: A

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स

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