Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 31 जनवरी, 2023 | 31 Jan 2023
संसद का बजट सत्र
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से प्रारंभ होगा। केंद्रीय कक्ष में लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक में सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से होगी। सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण पटल पर रखा जाएगा। यह बजट सत्र 6 अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र में 27 बैठकें होंगी और यह 66 दिन का होगा। सत्र का पहला भाग 13 फरवरी तक चलेगा। 14 फरवरी से 12 मार्च तक सदन में कोई कार्यवाही नहीं होगी और इस दौरान विभागों से संबद्ध संसदीय स्थायी समितियाँ अनुदान मांगों की समीक्षा करेंगी तथा अपने मंत्रालयों एवं विभागों से संबंधित रिपोर्ट तैयार करेंगी। बजट सत्र का दूसरा भाग 13 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगा। संसद के बजट सत्र से पहले संसद भवन परिसर में सर्वदलीय बैठक होती है। इस दौरान सरकार द्वारा लोकसभा और राज्यसभा के सुचारु कामकाज़ को सुनिश्चित करने के लिये सभी राजनीतिक दलों से सहयोग मांगा जाता है।
राष्ट्रीय महिला आयोग स्थापना दिवस
प्रतिवर्ष 31 जनवरी को राष्ट्रीय महिला आयोग का स्थापना दिवस मनाया जाता है, इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रीय महिला आयोग के 31वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करेंगी। इस कार्यक्रम का विषय ‘सशक्त नारी सशक्त भारत’ है, जिसका उद्देश्य उन महिलाओं की सफलता का सम्मान करना है जिन्होंने अपनी जीवन-यात्रा में उत्कृष्टता प्राप्त की और जन-जीवन पर अमिट छाप छोड़ी है। आयोग द्वारा 31 जनवरी, 2023 से 1 फरवरी, 2023 तक अपना 31वाँ स्थापना दिवस मनाने के लिये दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। आयोग का उद्देश्य एक ऐसा मंच उपलब्ध कराना है, जहाँ विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से संबंधित महिलाओं की निर्णयन और नेतृत्त्व की भूमिकाओं में लैंगिक समानता पर ध्यान केंद्रित कर विविध विचारों का आदान-प्रदान किया जा सके। राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना जनवरी 1992 में राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत एक वैधानिक निकाय के रूप में की गई थी। इसकी स्थापना महिलाओं को प्रभावित करने वाले मामलों को मद्देनज़र रखते हुए उनके संवैधानिक और विधिक सुरक्षा उपायों की समीक्षा, उपचारात्मक विधायी उपायों की सिफारिश करने, शिकायतों के निवारण की प्रक्रिया को सुगम बनाने और नीति पर सरकार को सलाह देने के लिये की गई थी।
सोलिगा इकारिनाटा
हाल ही में अशोक ट्रस्ट फॉर रिसर्च इन इकोलॉजी एंड एन्वायरनमेंट (एटीआरईई) के वैज्ञानिकों ने ततैया (wasp) की एक नई प्रजाति की खोज की है, जिसका नाम सोलिगा जनजाति के नाम पर रखा गया है जो कर्नाटक के चामराजनगर ज़िले में बिलीगिरी रंगन हिल्स (बी.आर. हिल्स) और माले महादेश्वर के पास परिधीय वन क्षेत्रों में निवास करने वाली मूल जनजाति है। सोलिगा इकारिनाटा एक नई ततैया है, जो डार्विन बर्र के परिवार इचन्यूमोनाइड (Ichneumonidae) की उप-प्रजाति मेटोपीनीए (Metopiinae) से संबंधित है। यह दक्षिण भारत में पहली तथा भारत में खोजी गई इस प्रकार दूसरी प्रजाति है। इस ततैया को सोलिगा इकारिनाटा कहा गया। 'इकारिनाटा' शरीर के कुछ क्षेत्रों में लकीरों की अनुपस्थिति को दर्शाता है। यह अपने सभी प्रजातियों से आश्चर्यजनक रूप से रंगीन और अलग है। सोलिगा जनजाति परंपरागत रूप से शिकार और स्थानांतरित कृषि पर निर्भर रहती है। यह भारत में किसी बाघ अभयारण्य के मुख्य क्षेत्र में रहने वाला पहला आदिवासी समुदाय है, जिसे अपने वन अधिकारों के लिये आधिकारिक रूप से न्यायालय द्वारा मान्यता प्रदान की गई है। बिलीगिरी रंगन पहाड़ियाँ पश्चिमी घाट के उत्तर-पश्चिम में तथा पूर्वी घाट के पश्चिमी किनारे पर स्थित हैं। अद्वितीय भौगोलिक स्थिति एवं आवासीय विविधता के साथ ये पहाड़ियाँ भारत में जैवविविधता के सबसे समृद्ध क्षेत्रों में से एक है। कपिला और कावेरी नदियाँ इन पहाड़ियों से होकर बहती हैं।
5वाँ खेलो इंडिया यूथ गेम्स
केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री ने मध्य प्रदेश में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 के 5वें संस्करण का उद्घाटन तात्या टोपे नगर स्टेडियम (भोपाल) में किया। इसके अंतर्गत 27 खेल स्पर्द्धाओं में 900 से अधिक पदकों के लिये देश भर से लगभग 6000 खिलाड़ी अपने खेल कौशल दिखाएंगे। ऐसा पहली बार है जब कयाकिंग, कैनोइंग, कैनो स्लैलम और तलवारबाज़ी जैसे खेल खेलो इंडिया यूथ गेम्स का हिस्सा होंगे। इस संस्करण की थीम है- 'हिंदुस्तान का दिल धड़का दो'। खेलो इंडिया यूथ गेम्स की शुरुआत वर्ष 2018 में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स के नाम से हुई थी। इन खेलों का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर खेल प्रतिभाओं को तलाशना और उन्हें राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों के लिये प्रशिक्षित करना है। भारत के खेल बजट को भी बढ़ाकर 2000 करोड़ रुपए कर दिया गया है और आगामी 5 वर्षों में खेलो इंडिया के लिये 3200 करोड़ रुपए प्रदान किये जाएंगे।
और पढ़ें.. खेलो इंडिया यूथ गेम्स (KYIG)
यूएस बोइंग 747
"क्वीन ऑफ द स्काईज़" के रूप में पाँच से भी अधिक दशक तक संचालन के बाद बोइंग 747, एक मूल और यकीनन सबसे सौंदर्यपूर्ण "जंबो जेट" का स्वर्णिम युग अब समाप्त हो गया है। इसे 1960 के दशक के अंत में बड़े पैमाने पर यात्रा की मांग को पूरा करने के लिये डिज़ाइन किया गया था। जंबो ने वैश्विक स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ी, जो कि विश्व भर में युद्ध और शांति का प्रतीक है (जैसे कि US 'डूम्सडे प्लेन' और इसके अन्य उपनाम जैसे 'शेफर्ड')।
सबसे पुराना ज्ञात सीसिलियन जीवाश्म खोजा गया
अमेरिका के जीवाश्म वैज्ञानिकों की एक टीम ने पहले ट्रायसिक-युग (लगभग 250-200 MYA) के सीसिलियन जीवाश्म की खोज की है जो उभयचर जैसे प्राणी के ज्ञात ऐतिहासिक जीवाश्म रिकॉर्ड में यह खोज कम-से-कम 87 मिलियन वर्षों के अंतराल को भरने में मदद कर सकती है। इस जीवाश्म का नाम फंक्सवर्मिस गिलमोरी (Funcusvermis Gilmorei) रखा गया है।
ये सबसे पुराने खोजे गए सीसिलियन जीवाश्म हैं, जो छोटे स्तनपायी के रिकॉर्ड में लगभग 35 मिलियन वर्षों तक का विस्तार करते है। इस खोज से पहले, प्रारंभिक जुरासिक काल (~183 MYA) से पहले के केवल 10 सीसिलियन जीवाश्म की खोज की गई थी। आधुनिक सीसिलियन एक कॉम्पैक्ट, बुलेट के आकार की खोपड़ी के साथ बेलनाकार निकायों के अंगहीन उभयचर हैं, जो भूमि को खोदने में मदद करते हैं। वे कीड़ों के शिकार की तलाश में पत्ती-कूड़े या मिट्टी में अपना जीवन व्यतीत करते हैं। ट्रायसिक काल मेसोज़ोइक युग की पहली अवधि है जिसने प्रमुख परिवर्तनों की शुरुआत को चिह्नित किया गया है जैसे- महाद्वीपों का वितरण, जीवन का विकास आदि। ट्रायसिक युग की शुरुआत में केवल सुपरकॉन्टिनेंट- पैंजिया अस्तित्त्व में था, हालाँकि ट्राइऐसिक के अंत में प्लेट विवर्तनिक सिद्धांत प्रचलन में आया।
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