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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 29 अगस्त, 2023

  • 29 Aug 2023
  • 9 min read

महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ: शिव शक्ति, तिरंगा और राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस

हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने चंद्रयान -3 की उल्लेखनीय उपलब्धि के लिये इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी और 23 अगस्त को भारत में 'राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस (National Space Day)' के रूप में मनाए जाने की घोषणा की।

  • साथ ही विक्रम लैंडर की टचडाउन साइट को 'शिव शक्ति' और वर्ष 2019 के चंद्रयान-2 के लैंडर की क्रैश साइट को 'तिरंगा' नाम दिया गया है।

और पढ़ें…चंद्रयान-3

व्यापार पैटर्न में बदलाव और भारत का चालू खाता घाटा

व्यापार पैटर्न में बदलाव का भारत के चालू खाता घाटे पर हाल के कुछ समय में काफी प्रभाव पड़ा है। वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में यह घाटा घटकर लगभग 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 1% होने की उम्मीद है, यह वर्ष 2022-23 की इसी अवधि के 18 बिलियन अमेरिकी डॉलर या 2.1% से तुलनात्मक रूप से कम है।

  • चालू खाता घाटा (Current Account Deficit- CAD) एक प्रमुख आर्थिक संकेतक है जो विदेशी व्यापार के माध्यम से किसी देश की आय और अंतरण भुगतान सहित वस्तुओं एवं सेवाओं के आयात पर उसके व्यय के बीच के अंतर को मापता है।
    • यह तब उत्पन्न होता है जब किसी देश का आयात उसके निर्यात से ज़्यादा होता है, इससे मुद्रा का बहिर्वाह होता है और इस अंतर को कम करने के लिये अक्सर विदेशी ऋण लेने की आवश्यकता पड़ जाती है।
  • कम CAD को एक सकारात्मक आर्थिक संकेतक के रूप में देखा जा सकता है क्योंकि इसका अर्थ अक्सर यह होता है कि देश की अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भर है और अपने संसाधनों पर दबाव डाले बिना अपनी बाहरी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में सक्षम है।
    • यह यह भी संकेत मिलता है कि कोई देश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में प्रतिस्पर्द्धी है और अपने आयात एवं निर्यात में संतुलन बनाए रखता है।

विवाह के लिये सार्वजनिक घोषणाएँ ज़रूरी नहीं: सर्वोच्च न्यायालय 

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने घोषणा की है कि सभी विवाहों के लिये सार्वजनिक घोषणा या अनुष्ठान की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अलावा न्यायालय ने तमिलनाडु के एक कानून को मंज़ूरी दी, जो "आत्म-सम्मान" विवाह की अनुमति देता है और पुष्टि की कि वकील सहमत वयस्कों के बीच 'आत्म-सम्मान विवाह' करा सकते हैं।

  • राज्य में वर्ष 1967 के एक संशोधन के माध्यम से तमिलनाडु में लागू हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 7-A, हिंदुओं के बीच आत्म-सम्मान या सुधारवादी विवाह को कानूनी मान्यता प्रदान करती है।
    • इन विवाहों को रिश्तेदारों, दोस्तों या अन्य व्यक्तियों की उपस्थिति में संपन्न किया जा सकता है और वर-वधू को औपचारिक सार्वजनिक समारोह के बिना विवाह करने की अनुमति दी जा सकती है तथा अधिवक्ताओं को व्यक्तिगत तौर पर ऐसे विवाह आयोजित करने का अधिकार दिया जा सकता है।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार, न्यायालय का फैसला किसी बाहरी व्यक्ति के हस्तक्षेप के बिना जीवन साथी चुनने के अधिकार का समर्थन करता है।
  • ई.वी. रामास्वामी नायकर (पेरियार) द्वारा वर्ष 1925 में शुरू किये गए आत्मसम्मान आंदोलन का मुख्य उद्देश्य ब्राह्मण पुजारी के बिना विवाह संपन्न कराना था। 

और पढ़ें…हिंदू विवाह अधिनियम, अनुच्छेद 21, सर्वोच्च न्यायालय

कृत्रिम बुद्धिमत्ता में चेतना की खोज:

शोधकर्ताओं ने तंत्रिका-विज्ञान आधारित सिद्धांतों के आधार पर एक चेकलिस्ट विकसित की है जो यह आकलन करने में मदद कर सकती है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) प्रणाली सचेत है या नहीं।

  • इस अध्ययन से पता चलता है कि AI के क्षेत्र में तेज़ी से प्रगति भविष्य में जागरूक AI प्रणाली के  निर्माण की संभावना बढ़ा सकती है।
    • हालाँकि मानव जैसे व्यवहार से AI प्रणाली द्वारा जुड़ाव के वास्तविक स्तर का आकलन करना मुश्किल हो सकता है।
  • सचेतन होने का अर्थ है चेतना का अनुभव करना या इसकी संभावना होना।
    • "चेतन", "संवेदनशील" से भिन्न है जिसका तात्पर्य इंद्रियबोध/विवेक के होने से है।
  • वर्तमान में कोई भी AI प्रणाली चेतना को समझ पाने में सक्षम नहीं है।
    • माइक्रोसॉफ्ट का शोध: GPT-4 AI, मानव की तरह सोच सकता है और व्यावहारिक बुद्धि का उपयोग कर सकता है।
  • शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि AI चेतना का आकलन वैज्ञानिक रूप से संभव है और लेखकों ने प्रारंभिक साक्ष्य प्रदान किये हैं कि वर्तमान तकनीकों के उपयोग से कई सूचक गुणों को AI प्रणाली में कार्यान्वित किया जा सकता है।

और पढ़ें… भारत और जेनरेटिव AI

जलवायु परिवर्तन पर कंपाला घोषणा

महाद्वीप पर मानव गतिशीलता और जलवायु परिवर्तन के बीच अंतर्संबंध को संबोधित करने के लिये प्रवासन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर कंपाला मंत्रिस्तरीय घोषणा (Kampala Ministerial Declaration on Migration, Environment and Climate Change- KDMECC) को अपनाने हेतु 48 अफ्रीकी देशों द्वारा एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया गया है।

  • इस निर्णय पर केन्या और युगांडा द्वारा सह-आयोजित राज्यों के सम्मेलन में चर्चा की गई। इस पहल को अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) एवं जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) द्वारा समर्थन प्रदान किया गया था।
    • IOM की उत्पत्ति वर्ष 1951 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पश्चिमी यूरोप में अराजकता और विस्थापन के कारण हुई थी।
  • अफ्रीका जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है, जिससे चरम मौसम की घटनाओं के कारण प्रवासन बढ़ रहा है।
  • KDMECC पर मूल रूप से जुलाई 2022 में कंपाला, युगांडा में 15 अफ्रीकी राज्यों द्वारा हस्ताक्षर किये गए थे। KDMECC-AFRICA पर 4 सितंबर, 2023 को नैरोबी में अफ्रीका जलवायु शिखर सम्मेलन के दौरान सदस्य राज्यों द्वारा हस्ताक्षर किये जाने की उम्मीद है।
    • घोषणापत्र व्यावहारिक और प्रभावी तरीके से जलवायु-प्रेरित गतिशीलता को संबोधित करने के लिये सदस्य राज्यों के नेतृत्व में पहला व्यापक, कार्रवाई-उन्मुख ढाँचा है।
    • KDMECC-AFRICA यह सुनिश्चित करेगा कि युवाओं, महिलाओं और कमज़ोर परिस्थितियों में रहने वाले व्यक्तियों सहित सभी आवाज़ें विस्तारित घोषणा की प्राथमिकता हों।
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