नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 28 अगस्त, 2020

  • 28 Aug 2020
  • 6 min read

शिंजो आबे 

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। स्‍वास्‍थ्‍य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने 28 अगस्त को इसका औपचारिक रूप से ऐलान कर दिया है। शिंजो आबे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे हैं और इस दौरान उन्‍हें कई बार हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा है। आबे जापान के सबसे अधिक समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री बन गए थे। आबे देश की सत्ता पर 2803 दिनों तक पदासीन रहे हैं। इससे पूर्व यह रिकॉर्ड उनके चाचा और देश के पूर्व प्रधानमंत्री इसाकु सैतो के नाम था। शिंजो आबे लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी पार्टी के सदस्य हैं। देश में जारी वैश्विक महामारी COVID-19 के बाद से मांग हो रही थी कि आबे नागरिकों को इससे निपटने को लेकर किये गए कामों के बारे में बताएँ। ध्यातव्य है कि आबे ने देश की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने का वादा किया था। चीन के खतरे को देखते हुए आबे जापानी सेना को भी मज़बूत करने में जुटे हुए थे।

भारत-बांग्लादेश व्यापार संपर्क मार्ग

भारत और बांग्लादेश सरकार ने 3 सितंबर, 2020 से एक नया व्यापार संपर्क मार्ग खोलने का निर्णय किया है, ताकि अंतर्देशीय जल परिवहन तंत्र के दायरे का विस्तार करके क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा दिया जा सके और इस क्षेत्र में व्यापार को बढ़ावा मिल सके। त्रिपुरा के सोनामुरा को जिस मार्ग पर बांग्लादेश के  दाउदकंडी से जोड़ा जाएगा, उस मार्ग का परिचालन नदी के व्यापार को बढ़ावा देने के लिये मई, 2020 में दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित समझौते के तहत किया गया है। भारत और बांग्लादेश के बीच यह नया मार्ग व्यापार समुदाय के लिये बेहतर विश्वसनीयता और लागत प्रभावशीलता के साथ द्विपक्षीय व्यापार की सुविधा प्रदान करेगा। मई, 2020 में भारत और बांग्लादेश के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे ताकि भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों से संपर्क में सुधार करने के साथ-साथ परिवहन लागत को कम करने के लिये दो नए मार्गों और पांच और बंदरगाहों को जोड़कर व्यापार को बढ़ावा दिया जा सके।

छठी अनुसूची

अरूणाचल प्रदेश विधानसभा ने प्रदेश को संविधान की छठी अनुसूची के अधीन लाने से संबंधित प्रस्ताव पारित किया है। अरूणाचल प्रदेश विधानसभा ने राज्य के जनजातीय समुदाय की पहचान बचाए रखने के लिए संविधान की छठी अनुसूची में जरूरी संशोधन करने से संबंधित एक प्रस्ताव पारित किया है। संसदीय कार्य मंत्री बमांग फेलिक्स द्वारा सदन में रखे गए प्रस्ताव पर चर्चा के बाद इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। चर्चा में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि राज्य सरकार ने जो प्रस्ताव  रखा है वह ऐतिहासिक है। संविधान की छठी अनुसूची चार पूर्वोत्तर राज्यों- असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के संबंध में अनुच्छेद 244 के अनुरूप व्यवहार करती है। राज्यपाल को ज़िले के क्षेत्रों को बढ़ाने या घटाने अथवा स्वायत्त ज़िलों के नाम में परिवर्तन कर सकने की शक्ति प्राप्त है। यद्यपि संघ कार्यकारी का शक्तियाँ पाँचवीं अनुसूची में शामिल क्षेत्रों के प्रशासन तक विस्तारित हैं, लेकिन छठी अनुसूची में शामिल क्षेत्र राज्य के कार्यकारी प्राधिकार के अंतर्गत आते हैं।

संत अय्यंकाली

प्रधानमंत्री मोदी ने केरल के महान समाज सुधारक महात्मा अय्यंकाली की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि भारत महात्मा अय्यंकाली जैसे महापुरुषों का हमेशा ऋणी रहेगा। भारत को आधुनिक बनाने, दलितों और पिछड़ों में आत्म सम्मान की भावना पैदा करने और महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिलाने में महात्मा अय्यंकालि की भूमिका ठीक वैसी ही थी, जैसी ज्योतिबा फुले, डॉ. भीमराव आंबेडकर और रामास्वामी पेरियार की थी। दलित महिलाओं की अस्मिता और सम्मान की रक्षा के लिये  उनके योगदान को आज भी याद किया जाता था। उनके आंदोलन की वजह से दलित महिलाओं को केरल में अपना स्तन ढंकने का अधिकार मिला। अय्यंकालि का जन्म तिरुवनंतपुरम् के वेंगनूर गाँव में 28 अगस्त 1863 को हुआ था। उनकी जाति पुलायार (पुलाया) थी, जो वहाँ अछूत जातियों में भी सबसे निम्न मानी जाती थी।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow