Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 जुलाई, 2023 | 24 Jul 2023
बाल गंगाधर तिलक जयंती
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने 23 जुलाई, 2023 को बाल गंगाधर तिलक को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
- 23 जुलाई, 1856 को जन्मे बाल गंगाधर तिलक एक स्वतंत्रता सेनानी, वकील और शिक्षाविद् थे जिन्हें लोकमान्य तिलक के नाम से जाना जाता है।
- वर्ष 1884 में डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी के संस्थापक और उन्होंने वर्ष 1885 में फर्ग्यूसन कॉलेज की भी स्थापना की।
- तिलक ने स्व-शासन या स्वराज्य की आवश्यकता पर बल दिया तथा उनका लोकप्रिय नारा था- "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा!"
- तिलक, वर्ष 1890 में भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस (Indian National Congress- INC) में शामिल हुए और वर्ष 1907 में सूरत विभाजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा पूर्ण स्वराज या स्वराज्य की वकालत की।
- उन्होंने भारतीय आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिये स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन का प्रचार किया।
- तिलक ने अप्रैल 1916 में बेलगाम में अखिल भारतीय होम रूल लीग (All India Home Rule League) की स्थापना की, जिसका लक्ष्य वर्ष 1916 में लखनऊ समझौते के माध्यम से हिंदू-मुस्लिम एकता था।
- इन्होंने मराठी भाषा में केसरी तथा अंग्रेज़ी भाषा में मराठा नामक समाचार पत्रों का प्रकाशन किया तथा वेदों पर ‘गीता रहस्य’ और ‘आर्कटिक होम’ नामक पुस्तकें लिखीं।
- भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाले बाल गंगाधर तिलक का 1 अगस्त, 1920 को निधन हो गया।
प्रतिहार शासक मिहिर भोज
हरियाणा के कैथल ज़िले में 9वीं सदी के शासक सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण को लेकर उठे विवाद के कारण राजपूत समुदाय ने बड़े पैमाने पर बहिष्कार किया है।
- मिहिर भोज या भोज प्रथम (836 - 885 ई.) प्रतिहार वंश का सबसे महान शासक था।
- मिहिर भोज ने कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया था। वह विष्णु का भक्त था, इसलिये विष्णु के सम्मान में उसने वराह तथा प्रभास जैसी उपाधियाँ धारण की थीं।
- मिहिर भोज की उपलब्धियों का वर्णन उसके ग्वालियर प्रशस्ति शिलालेख में किया गया है।
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कैनबिस मेडिसिन परियोजना
हाल ही में भारत सरकार ने कैनबिस मेडिसिन परियोजना की घोषणा की है। CSIR-IIIM जम्मू द्वारा शुरू की गई यह शोध परियोजना भारत में अपनी तरह की पहली परियोजना है तथा यह भारत सरकार और एक कनाडाई फर्म के बीच सहयोग का प्रतिनिधित्व करती है। इसका उद्देश्य कैनबिस की औषधीय क्षमता का पता लगाना है जिससे न्यूरोपैथी, कैंसर तथा मिर्गी के रोगियों को लाभ होगा। चिकित्सीय निहितार्थों के अतिरिक्त यह परियोजना जम्मू और कश्मीर में निवेश को भी बढ़ावा देगी जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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चंद्रशेखर आजाद
- 23 जुलाई को हम भारत के एक प्रतिष्ठित और निडर स्वतंत्रता सेनानी, चंद्र शेखर आज़ाद की जयंती मनाते हैं।
- वर्ष 1906 में भाभरा गाँव (अब मध्य प्रदेश के अलीराजपुर ज़िले में) में जन्मे आज़ाद 15 वर्ष की छोटी उम्र में महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए और ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपनी अवज्ञा के प्रतीक के रूप में "आजाद" नाम अपनाया।
- वह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) के एक प्रमुख सदस्य बन गए, जो औपनिवेशिक सरकार के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष के लिये समर्पित एक क्रांतिकारी समूह था।
- आज़ाद काकोरी ट्रेन डकैती सहित प्रतिरोध के साहसिक कार्यों में भी शामिल थे।
- अपने संगठनात्मक कौशल और भेष बदलने में महारत के चलते आज़ाद ने कभी भी जीवित नहीं पकड़े जाने की प्रतिज्ञा ली। 27 फरवरी, 1931 को पुलिस के साथ भीषण गोलीबारी में उनकी मृत्यु हो गई।
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चंद्र शेखर आज़ाद ,असहयोग आंदोलन,हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA)