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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 अप्रैल, 2023

  • 24 Apr 2023
  • 7 min read

ब्लैक सी ग्रेन डील

ग्रुप ऑफ सेवन (G7) के कृषि मंत्रियों ने ब्लैक सी ग्रेन इनिशिएटिव (BSGI) डील के विस्तार और पूर्ण कार्यान्वयन हेतु एक आधिकारिक बयान जारी किया है जिसके तहत यूक्रेन को अपने ब्लैक सी बंदरगाहों से 27 मिलियन टन से अधिक अनाज निर्यात करने की अनुमति प्राप्त होती है। यह डील जुलाई 2022 में संयुक्त राष्ट्र और तुर्किये की मध्यस्थता में गई थी लेकिन रूस (जिसने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था) ने अपनी अनाज और उर्वरक निर्यात की सुविधा को लेकर संकेत दिया कि वह 18 मई, 2023 से आगे इस डील को जारी रखने की अनुमति नहीं देगा। G7 मंत्रियों ने इस संदर्भ में रूस द्वारा समस्या पैदा करने के तरीके को अस्वीकार किया है। इन सभी ने यूक्रेन के पक्ष में रहने और उन लोगों की मदद करने पर बल दिया है जो रूस द्वारा की जाने वाली कार्रवाई से सबसे अधिक प्रभावित हैं। G7 सदस्यों ने यूक्रेन में शांति बहाली और पुनर्निर्माण हेतु सहायता प्रदान करने पर बल दिया है जिसमें कृषि भूमि से संबंधित बुनियादी ढाँचे के पुनर्निर्माण में सहायता देना शामिल है।
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बसव जयंती

प्रधानमंत्री ने बसव जयंती पर जगद्गुरु बसवेश्वर को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह 12वीं शताब्दी के दौरान शैव धर्म भक्ति आंदोलन में दार्शनिक, राजनेता, समाज सुधारक और संत के सम्मान में मनाया जाने वाला त्योहार है। बसवेश्वर को उनकी शिक्षाओं जिसमें लैंगिक समानता, सामाजिक सुधार, सामाजिक भेदभाव के उन्मूलन, अंधविश्वास और अनावश्यक अनुष्ठानों के खिलाफ जागरूकता आदि शामिल हैं, के लिये जाना जाता है। कर्नाटक राज्य में लिंगायतों द्वारा वैशाख महीने के दौरान शुक्ल पक्ष या शुक्ल पक्ष की तृतीया को बसवेश्वर की जयंती के रूप में मनाया जाता है। बसवेश्वर ने इष्टलिंग हार पहनने की प्रथा आरंभ की जो भगवान शिव का प्रतीक है और इसे सभी लिंगायतों द्वारा पहना जाता है। बसव द्वारा स्थापित अनुभव मंतपा ने सामाजिक लोकतंत्र की नींव रखी।

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अर्थ डे

अर्थ डे पृथ्वी ग्रह और इसके पर्यावरण की रक्षा की आवश्यकता के संदर्भ में जागरूकता उत्पन्न करने हेतु प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को मनाया जाने वाला एक वार्षिक आयोजन है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2009 में 22 अप्रैल को 'अंतर्राष्ट्रीय मातृ पृथ्वी दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की थी। अर्थ डे 2023 की थीम "हमारे ग्रह में निवेश करना (Invest in our planet)" है, जो व्यवसायों, निवेशकों, वित्तीय बाज़ारों एवं सरकारों से स्वस्थ तथा अधिक न्यायसंगत वैश्विक प्रणाली के निर्माण का नेतृत्त्व करने का आह्वान करती है। निजी क्षेत्र हरित नवाचार व प्रथाओं को बढ़ावा देने हेतु अपनी शक्ति का उपयोग कर सकता है, जबकि सरकार नागरिकों, व्यवसायों और संस्थानों को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने के लिये प्रोत्साहित कर सकती है। नागरिक भी व्यक्तिगत तौर पर पर्यावरण के अनुकूल व्यवसायों का समर्थन कर तथा पर्यावरण को प्राथमिकता देने वाले उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करके बदलाव कर सकते हैं। अर्थ डे पहली बार वर्ष 1970 में स्मॉग, प्रदूषित नदियों और तेल रिसाव जैसे मुद्दों के कारण होने वाले पर्यावरणीय क्षरण की प्रतिक्रिया के रूप में मनाया गया था। वर्तमान में अर्थ डे विश्व स्तर पर EARTHDAY.ORG द्वारा समन्वित है, जो एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसे पहले अर्थ डे नेटवर्क के रूप में जाना जाता था। इसका उद्देश्य लोगों एवं ग्रह हेतु परिवर्तनकारी प्रयास करके दुनिया के सबसे बड़े पर्यावरण आंदोलन का निर्माण करना है। वर्ष 2016 में पृथ्वी दिवस पर महत्त्वपूर्ण पेरिस समझौते, जिसका उद्देश्य वैश्विक ग्रीनहाउस उत्सर्जन को कम करना है, पर हस्ताक्षर किये गए थे, यह हमारे ग्रह हेतु सार्थक परिवर्तन लाने में इस दिन के महत्त्व को प्रदर्शित करता है।
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राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस

73वें संवैधानिक संशोधन के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है, यह वर्ष 1993 में उसी दिन लागू हुआ था जब पंचायतों को भारत में स्थानीय स्वशासन के तीसरे स्तर के रूप में संवैधानिक दर्जा दिया गया था। हालाँकि राजस्थान, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्यों ने पहले ही पंचायतों को स्थानीय स्वशासन संस्थाओं के रूप में मान्यता दे दी थी, 73वें और 74वें संशोधनों ने इसे एक अखिल भारतीय स्वरूप प्रदान किया। महिलाओं के प्रतिनिधित्त्व में वृद्धि करने में पंचायती राज अधिक सफल रहा है, स्थानीय स्तर पर महिलाओं के लिये कुल सीटों का एक-तिहाई आरक्षित है और कुछ राज्य स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं को 50% आरक्षण प्रदान करते हैं। स्थानीय स्तर पर महिलाओं के इस बढ़े हुए प्रतिनिधित्त्व के विभिन्न नीतिगत परिणाम सामने आए हैं, इसके अंतर्गत कई स्थानों पर स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं के लिये समुदाय आधारित कल्याण और वित्तीय स्वतंत्रता हेतु खर्च में वृद्धि शामिल है। विभिन्न राज्यों में स्थानीय सरकारी निकायों को दी जाने वाली वित्तीय स्वायत्तता के स्तर में काफी भिन्नता है। उदाहरण के लिये स्वायत्तता को सर्वोत्तम रूप से लागू करने वाले दो राज्य केरल और महाराष्ट्र हैं, जबकि दो सबसे कम सफल राज्य ओडिशा और असम हैं।
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