Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22 सितंबर, 2021 | 22 Sep 2021
साहित्य अकादमी फैलोशिप
प्रख्यात अंग्रेज़ी लेखक ‘रस्किन बॉण्ड’, हिंदी लेखक ‘विनोद कुमार शुक्ला’ समेत छः अन्य लेखकों को ‘साहित्य अकादमी फैलोशिप’ के लिये चुना गया है। ‘साहित्य अकादमी फैलोशिप’ के लिये चुने गए अन्य लोगों में सिरशेंदु मुखोपाध्याय (बांग्ला), एम लीलावती (मलयालम), डॉ. भालचंद्र नेमाडे (मराठी), डॉ. तेजवंत सिंह गिल (पंजाबी), स्वामी रामभद्राचार्य (संस्कृत), इंदिरा पार्थसारथी (तमिल) शामिल हैं। ज्ञात हो कि 300 से अधिक लघु कथाओं, निबंध और उपन्यास तथा बच्चों के लिये 30 से अधिक पुस्तकें लिखने वाले रस्किन बॉण्ड को ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, साहित्य अकादमी के ‘बाल साहित्य पुरस्कार’, ‘पद्मश्री’ और ‘पद्मभूषण’ सहित अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। साहित्य अकादमी भारतीय साहित्य के सक्रिय विकास हेतु समर्पित एक राष्ट्रीय संस्था है, जिसका उद्देश्य उच्च साहित्यिक मानदंड स्थापित करना, भारतीय भाषाओं में साहित्यिक गतिविधियों को समन्वित करना एवं उनका पोषण करना तथा उनके माध्यम से देश की सांस्कृतिक एकता का उन्नयन करना है। भारत सरकार द्वारा इसकी स्थापना 12 मार्च, 1954 को की गई थी। ज्ञात हो कि अकादमी द्वारा प्रत्येक वर्ष अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त 24 भाषाओं में साहित्यिक कृतियों के साथ ही इन्हीं भाषाओं में परस्पर साहित्यिक अनुवाद के लिये भी पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। भारत के संविधान में शामिल 22 भाषाओं के अलावा साहित्य अकादमी ने अंग्रेज़ी तथा राजस्थानी को भी उन भाषाओं के रूप में मान्यता दी है जिसमें अकादमी के कार्यक्रम को लागू किया जा सकता है।
मिताली राज
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध पहले वनडे के दौरान अपने शानदार कॅरियर में एक और उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने 20,000 रन पूरे कर लिये हैं। अनुभवी भारतीय बल्लेबाज मिताली राज पहले से ही महिला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वोच्च स्कोरर हैं, यह उपलब्धि उन्होंने इस वर्ष की शुरुआत में इंग्लैंड के दौरे के दौरान हासिल की थी। 03 दिसंबर, 1982 को राजस्थान के जोधपुर में जन्मी मिताली राज ने अपने अंतर्राष्ट्रीय कॅरियर की शुरुआत वर्ष 1999 में मात्र 16 वर्ष की आयु में की थी, जिसमें उन्होंने कुल 114 रन की एक महत्त्वपूर्ण पारी खेली थी। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुल 218 एकदिवसीय मैच खेले हैं और कुल 7 शतक तथा 59 अर्द्ध-शतक लगाए हैं। ज्ञात हो कि मिताली राज टेस्ट क्रिकेट और एकदिवसीय मैचों में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी करती हैं।
चंद्रमा का ‘नोबेल क्रेटर’
नासा ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के एक क्षेत्र- ‘नोबेल क्रेटर’ को अपने आगामी मिशन के लैंडिंग स्थल के रूप में चुना है। नासा के आर्टेमिस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में नासा के ‘वोलेटाइलस इन्वेस्टिगेटिंग पोलर एक्सप्लोरेशन रोवर’ (Viper) को वर्ष 2023 में ‘स्पेस-एक्स’ के फाल्कन-हेवी रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा। यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का अन्वेषण करने वाला पहला रोवर होगा। ज्ञात हो कि इस क्षेत्र का अब तक केवल नासा के लूनर रिकॉनेसेन्स ऑर्बिटर, इसरो के चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 जैसे रिमोट सेंसिंग उपकरणों का उपयोग करके अध्ययन किया गया है। इस मिशन के माध्यम से प्राप्त डेटा दुनिया भर के वैज्ञानिकों को चंद्रमा की ब्रह्मांडीय उत्पत्ति, विकास तथा इतिहास को और बेहतर तरीके से समझने में मदद करेगा, साथ ही यह भविष्य के चंद्रमा तथा अन्य खगोलीय निकायों से संबंधित मिशनों के लिये भी महत्त्वपूर्ण है। ज्ञात हो कि आर्टेमिस कार्यक्रम के माध्यम से नासा वर्ष 2024 तक मनुष्य (एक महिला और एक पुरुष) को चंद्रमा पर भेजना चाहता है। इस मिशन का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अंतरिक्ष यात्रियों को उतारना है।
विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त उपहारों संबंधी नियम
एक हालिया आधिकारिक आदेश के मुताबिक, केंद्र ने IAS, IPS और IFoS अधिकारियों को भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त उपहारों को रखने की अनुमति देने हेतु 50 वर्ष पुराने नियम में संशोधन किया है। मौजूदा नियम अधिकारियों को शादी, वर्षगाँठ और धार्मिक समारोहों जैसे अवसरों पर केवल अपने करीबी रिश्तेदारों या व्यक्तिगत मित्रों से उपहार स्वीकार करने की अनुमति देते हैं, जब ऐसे उपहार देना प्रचलित धार्मिक और सामाजिक प्रथा के अनुरूप हो। हालाँकि यदि इस तरह के उपहार का मूल्य 25,000 रुपए से अधिक होने पर सरकार को रिपोर्ट करना अनिवार्य था। ज्ञात हो कि विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त उपहारों को रखने अथवा न रखने के संबंध में कोई विशिष्ट नियम नहीं था, अब तक प्रचलित व्यवस्था के तहत ज्ञात या अज्ञात विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त उपहार प्रायः विदेश मंत्रालय में 'तोशाखाना' (ऐसे उपहारों का एक भंडार) में जमा किये जाते थे।