Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 21 अप्रैल, 2023 | 21 Apr 2023
फूड स्ट्रीट पहल
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs- MoHUA) के साथ साझेदारी में देश भर के 100 ज़िलों में 100 फूड स्ट्रीट के विकास का प्रस्ताव रखा है। इस पहल का उद्देश्य खाद्य उद्योग में सुरक्षित एवं स्वस्थ तरीकों को बढ़ावा देना, खाद्य जनित बीमारियों को कम करना तथा समग्र स्वास्थ्य स्थितियों में सुधार करना है। पहल को खाद्य व्यवसायों हेतु सर्वोत्तम तरीकों को प्रदर्शित करने के लिये एक पायलट योजना के रूप में लागू किया जाएगा। यह पहल न केवल "ईट राईट अभियान" एवं खाद्य सुरक्षा का समर्थन करेगी बल्कि स्थानीय खाद्य व्यवसायों की विश्वसनीयता भी बढ़ाएगी। पहल के लाभों में रोज़गार सृजन, पर्यटन क्षमता में सुधार और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना शामिल है। पहल को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ( National Health Mission- NHM) के माध्यम से MoHUA तथा भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India- FSSAI) से तकनीकी सहायता के साथ लागू किया जाएगा। FSSAI के दिशा-निर्देशों के अनुसार मानक ब्रांडिंग के अधीन 60:40 या 90:10 के अनुपात में आपूर्ति की गई NHM के तहत सहायता के साथ राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को एक करोड़ रुपए प्रति फूड स्ट्रीट/ज़िला की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
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उपराष्ट्रपति ने सिविल सेवाओं में सहकारी संघवाद का आह्वान किया
16वें सिविल सेवा दिवस (CVD) के अवसर पर भारत के उपराष्ट्रपति ने नई दिल्ली में सिविल सेवकों की एक सभा को संबोधित किया। इस दिन स्वतंत्र भारत के पहले गृहमंत्री, सरदार वल्लभभाई पटेल ने वर्ष 1947 में मेटकॉफ हाउस, दिल्ली में प्रशासनिक परिवीक्षार्थियों को संबोधित करते हुए सिविल सेवकों को 'स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया' के रूप में संदर्भित किया। इस 16वें सिविल सेवा दिवस (CVD) में, राष्ट्र के समावेशी विकास को सुनिश्चित करने में सिविल सेवकों द्वारा निभाई गई महत्त्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया गया। संघ और राज्यों में प्रशासन में एकरूपता की सुविधा के लिये सिविल सेवकों का आह्वान किया गया ताकि संघवाद, सहकारी संघवाद में विकसित हो सके। सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिये एक राष्ट्रीय कार्यक्रम मिशन कर्मयोगी पर प्रकाश डाला गया, जो भविष्य के लिये तैयार सिविल सेवकों को न्यू इंडिया के विज़न से जोड़कर आकार दे रहा है। त्वरित सेवा वितरण और नागरिक-केंद्रित शासन के लिये सिविल सेवकों के नेतृत्त्व के पूरक में प्रौद्योगिकी के महत्त्व को मान्यता दी गई है। उपराष्ट्रपति ने 'नेशनल गुड गवर्नेंस वेबिनार सीरीज़' पर एक ई-बुक का अनावरण किया और 'भारत में गुड गवर्नेंस प्रैक्टिसेस- अवार्डेड इनिशिएटिव्स' पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
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MEF नेताओं ने जलवायु कार्यवाही और पहल पर चर्चा की
हाल ही में, ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन पर प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मंच की आभासी बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता अमेरिकी राष्ट्रपति ने की और इसमें विश्व भर की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के राष्ट्राध्यक्षों और मंत्रियों ने भाग लिया। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने वैश्विक तापमान वृद्धि को सीमित करने के लिये जलवायु कार्यवाही की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया और पर्यावरण के लिये जीवन शैली LiFE के लिये भारतीय प्रधानमंत्री के आह्वान का उल्लेख किया। सभी MEF नेताओं ने जलवायु परिवर्तन को सबसे बड़ी चुनौतियों से एक माना और जलवायु कार्यवाही को बढ़ाने के लिये संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर आवाज़ उठाई। भारत के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन और श्रम एवं रोजगार मंत्री ने वैश्विक औसत के एक-तिहाई प्रति व्यक्ति उत्सर्जन के साथ जलवायु परिवर्तन का सामना करने में भारत के नेतृत्व पर महत्त्व दिया। विभिन्न क्षेत्रों से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिये भारत की पहल, जलवायु वित्त के लिये समर्थन और जलवायु परिवर्तन का सामना करने की दिशा में व्यक्तिगत व्यवहार परिवर्तन में LiFE के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया है। बैठक में गरीबी में कमी और SDGs सहित वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिये बहुपक्षीय विकास बैंकों (MDB) की वित्तीय क्षमता को मज़बूत करने के प्रयासों पर भी चर्चा हुई।
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हीट इंडेक्स
हीट इंडेक्स में वायु के तापमान और आर्द्रता दोनों को ध्यान में रखा जाता है, लोगों द्वारा अनुभव की जाने वाली गर्मी का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। दिल्ली में अप्रैल 2022 में हीट इंडेक्स खतरनाक स्तर पर पहुँच गया, जो 44oC से 49oC के बीच था। दिल्ली में रिकॉर्ड किये गए हीट इंडेक्स के आँकड़े यूएस नेशनल वेदर सर्विस वर्गीकरण "खतरे" की श्रेणी में हैं, जो निरंतर गतिविधि के मामले में हीट क्रैम्प्स (Heat Cramps), हीट एक्जाशन (Heat Exhaustion) और संभावित हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) की संभावना को इंगित करता है। झुग्गी आबादी की सघनता, सुविधाओं तक पहुँच की कमी,आवास की खराब स्थिति और स्वास्थ्य देखभाल तथा स्वास्थ्य बीमा की अनुपलब्धता, दिल्ली में गर्मी से संबंधित जोखिमों को बढ़ा सकती है। वायु के तापमान और सापेक्ष आर्द्रता और हीट इंडेक्स के बीच सीधा संबंध है।
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