Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 20 अक्तूबर, 2020 | 20 Oct 2020
जैसिंडा अर्डर्न
न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न (Jacinda Ardern) ने एक ऐतिहासिक चुनावी जीत हासिल की है। वर्ष 1996 में आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली की शुरुआत के बाद से पहली बार जैसिंडा अर्डर्न की लेबर पार्टी (Labour Party) ने न्यूज़ीलैंड में सबसे बड़ा बहुमत हासिल किया है। ध्यातव्य है कि जैसिंडा अर्डर्न को हालिया चुनावों में कोरोना वायरस महामारी के विरुद्ध उनकी सफलता का काफी लाभ प्राप्त हुआ है और इसी सफलता की बदौलत जैसिंडा अर्डर्न को कुल वोटों का 49 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त हुआ है। 40 वर्षीय जैसिंडा अर्डर्न वर्ष 2017 में न्यूज़ीलैंड की 40वीं प्रधानमंत्री बनी थीं और तभी से वे लेबर पार्टी का नेतृत्त्व भी कर रही हैं। 26 जुलाई, 1980 को न्यूज़ीलैंड के हैमिल्टन (Hamilton) शहर में जन्मी जैसिंडा अर्डर्न मात्र 18 वर्ष की उम्र में लेबर पार्टी में शामिल हो गई थीं और अपनी मेहनत तथा नेतृत्त्व क्षमता की बदौलत उन्होंने वर्ष 2008 में न्यूज़ीलैंड की संसद में प्रवेश किया। इससे पूर्व वे ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर और न्यूज़ीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क के लिये एक स्टाफ सदस्य के तौर पर कार्य कर चुकी हैं। अपने संपूर्ण राजनीतिक जीवन में जैसिंडा अर्डर्न विश्व भर में प्रवासन जैसे मुद्दों के बारे में प्रगतिशील विचार रखने और बच्चों, महिलाओं तथा समलैंगिक के अधिकारों के बारे में मुखर होकर बोलने के लिये काफी प्रसिद्ध हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित पैकेज में केंद्र सरकार ने विशेष अभियान चलाकर 2 लाख करोड़ रुपए की खर्च सीमा के 2.5 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जारी किये जाने की घोषणा की थी। अब इस दिशा में किये गए निरंतर प्रयास के चलते सस्ती ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने के लिये मछली पालकों और पशु पालकों समेत 1.5 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने की उपलब्धि हासिल कर ली गई है। ध्यातव्य है कि जारी किये गए सभी किसान क्रेडिट कार्डों के लिये खर्च की कुल सीमा 1.35 लाख करोड़ रुपए है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत वर्ष 1998 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य किसानों को कृषि गतिविधियों के लिये बिना किसी बाधा के समय पर ऋण उपलब्ध कराना था। भारत सरकार किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसानों को ब्याज पर 2 प्रतिशत की आर्थिक सहायता देती है और समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को 3 प्रतिशत की प्रोत्साहन छूट दी जाती है। सस्ती ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने से न सिर्फ किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी, बल्कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूती भी मिलेगी और कृषि तथा इससे जुड़े क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ेगा।
मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क
केंद्रीय सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से असम में देश के पहले मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (Multi-Modal Logistics Park) की आधारशिला रखी है। आधिकारिक सूचना के अनुसार, इस मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण तकरीबन 694 करोड़ रुपए की लागत से भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना (Bharatmala Pariyojna) के तहत किया जाएगा। असम के बोंगाईगांव (Bongaigaon) ज़िले में बनने वाले इस पार्क से असम और पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों को हवाई, सड़क, रेल तथा जलमार्ग के माध्यम से सीधा जोड़ा जाएगा। इस प्रकार इस परियोजना के माध्यम से तकरीबन 20 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार प्राप्त करने में मदद मिलेगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा वर्ष 2017-18 से भारतमाला कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत आर्थिक गलियारे, फीडर कॉरीडोर और इंटर कॉरीडोर, राष्ट्रीय कॉरीडोर, तटवर्ती सड़कें, बंदरगाह संपर्क सड़कें आदि का निर्माण किया जा रहा है।
चुनाव अभियान खर्च की सीमा में बढ़ोतरी
चुनाव आयोग की सिफारिश के आधार पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिये चुनाव खर्च की सीमा को 10 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। ध्यातव्य है कि खर्च की सीमा में बढ़ोतरी से बिहार विधानसभा चुनाव के साथ-साथ एक लोकसभा और 59 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को मदद मिलेगी। बीते माह निर्वाचन आयोग ने महामारी के कारण लागू किये गए प्रतिबंधों के बीच चुनाव प्रत्याशियों के लिये चुनाव प्रचार में आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए महामारी के दौरान होने वाले सभी चुनावों के लिये खर्च की सीमा में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। इस संबंध में विधि मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार को प्रचार के लिये अधिकतम खर्च 77 लाख रुपए हो सकता है, जबकि पहले यह राशि 70 लाख रुपए थी। वहीं अब विधानसभा चुनावों के दौरान प्रत्याशियों द्वारा 30.8 रुपए खर्च किये जा सकते हैं, जबकि पहले यह राशि 28 लाख रुपए थी।