विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 20 जनवरी, 2024
- 20 Jan 2024
- 5 min read
लिथियम ब्लॉक के लिये भारत-अर्जेंटीना समझौता
हाल ही में भारत ने खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) के माध्यम से अर्जेंटीना में पाँच लिथियम ब्राइन ब्लॉकों की खोज एवं विकास के लिये अर्जेंटीना के स्वामित्त्व वाली CAMYEN के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
- इस समझौता से KABIL को इन ब्लाॅकों मूल्यांकन, अन्वेषण करने में मदद मिलेगी। साथ ही, लिथियम खनिजों की खोज किये जाने के बाद इनके वाणिज्यिक उत्पादन के लिये दोहन संबंधी अधिकार भी प्रदान किये गए हैं।
- यह भारत में किसी सरकारी कंपनी द्वारा शुरू की गई पहली लिथियम अन्वेषण और खनन परियोजना है।
- लिथियम को 'वाइट गोल्ड’' भी कहा जाता है, यह देश के हरित ऊर्जा विकल्पों की ओर संक्रमण का आधार हो सकता है।
- इसका उपयोग ऊर्जा भंडारण, मोबाइल फोन की बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) जैसे विभिन्न श्रेणियों में किया जाता है।
- चिली, बोलीविया और अर्जेंटीना विश्व के "लिथियम त्रिकोण" का हिस्सा हैं।
- तीनों देशों के पास पूरे विश्व के कुल लिथियम संसाधनों का आधे से अधिक हिस्सा है।
- अर्जेंटीना के पास विश्व का दूसरा सबसे बड़ा लिथियम संसाधन संपन्न होने, तीसरा सबसे बड़ा लिथियम भंडार धारक होने तथा चौथा सबसे बड़ा लिथियम उत्पादक होने का गौरव प्राप्त है।
और पढ़ें… भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने जम्मू-कश्मीर में लिथियम की खोज की
भारत ने डोमिनिकन गणराज्य, इक्वाडोर और नीदरलैंड के साथ MoU/MoI पर हस्ताक्षर किये
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में चिकित्सा उत्पादों के विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर नीदरलैंड, डोमिनिकन गणराज्य और इक्वाडोर के साथ अलग ज्ञापन को मंज़ूरी दी।
- नीदरलैंड के साथ आशय पत्र (Memorandum of Intent- MoI या Letter of Intent- LOI) पर 7 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षर किये गए थे।
- डोमिनिकन गणराज्य के साथ समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding- MoU) पर 4 अक्तूबर, 2023 को हस्ताक्षर किये गए।
- साथ ही 7 नवंबर, 2023 को इक्वाडोर के साथ एक अलग समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
- आशय पत्र और समझौता ज्ञापन दो के बीच प्राथमिक अंतर यह है कि एक LOI आमतौर पर कम विशिष्ट होता है, जो मुख्य सिद्धांतों एवं सहयोग के प्रारंभिक इरादे पर ध्यान केंद्रित करता है और MOU सामान्यतः अधिक विस्तृत होता है, जिसमें सहयोग के दायरे, प्रत्येक पार्टी की ज़िम्मेदारियों, समयसीमा और संभावित परिणामों को रेखांकित किया जाता है।
और पढ़ें: भारत का फार्मास्युटिकल उद्योग, भारत और नीदरलैंड संबंध
ऑपरेशन सर्वशक्ति: जम्मू-कश्मीर में गहन आतंकवाद-रोधी अभियान
भारतीय सेना ने हाल ही में एक रणनीतिक पहल के तौर पर ऑपरेशन सर्वशक्ति की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य जम्मू और कश्मीर के राजौरी एवं पुंछ क्षेत्रों में भारतीय सैनिकों पर किये गए हमलों के लिये ज़िम्मेदार आतंकवादियों को मार गिराना है।
- इस पहल के तहत श्रीनगर में चिनार कोर और नगरोटा में व्हाइट नाइट कोर एक साथ ऑपरेशन करेंगे।
- यह ऑपरेशन वर्ष 2003 में पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में आतंकवादियों के खिलाफ शुरू किये गए ऑपरेशन सर्पविनाश के समान ही है, यह ऑपरेशन तीन माह तक चला था जिसमें लगभग 100 आतंकवादियों को मार गिराया गया था।
और पढ़ें… आतंकवाद विरोधी एजेंडा को पुनः बढ़ावा