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Rapid Fire करेंट अफेयर्स 19 जनवरी 2023

  • 19 Jan 2023
  • 11 min read

सेवानिवृत्त डीजी पंकज कुमार सिंह बने उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार 

हाल ही में 17 जनवरी को बीएसएफ के सेवानिवृत्त डीजी पंकज कुमार सिंह को दो साल की अवधि के लिये राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (Deputy National Security Adviser) नियुक्त किया गया है। वे 31 दिसंबर, 2022 को BSF प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। राजस्थान कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी पंकज कुमार सिंह को पुनर्नियोजन अनुबंध पर नियुक्त किया गया है। पंकज कुमार सिंह के पास भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद से एमबीए के अलावा एलएलबी और एमफिल की डिग्री है। वह 1959 बैच के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी प्रकाश सिंह के पुत्र हैं, जिन्होंने जून, 1993 से जनवरी, 1994 तक BSF का नेतृत्त्व भी किया था। सिंह ने केंद्र सरकार के साथ छत्तीसगढ़ में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) के महानिरीक्षक और दिल्ली में CRPF मुख्यालय में आईजी (संचालन) के रूप में कार्य किया था। BSF के महानिदेशक बनने से पहले उन्होंने BSF में पूर्वी सीमांत के प्रमुख के रूप में भी कार्य किया, जहाँ उन्होंने पश्चिम बंगाल और असम की सीमाओं के माध्यम से होने वाली पशु तस्करी को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। राजस्थान के जैसलमेर में वर्ष 2021 में उन्होंने बीएसएफ का स्थापना दिवस मनाने का विचार भी पेश किया था। वर्तमान में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी दत्तात्रय पडसलगिकर, पूर्व R&AW प्रमुख राजिंदर खन्ना और सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी पंकज सरन भी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में कार्य कर रहे हैं।

दिल्ली के पुराना किला परिसर में फिर होगी खुदाई

भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (The Archaeological Survey of India- ASI) द्वारा दिल्ली के पुराना किला परिसर में फिर से खुदाई शुरू की जाएगी। वर्ष 2013-14 और 2017-18 में हुई खुदाई के बाद से पुराने किले में खुदाई का यह तीसरा दौर होगा। नवीनतम उत्खनन का उद्देश्य पिछले वर्षों में खोदी गई खाइयों का अनावरण और संरक्षण करना है। पिछले दौर की खुदाई में मौर्य काल से पहले की परतों के प्रमाण मिले थे। इस बार की खुदाई में स्लेटी रंग के बर्तनों की खोज को पूरा करने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पहले हुई खुदाई में मिली कलाकृतियों में नौ सौ ईसा पूर्व काल के चित्रित स्लेटी बर्तन और मौर्य से लेकर क्रमिक रूप से शुंग, कुषाण, गुप्त, राजपूत, सल्तनत और मुगल काल तक के मिट्टी के बर्तन शामिल हैं। वहाँ मिली वस्तुएँ जैसे- दरांती, टेराकोटा के खिलौने, भट्ठे की जली हुई ईंटें, मनके, टेराकोटा मूर्तियाँ, मोहरे अब किला परिसर के भीतर पुरातत्त्व संग्रहालय में दर्शाए गए हैं। 16वीं सदी का पुराना किला शेर शाह सूरी और दूसरे मुगल बादशाह हुमायूँ ने बनवाया था। पुराना किला उस स्थल पर स्थित है जो हज़ारों वर्ष पूर्व के इतिहास को समेटे हुए है।

नारंगी रंग का चमगादड़

छत्तीसगढ़ के बस्तर में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के पराली बोडल गाँव में केले के बागान में एक ‘दुर्लभ नारंगी रंग का चमगादड़’ देखा गया, जिसे 'पेंटेड बैट' के नाम से भी जाना जाता है। भारत में यह पश्चिमी घाट, केरल, महाराष्ट्र एवं ओडिशा और अब छत्तीसगढ़ में देखा जा चुका है। यह आमतौर पर बांग्लादेश, ब्रुनेई, बर्मा, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, मलेशिया, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड और वियतनाम में पाया जाता है। इस प्रजाति के चमगादड़ की काले और नारंगी रंग के पंख एवं उंगलियाँ होती हैं। ये अक्सर असामान्य रोस्टिंग साइट्स जैसे- बुनकर फ़िंच और सनबर्ड्स, केले के पत्तों के घोंसले बनाते है, इन चमगादड़ों को जोड़े में बसेरा करने के लिये जाना जाता है। चमगादड़ों की इस प्रजाति को वैश्विक स्तर पर विलुप्तप्राय की श्रेणी में रखा गया है। भारत में यह दुर्लभ चमगादड़ मात्र 7-8 बार ही देखा गया है।

GMRT ने परमाणु हाइड्रोजन का पता लगाया  

मैकगिल यूनिवर्सिटी, कनाडा और IISc, बंगलूरू के खगोलविदों ने जाइंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (Giant Metrewave Radio Telescope- GMRT) के डेटा का उपयोग करते हुए एक अत्यंत दूर की आकाशगंगा (अब तक की सबसे अधिक दूर) में परमाणु हाइड्रोजन से उत्पन्न होने वाले रेडियो संकेत का पता लगाया है। परमाणु हाइड्रोजन आकाशगंगा में तारे के निर्माण के लिये आवश्यक बुनियादी ईंधन है। यह 21 सेमी. तरंग दैर्ध्य की रेडियो तरंगों का उत्सर्जन करता है, जिसे GMRT जैसे कम आवृत्ति वाले रेडियो टेलीस्कोप का उपयोग करके पता लगाया जा सकता है। अब तक तक 21 सेमी. उत्सर्जन के साथ पहचानी जाने वाली सबसे दूर की आकाशगंगा z = 0.376 पर थी, (संकेत का पता लगाने और इसके मूल उत्सर्जन के बीच के समय के अनुरूप- 4.1 बिलियन वर्ष)। अब जो पता चला है वह रेडशिफ्ट z = 1.29 पर है। रेडशिफ्ट वस्तु के स्थान और गति के आधार पर संकेत की तरंग दैर्ध्य में परिवर्तन का प्रतिनिधित्त्व करता है; z का अधिक मान किसी दूर की वस्तु को इंगित करता है। यह पता लगाना गुरुत्त्वाकर्षण लेंसिंग नामक घटना से संभव हुआ। गुरुत्त्वाकर्षण लेंसिंग आकाशगंगाओं और आकाशगंगाओं के समूहों में पदार्थ के वितरण की जाँच करता है एवं दूर के ब्रह्मांड के अवलोकन को सक्षम बनाता है।

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वायु गुणवत्ता निगरानी हेतु AI-AQMS v1.0 

हाल ही में MeitY द्वारा वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली के लिये प्रौद्योगिकी- AI-AQMS v1.0 लॉन्च की गई। सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (C-DAC), कोलकाता ने पर्यावरण प्रदूषकों की निगरानी के लिये एक बाह्य वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन विकसित किया है। इसमें पर्यावरण के निरंतर वायु गुणवत्ता विश्लेषण के लिये PM1.0, PM2.5, PM10.0, SO2, NO2, CO, O2, परिवेशीय तापमान, सापेक्ष आर्द्रता आदि जैसे मानदंड शामिल हैं।

और पढ़ें… वायु गुणवत्ता की निगरानी  

बायोसेंसिंग आधारित EDC डिटेक्शन प्रणाली

MeitY ने हाल ही में जलीय पारिस्थितिक तंत्र में अंत:स्रावी अवरोध रसायन (EDC) का पता लगाने के लिये बायोसेंसिंग प्रणाली हेतु प्रौद्योगिकी लॉन्च की है। जल निकायों में EDC सामग्री के गुणात्मक और मात्रात्मक विश्लेषण के लिये ICAR-CIFRI  के सहयोग से C-DAC, कोलकाता द्वारा प्रौद्योगिकी विकसित की गई है। अंत:स्रावी अवरोधक वे रसायन होते हैं जो शरीर की अंत:स्रावी प्रणाली में हस्तक्षेप कर सकते हैं और मानव तथा वन्यजीव दोनों में प्रतिकूल विकासात्मक, प्रजनन, न्यूरोलॉजिकल और प्रतिरक्षा प्रभाव पैदा कर सकते हैं।

और पढ़ें… अंत:स्रावी अवरोधक

ऋण हानि प्रावधान

RBI ने हाल ही में बैंकों द्वारा 'हानि-आधारित' अनुमानित दृष्टिकोण के प्रावधान को अपनाने के लिये एक रूपरेखा का प्रस्ताव दिया है। वैश्विक मानकों के अनुसार, वर्तमान में बैंकों को 'हानि' दृष्टिकोण के आधार पर ऋण हानि प्रावधान करने की आवश्यकता होती है। यह एक अधिक अग्रगामी 'अपेक्षित क्रेडिट लॉस' युक्त दृष्टिकोण होगा। प्रस्तावित ढाँचे के तहत बैंकों को वित्तीय परिसंपत्तियों (प्राथमिक ऋण और निवेश) को मूल्यांकित करने हेतु क्रेडिट नुकसान के आधार पर तीन श्रेणियों में से एक में वर्गीकृत करने की आवश्यकता होगी- चरण 1, चरण 2 और चरण 3ऋण हानि प्रावधान- यह एक ऐसा व्यय है जो बैंक बकाया ऋणों के लिये अलग से रखते हैं। बैंक अपने पोर्टफोलियो में सभी ऋणों में से अनुमानित ऋण पुनर्भुगतान का एक हिस्सा अलग से रखते हैं ताकि नुकसान को पूरी तरह से या आंशिक रूप से कवर किया जा सके। नुकसान की स्थिति में अपने नकदी प्रवाह में नुकसान उठाने की बजाय बैंक नुकसान की पूर्ति के लिये अपने ऋण हानि संचय (कोष) का उपयोग कर सकता है। 

और पढ़ें… भारतीय रिज़र्व बैंक

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