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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 अक्तूबर, 2022

  • 17 Oct 2022
  • 6 min read

विश्व  खाद्य दिवस

वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के स्थापना दिवस की याद में प्रत्येक वर्ष 16 अक्तूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है। FAO संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जो भुखमरी की समाप्ति के लिये अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्त्व करती है। वर्ष 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने खाद्य उत्पादन और खपत में बदलाव के तरीकों पर चर्चा करने के लिये पहले खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन का आयोजन किया। यह दिवस वैश्विक स्तर पर भूख की समस्या का समाधान करने के लिये प्रतिवर्ष मनाया जाता है। यह दिवस विश्व खाद्य कार्यक्रम (जिसे नोबेल शांति पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया था) और कृषि विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय कोष जैसे संगठनों द्वारा भी मनाया जाता है। यह सतत् विकास लक्ष्य 2 (SDG 2) यानी ज़ीरो हंगर पर ज़ोर देता है। इसने पिछले दशकों में कुपोषण के खिलाफ भारत के प्रयासों में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है जिसके मार्ग में कई बाधाएँ थीं। कम उम्र में गर्भावस्था, शिक्षा और जानकारी की कमी, पीने के पानी तक अपर्याप्त पहुँच, स्वच्छता की कमी आदि कारणों से भारत वर्ष 2022 तक "कुपोषण मुक्त भारत" के अपेक्षित परिणामों को प्राप्त करने में पिछड़ रहा है, जिसकी परिकल्पना राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत की गई है। विश्व खाद्य दिवस, 2022 की थीम: किसी को भी पीछे न छोड़ें (Leave No One Behind) है।

गुजरात में आयुष्मान कार्ड का वितरण

प्रधानमंत्री ने 17 अक्तूबर, 2022 को गुजरात में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्‍यम से मुख्यमंत्री अमृतम आयुष्मान कार्ड के वितरण का शुभारम्‍भ किया। प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के तहत गुजरात में सभी लाभार्थियों को उनके घर पर पचास लाख रंगीन मुद्रित आयुष्मान कार्ड वितरित किये गए। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में श्री मोदी ने वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री अमृतम योजना शुरू की थी। यह योजना गरीब नागरिकों को बीमारी के इलाज़ में होने वाले भयावह खर्च से बचाने के लिये लाई गई थी। वर्ष 2014 में इस योजना में उन परिवारों को भी शामिल किया गया जिनकी वार्षिक आय चार लाख रुपए तक है। बाद में इस योजना में कई अन्य समूहों को भी शामिल किया गया और इसका नाम मुख्यमंत्री अमृतम वात्सल्य योजना हो गया। योजना की सफलता को देखते हुए वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना शुरू की। इस योजना के तहत प्रति परिवार प्रति वर्ष पाँच लाख रुपए तक की कवरेज दी गई थी। वर्ष 2019 में गुजरात सरकार ने मुख्यमंत्री अमृतम वात्सल्य को आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना योजना के साथ जोड़ दिया।

 विश्व आघात दिवस

यह प्रतिवर्ष 17 अक्तूबर को मनाया जाता है। सबसे नाज़ुक क्षणों के दौरान जीवन को बचाने और सुरक्षा के महत्त्व पर ध्यान केंद्रित करने की तैयारी एवं महत्त्वपूर्ण उपायों को अपनाने के लिये मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार विश्वभर में मृत्यु एवं विकलांगता का प्रमुख कारण आघात है। आघात का अर्थ"किसी भी तरह की शारीरिक एवं मानसिक चोट हो सकती है"। इस तरह की चोटों के कारणों की कई वज़ह जैसे कि सड़क दुर्घटना, आग, जलना, गिरना, प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाएँ और हिंसक कृत्य आदि हो सकते हैं इन सभी कारणों के मध्य विश्वभर में आघात का प्रमुख कारण  सड़क यातायात दुर्घटना है।भारत में हर छह मिनट पर एक व्यक्ति सड़क दुर्घटना के कारण मौत का शिकार हो जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन हादसों से बचने के लिये यदि वाहन चालक सिर्फ ट्रैफिक नियम का पालन करें तो इसमें 60 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। देश में प्रतिवर्ष दस लाख लोग हेड इंजरी के शिकार होते हैं, जिनमें से 75 से 80 फ़ीसदी लोगों में सड़क दुर्घटना के कारण होती है। हेड इंजरी के शिकार 50 फीसदी लोग मर जाते हैं जिसमे से 25 फीसदी लोग विकलांग हो जाते हैं। इस विषय में कुछ सुरक्षात्मक एवं सावधानी तथा जागरूकता संबंधी उपाय किये जा सकते हैं साथ ही व्यक्ति द्वारा स्वयं से किसी भी प्रकार की लापरवाही न करने की अपेक्षा की जाती है। वैसे, इस प्रकार की स्थिति में आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत कॉल कर तथा जल्द से जल्द पर्याप्त सहायता प्राप्त करना इसकी पहली शर्त है। यह बेहद महत्त्वपूर्ण है कि घायल व्यक्ति को एक घंटे के भीतर उचित चिकित्सा देखभाल की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

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