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आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन

  • 28 Sep 2021
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना

मेन्स के लिये:

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन : डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat Digital Mission) की शुरुआत की।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • इसका उद्देश्य सभी भारतीय नागरिकों को अस्पतालों, बीमा कंपनियों और आवश्यकता पड़ने पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुँचने में सहायता करने के लिये डिजिटल स्वास्थ्य आईडी प्रदान करना है।
    • मिशन के पायलट प्रोजेक्ट की घोषणा प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2020 को लाल किले की प्राचीर से की थी।
      • यह पायलट परियोजना छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चरणबद्ध रूप में लागू की जा रही है।
  • मिशन की विशेषताएँ:
    • स्वास्थ्य आईडी: 
      • यह प्रत्येक नागरिक को प्रदान किया जाएगा जो उनके स्वास्थ्य खाते के रूप में भी काम करेगा। इस स्वास्थ्य खाते में हर परीक्षण, हर बीमारी, डॉक्टर से अपॉइंटमेंट, ली गई दवाओं और निदान का विवरण होगा। 
      • स्वास्थ्य आईडी निःशुल्क व स्वैच्छिक है। यह स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण करने में मदद करेगा और स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बेहतर नियोजन, बजट और कार्यान्वयन सुनिश्चित करेगा।
    • स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएँ और पेशेवर रजिस्ट्री:
      • कार्यक्रम के अन्य प्रमुख घटकों- हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (HPR) और हेल्थकेयर फैसिलिटीज़ रजिस्ट्री (HFR) को निर्मित किया गया है, जिससे मेडिकल प्रोफेशनल्स और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर तक आसान इलेक्ट्रॉनिक एक्सेस की अनुमति मिलती है।
      • HPR चिकित्सा की आधुनिक और पारंपरिक दोनों प्रणालियों में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाले सभी स्वास्थ्य पेशेवरों का एक व्यापक डिजिटल भंडार होगा। 
      • HFR डेटाबेस में देश की सभी स्वास्थ्य सुविधाओं का रिकॉर्ड होगा।
    • आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन सैंडबॉक्स:
      • मिशन के एक हिस्से के रूप में निर्मित सैंडबॉक्स, प्रौद्योगिकी और उत्पाद परीक्षण हेतु एक रूपरेखा के रूप में कार्य करेगा जो संगठनों की मदद करेगा। इसमें राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा बनने के इच्छुक प्राइवेट प्लेयर्स शामिल होते हैं। स्वास्थ्य सूचना प्रदाता या स्वास्थ्य सूचना उपयोगकर्त्ता आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के बिल्डिंग ब्लॉक्स के साथ कुशलतापूर्वक जुड़ सकते हैं।
  • क्रियान्वयन एजेंसी:
    • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (National Health Authority- NHA)।
  • संभावित लाभ:
    • डॉक्टरों और अस्पतालों तथा स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिये व्यवसाय करने में आसानी।
      • उनकी सहमति से नागरिकों के देशांतरीय स्वास्थ्य रिकॉर्ड (Longitudinal Health Records) तक पहुंँच और आदान-प्रदान को सक्षम बनाना।
    • भुगतान प्रणाली में आए क्रांतिकारी बदलाव में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) द्वारा निभाई गई भूमिका के समान डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र में एकीकृत करने में साहयक।
  • चिंताएँ:
    • डेटा सुरक्षा बिल की कमी के कारण निजी फर्मों और बेड प्लेयर्स द्वारा डेटा का दुरुपयोग हो सकता है।
    • नागरिकों का बहिष्करण और सिस्टम में खराबी के कारण स्वास्थ्य सेवा से वंचित होना भी चिंता का विषय है।

NDHM-Ecosystem

आगे की राह

  • NDHM अभी भी स्वास्थ्य को न्यायोचित अधिकार के रूप में मान्यता नहीं देता है। जैसा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2015 के मसौदे में निर्धारित किया गया है, स्वास्थ्य को अधिकार बनाने हेतु एक पुश ड्राफ्ट (Push Draft) होना चाहिये।
  • इसके अलावा यूनाइटेड किंगडम में एक समान राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (National Health Service- NHS) की विफलता से सीख ली जानी चाहिये और मिशन को अखिल भारतीय स्तर पर शुरू करने से पहले तकनीकी एवं कार्यान्वयन संबंधी कमियों को सक्रिय रूप से संबोधित किया जाना चाहिये।
  • देश भर में  NDHM आर्किटेक्चर के मानकीकरण हेतु राज्य-विशिष्ट नियमों को समायोजित करने के तरीके खोजने की आवश्यकता होगी। इसे सरकारी योजनाओं जैसे- आयुष्मान भारत योजना और अन्य आईटी-सक्षम योजनाओं जैसे- प्रजनन बाल स्वास्थ्य देखभाल एवं निक्षय पोषण योजना आदि के साथ तालमेल बिठाने की आवश्यकता है।

स्रोत:द हिंदू

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