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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 जून, 2023

  • 17 Jun 2023
  • 5 min read

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी 

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency- IEA) भारत को शामिल करने हेतु अपनी पूर्ण सदस्यता शर्तों की समीक्षा करेगी। IEA का सदस्य बनने हेतु उम्मीदवार देश को OECD का सदस्य देश होना चाहिये एवं कई आवश्यकताओं को प्रदर्शित करना चाहिये। इनमें पिछले वर्ष के शुद्ध आयात के 90 दिनों के बराबर कच्चे तेल और/या उत्पाद भंडार शामिल हैं, जिन तक सरकार की तत्काल पहुँच है तथा इसका उपयोग वैश्विक तेल आपूर्ति में व्यवधानों को दूर करने हेतु किया जा सकता है। राष्ट्रीय तेल खपत को 10% तक कम करने हेतु मांग संयम कार्यक्रम; राष्ट्रीय आधार पर समन्वित आपातकालीन प्रतिक्रिया उपाय (Coordinated Emergency Response Measures- CERM) को संचालित करने के लिये कानून एवं संगठन का निर्माण करना तथा ऐसे कानून व उपाय करना कि इसके अधिकार क्षेत्र के तहत सभी तेल कंपनियाँ अनुरोध पर जानकारी की रिपोर्ट करें, साथ ही IEA के तहत सामूहिक कार्रवाई हेतु विविध प्रावधान करना। भारत IEA का सदस्य नहीं है। IEA पेरिस, फ्राँस में वर्ष 1974 में स्थापित एक स्वायत्त अंतर-सरकारी संगठन है। यह आर्थिक विकास, ऊर्जा सुरक्षा एवं पर्यावरण संरक्षण सहित ऊर्जा नीतियों पर केंद्रित है। IEA 31 सदस्य देशों से बना है।

और पढ़ें…IEA ने भारत को पूर्णकालिक सदस्य बनने हेतु आमंत्रित किया

मेयॉन ज्वालामुखी 

11 जून, 2023 को मेयॉन ज्वालामुखी से लावा निकलने के कारण लगभग 18,000 लोगों को आपातकालीन आश्रयों में भागने के लिये मजबूर होना पड़ा। लेगास्पि शहर सक्रिय मेयॉन ज्वालामुखी से घिरा हुआ है, जो लूज़ोन के फिलीपीन द्वीप के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह अपने शंक्वाकार (Conical) आकार के लिये जाना जाता है और फिलीपींस के 24 ज्ञात ज्वालामुखियों में सबसे अधिक सक्रिय है। वर्ष 1616 के बाद से मेयॉन में 30 से अधिक बार विस्फोट हो चुका है, इसमें सबसे विनाशकारी विस्फोट वर्ष 1814 में हुआ था जिसमें एक पूरा गाँव दब गया थे और 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे। यह ज्वालामुखी पर्वतारोहियों तथा शिविरार्थियों (Campers) के बीच काफी लोकप्रिय है और यह मेयॉन ज्वालामुखी राष्ट्रीय उद्यान का केंद्र है।

और पढ़ें…इंडोनेशिया का सेमेरु ज्वालामुखी

सरकार ने रिफाइंड खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटाया 

भारत सरकार ने परिष्कृत सोयाबीन तथा सूरजमुखी के तेलों पर आयात शुल्क कम करके खाद्य तेलों की उपलब्धता और मूल्य निर्धारण संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिये एक महत्तवपूर्ण कदम उठाया है। आयात शुल्क को तत्काल प्रभाव से 17.5% से घटाकर 12.5% कर दिया गया है। जबकि भारत सामान्य रूप से कच्चे सोयाबीन तथा सूरजमुखी के तेल का आयात करता है, साथ ही उनके परिष्कृत समकक्षों पर शुल्क कम करने के निर्णय के उद्देश्य से घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देता है जिसका मूल उद्देश्य कीमतों को स्थिर करना है। इस शुल्क कमी के बावजूद समाज कल्याण उपकर सहित रिफाइंड खाद्य तेलों पर प्रभावी शुल्क 13.7% बना हुआ है, जबकि प्रमुख कच्चे खाद्य तेलों पर प्रभावी शुल्क 5.5% है। भारत वर्तमान में घरेलू बाज़ार में स्थिरता बनाए रखकर आपूर्ति-मांग के अंतर को दूर करने हेतु अपनी खाद्य तेल की मांग का लगभग 60% पूरा करने के लिये आयात पर निर्भर है।

और पढ़ें… भारत में खाद्य तेल क्षेत्र

करी ईशाद आम को GI टैग मिला 

उत्तर कन्नड़ के अंकोला तालुक के करी ईशाद आम को केंद्र सरकार के तहत भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री से भौगोलिक संकेतक (GI) टैग मिला है। माथा टोटागर्स फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड को GI सर्टिफिकेट जारी किया गया। विशिष्ट सुगंध, रमणीय स्वाद, मुलायम लुगदी गूदा और आकर्षक आकार सहित अपनी असाधारण विशेषताओं के लिये पहचाने जाने वाला करी ईशाद आम को बेहतरीन आम किस्मों में से एक के रूप में माना जाता है।

और पढ़ें…  भौगोलिक संकेतक टैग

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