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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 दिसंबर, 2021

  • 17 Dec 2021
  • 5 min read

रक्षा संपदा महानिदेशालय

रक्षा मंत्री द्वारा 16 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली में ‘रक्षा संपदा महानिदेशालय’ के 96वें स्थापना दिवस के अवसर पर उत्कृष्टता के लिये ‘रक्षा मंत्री पुरस्कार-2021’ प्रदान किये गए। इस पुरस्कार के तहत प्राप्तकर्त्ताओं को सार्वजनिक सेवा और भूमि प्रबंधन के साथ स्वच्छता तथा स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और डिजिटल उपलब्धियों के लिये सम्मानित किया गया। रक्षा संपदा महानिदेशालय (DGDE) ‘भारतीय रक्षा संपदा सेवा’ का मुख्यालय है। रक्षा संपदा महानिदेशालय, रक्षा मंत्रालय और सेवा मुख्यालय यानी सेना, नौसेना, वायु सेना और रक्षा मंत्रालय के तहत अन्य संगठनों को सभी छावनियों के मामलों पर सलाहकारी इनपुट प्रदान करता है। सैन्य उद्देश्यों के लिये भूमि अधिग्रहण, विस्थापित व्यक्तियों का पुनर्वास, भूमि एवं भवनों को किराए पर लेना और अधिग्रहण करना ‘रक्षा संपदा महानिदेशालय’ की कुछ प्रमुख जिम्मेदारियाँ हैं। वर्तमान में देश में कुल 62 छावनी बोर्ड हैं। ये स्थानीय निकाय हैं, जो नागरिक प्रशासन प्रदान करने और सामाजिक कल्याण, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता, सुरक्षा, जल आपूर्ति, स्वच्छता, शहरी नवीनीकरण और शिक्षा की केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने हेतु उत्तरदायी हैं।

पार्कर सोलर प्रोब

अपने प्रक्षेपण के तीन वर्ष बाद ‘पार्कर सोलर प्रोब’ ने अंततः सूर्य को ‘स्पर्श’ कर लिया है। हाल ही में नासा ने  घोषणा की कि यह मिशन सूर्य के ऊपरी वायुमंडल- जिसे कोरोना के रूप में जाना जाता है, में पहुँचने वाला अब तक का पहला ज्ञात अंतरिक्ष यान बन गया है, जहाँ इसने कणों एवं चुंबकीय क्षेत्रों का नमूना एकत्र किया है। सूर्य के वर्णमंडल के वाह्य भाग को किरीट/कोरोना (Corona) कहते हैं। सूर्य का कोरोना बाहरी अंतरिक्ष में लाखों किलोमीटर तक फैला है और इसे सूर्य ग्रहण के दौरान आसानी से देखा जाता है। ‘पार्कर सोलर प्रोब’ को फ्लोरिडा स्थित नासा के केप केनेडी स्पेस सेंटर- काम्प्लेक्स37 (Complex37) से डेल्टा-4 रॉकेट द्वारा वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया था। नासा ने पार्कर सोलर प्रोब का नाम प्रख्यात खगोल भौतिकीविद् यूज़ीन पार्कर के सम्मान में रखा है। यूज़ीन पार्कर ने ही सबसे पहले वर्ष 1958 में अंतरिक्ष के सौर तूफानों के बारे में भी बताया था। पार्कर सोलर प्रोब की लंबाई 1 मीटर, ऊँचाई 2.5 मीटर तथा चौड़ाई 3 मीटर है। इस मिशन का उद्देश्य सौर पवन के स्रोतों और चुंबकीय क्षेत्र की बनावट तथा उनके डायनामिक्स की जाँच करना है। यह मिशन सूर्य की सतह से इसके कोरोना के ज़्यादा तापमान होने के कारणों का भी अध्यययन करेगा।  

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ

भारत के पहले ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’ (CDS) जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद आगामी कुछ समय के लिये सरकार द्वारा अस्थायी रूप से पुरानी व्यवस्था को पुनः लागू कर दिया गया है और तीनों सेनाओं के बीच समन्वय स्थापित करने हेतु तीनों सेना प्रमुखों में से सबसे वरिष्ठ सेना प्रमुख को ‘चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी’ के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। पुरानी व्यवस्था के तहत सबसे वरिष्ठ होने के नाते भारतीय सेना प्रमुख जनरल ‘एम.एम. नरवणे’ ने ‘चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी’ के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद की घोषणा 15 अगस्‍त, 2019 को की गई थी। इनका प्रमुख कार्य भारत की जल, थल एवं वायु सेना के एकीकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाना व आपस में उनके संपर्क को स्थापित करना होता है। ज्ञात हो कि ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सैन्य मामलों के विभाग (DMA) का भी प्रमुख होता है।

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