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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 14 जून, 2022

  • 14 Jun 2022
  • 6 min read

सुरक्षा-मित्र परियोजना  

हाल ही में केरल राज्य में सुरक्षा-मित्र परियोजना शुरू की गई है। सुरक्षा-मित्र परियोजना एक वाहन निगरानी प्रणाली है जो किसी भी दुर्घटना के मामले में खतरे का संदेश भेजती है। इस परियोजना की शुरुआत मोटर वाहन विभाग द्वारा निर्भया योजना के तहत की गई है। यात्रा के दौरान कोई अप्रिय घटना होने पर यह प्रणाली मालिकों के मोबाइल फोन पर एक खतरे का संदेश भेजेगी। वाहनों के साथ एक व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD) लगाया जाएगा। यदि वाहन दुर्घटना में शामिल है या यदि चालक वाहन को अधिक गति देता है, तो मालिकों को VLTD से अलर्ट SMS प्राप्त होगा। डिवाइस की स्थापना करने के समय मालिकों द्वारा प्रदान किये गए प्रासंगिक नंबर और ईमेल आईडी पर SMS एवं ई-मेल के माध्यम से अलर्ट तुरंत भेजे जाएंगे। इस प्रकार मालिक संदेश की प्रामाणिकता को ध्यान में रखते हुए वाहन की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने में सक्षम होंगे। 

विश्व रक्तदाता दिवस 

प्रत्येक वर्ष 14 जून को संपूर्ण दुनिया में विश्व रक्तदाता दिवस (World Blood Donor Day) मनाया जाता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य सुरक्षित रक्त एवं रक्त उत्पादों की आवश्यकता के संदर्भ में जागरूकता बढ़ाना और रक्तदान के लिये रक्तदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए अन्य लोगों को भी इस कार्य हेतु प्रोत्साहित करना है। विश्व रक्तदाता दिवस 2022 की थीम ‘’Donating Blood Is An Act Of Solidarity. Join the effort and save lives’’ रखी गई है। इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2005 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा रक्तदाताओं को धन्यवाद देने और सुरक्षित रक्त की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई थी। यह दिवस महान जीवविज्ञानी कार्ल लैंडस्टीनर (Karl Landsteiner) की याद में प्रत्येक वर्ष 14 जून को मनाया जाता है, जिनका जन्‍म 14 जून, 1868 को हुआ था। उल्लेखनीय है कि उन्होंने मानव रक्‍त में उपस्थित एग्‍ल्‍युटिनि‍न (Agglutinin) की मौजूदगी के आधार पर रक्‍तकणों का A, B और O समूह में वर्गीकरण किया था। जटिल चिकित्‍सा और सर्जरी की स्थिति में रोगी का जीवन बचाने के लिये रक्‍त की आवश्‍यकता पड़ती है। प्राकृतिक आपदाओं, दुर्घटनाओं और सैन्‍य संघर्ष जैसी आपात स्थितियों में घायलों के इलाज में भी रक्‍त की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण होती है। जीवन रक्षक के रूप में यह बहुत ही अनिवार्य है। इतना महत्त्वपूर्ण होने के बावजूद सुरक्षित रक्त प्राप्त करना आज भी काफी चुनौतीपूर्ण है। परिणामस्वरूप अधिकांश निम्न और मध्यम आय वाले देशों को बुनियादी ढाँचे की कमी जैसे विभिन्न कारणों के चलते अपने नागरिकों को सुरक्षित रक्त उपलब्ध कराने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

38वीं भारत-इंडोनेशिया समन्वित गश्त 

अंडमान एवं निकोबार कमान की भारतीय नौसेना इकाइयों और इंडोनेशियाई नौसेना के बीच 38वीं भारत-इंडोनेशिया समन्वित गश्त (इंडो-इंडोनेशिया कॉर्पेट) आज से अंडमान सागर और मलक्का जलडमरूमध्य में आयोजित की जा रही है। इसका आयोजन 24 जून, 2022 तक किया जाएगा। इस अभ्यास में दोनों राष्ट्रों के समुद्री गश्ती विमान हिस्सा लेंगे। यह दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच आपसी विश्वास, तालमेल और सहयोग को रेखांकित करती है। समुद्री संपर्कों को सुदृढ़ करने हेतु दोनों नौसेनाएँ वर्ष 2002 से वर्ष में दो बार अपनी अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के साथ ‘कॉर्पेट’ अभ्यास का संचालन कर रही हैं। इस अभ्यास का उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र को वाणिज्यिक नौवहन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वैध समुद्री गतिविधियों के संचालन के लिये सुरक्षित करना है। ‘कॉर्पेट’ अभ्यास नौसेनाओं के बीच समन्वय एवं अंतःक्रियाशीलता के निर्माण में मदद करता है और मछली पकड़ने की अवैध व अनियंत्रित गतिविधियों की रोकथाम तथा दमन, मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री डकैती की रोकथाम हेतु सूचनाओं के आदान-प्रदान, अवैध प्रवासन व समुद्र में खोज एवं बचाव कार्यों हेतु महत्त्वपूर्ण है। 

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