Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 14 अगस्त, 2023 | 14 Aug 2023
राष्ट्रीय पांडुलिपि विधेयक, 2023
भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत इसकी प्राचीन पांडुलिपियों में समाहित है, जो अमूल्य ज्ञान का भण्डार हैं और अपना एक ऐतिहासिक महत्त्व रखती हैं। हालाँकि, इनमें से कई पांडुलिपियों का देश के भीतर और बाहर खो जाना अथवा नष्ट हो जाना चिंता का विषय बन गया है। भारत सरकार राष्ट्रीय पांडुलिपि विधेयक, 2023 के माध्यम से इस समस्या का हल करने की तैयारी में जुटी हुई है।
- इस विधेयक का प्राथमिक उद्देश्य विश्व भर में भारतीय विरासत ग्रंथों का दस्तावेज़ीकरण और सूचीबद्ध करना, सटीक जानकारी बनाए रखना और परामर्श शर्तें निर्दिष्ट करना है।
- यह विधेयक 10 सदस्यों वाले राष्ट्रीय पांडुलिपि प्राधिकरण (National Manuscripts Authority- NMA) की स्थापना का प्रस्ताव रखता है, जिसकी अध्यक्षता संस्कृति मंत्री द्वारा की जायेगी, साथ ही इसमें संस्कृति, वित्त, शिक्षा और निजी एजेंसियों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
- यह प्राधिकरण पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण, संरक्षण, संपादन और प्रकाशन की देखरेख का कार्य करेगा।
- इस प्राधिकरण के पास पांडुलिपि तक पहुँच को विनियमित करने, चोरी की जाँच करने और क्षति अथवा चोरी के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये सिविल कोर्ट की शक्तियाँ होंगी।
- यह एक विशेषज्ञ समिति द्वारा निर्धारित मुआवजे के साथ, किसी सामग्री के महत्त्व के आधार पर निजी मालिकों से पांडुलिपियाँ हासिल कर सकता है।
- पांडुलिपियाँ ताड़ के पत्ते, काग, कपड़े और छाल जैसी सामग्रियों पर संस्कृत तथा क्षेत्रीय भाषाओं में लिखी गई हस्तलिखित रचनाएँ होती हैं, जो कम से कम 75 वर्ष पुरानी होती हैं।
- भारत में 80 प्राचीन लिपियों में लिखित लगभग 10 मिलियन पांडुलिपियाँ मिली हैं, जिनके संरक्षण की ज़िम्मेदारी राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन की है।
- बख्शाली पांडुलिपि, तीसरी अथवा चौथी शताब्दी ईस्वी पूर्व का एक प्राचीन गणितीय पाठ है जिससे शून्य के प्रारंभिक उपयोग का पता चलता है।
भारत की 'ओडीओपी वॉल'
हाल ही में एक ज़िला एक उत्पाद (ODOP) और दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास के माध्यम से 'ओडीओपी वॉल' पेश की गई है। यह पहल विश्व स्तर पर भारत की असाधारण शिल्प विरासत के अनुरूप है।
- 'ओडीओपी वॉल' का उद्देश्य दुनिया भर में भारत की शिल्प विशिष्टता को प्रदर्शित करना है।
- ओडीओपी पहल संतुलित क्षेत्रीय विकास में वृद्धि, प्रत्येक ज़िले से एक अद्वितीय उत्पाद को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
- इसमें हथकरघा, हस्तशिल्प और कृषि उत्पादों सहित विविध प्रकार के उत्पाद शामिल हैं।
- यह सहयोग सांस्कृतिक महत्त्व और अद्वितीय गुणों वाले उत्पादों की पहचान करता है और उन्हें बढ़ावा देता है।
- यह बिक्री को बढ़ावा देता है और ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों (SHGs) तथा स्वदेशी शिल्प का समर्थन करता है।
और पढ़ें… एक ज़िला एक उत्पाद
अपकेंद्रीय बल
अपकेंद्रीय बल, एक बाहरी बल जो किसी घुमावदार या वृत्ताकार पथ पर गति कर रही किसी वस्तु द्वारा अनुभव किया जाता है, यह वास्तविक बल नहीं है बल्कि जड़ता का परिणाम है, जो किसी वस्तु की गति की स्थिति को बनाए रखने की प्रवृत्ति है।
- यह कथित बल तब उत्पन्न होता है जब कोई वस्तु घुमावदार पथ पर चलती है, जो हमेशा घूर्णन के केंद्र से दूर होती है।
- हालाँकि यह गुरुत्वाकर्षण या चुंबकत्व जैसा कोई वास्तविक बल नहीं है, यह किसी वस्तु की दिशा बदलने के प्रतिरोध से उत्पन्न होता है।
- यह सिद्धांत विभिन्न क्षेत्रों में सरल अनुप्रयोग में पाया जाता है। फार्मास्यूटिकल्स, डेयरी और परमाणु ऊर्जा जैसे उद्योग इस प्रतिरोध का फायदा उठाने के लिये अपकेंद्रण यंत्र का उपयोग करते हैं।
- वॉशिंग मशीन, अपकेंद्र बल का उपयोग करके कपड़ों से पानी निकालकर स्पिन चक्र में सुखाती है।
विंध्यगिरि
17 अगस्त, 2023 को भारत के राष्ट्रपति कोलकाता में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड में प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट, विंध्यगिरि का शुभारंभ करेंगे।
- यह जहाज़, प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट शृंखला का छठा जहाज़ है, जिसका नाम कर्नाटक पर्वत शृंखला से लिया गया है।
- यह फ्रिगेट प्रोजेक्ट 17 क्लास फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) का एक विकसित रूप है, जिसमें उन्नत स्टील्थ क्षमताएँ, उन्नत हथियार, सेंसर और प्लेटफाॅर्म प्रबंधन प्रणालियाँ शामिल हैं।
- तकनीकी रूप से परिष्कृत विंध्यगिरि अपने पूर्ववर्ती, पूर्व INS विंध्यगिरि, लिएंडर क्लास ASW फ्रिगेट को उत्कृष्टता प्रदान करता है।
- आत्मनिर्भरता के प्रति देश की प्रतिबद्धता के अनुरूप प्रोजेक्ट 17A जहाज़ों के लिये महत्त्वपूर्ण 75% उपकरण तथा सिस्टम ऑर्डर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) सहित स्वदेशी फर्मों से संबद्ध है।
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