लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 फरवरी, 2023

  • 13 Feb 2023
  • 9 min read

राष्ट्रीय महिला दिवस

भारत में प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को पहली महिला राज्यपाल (आगरा और अवध के संयुक्त प्रांत) सरोजनी नायडू के जन्म दिवस को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का प्रस्ताव भारतीय महिला संघ और अखिल भारतीय महिला सम्मेलन के सदस्यों द्वारा किया गया था। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय महिला दिवस 13 फरवरी को, जबकि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है। सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को हुआ था। उन्होंने 12 वर्ष की छोटी सी उम्र में ही कविताएँ लिखनी शुरू कर दी थी। उनकी साहित्यिक रचनाओं में गोल्डन थ्रेशोल्ड, द बर्ड ऑफ टाइम, द मैजिक ट्री, द विजार्ड मास्क, द सेप्ट्रेड फ्लूट: सांग्स ऑफ इंडिया, द इंडियन वीवर्स आदि शामिल हैं। उन्हें भारत की पहली महिला राज्यपाल होने का भी गौरव प्राप्त है। सरोजिनी नायडू ने देश की स्वतंत्रता के लिये भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। वर्ष 1925 में वह भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस की अध्यक्ष बनीं। वह उन अग्रणी नेताओं में से थीं जिन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया। 2 मार्च, 1949 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। देश में राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत उनकी 135वीं जयंती पर यानी 13 फरवरी, 2014 से की गई।

भाषिणी मिशन 

हाल ही में 20 से अधिक स्थानीय भारतीय भाषाओं में उपलब्ध यूपीआई 123 पे के माध्यम से डिजिटल भुगतान करने के लिये मिशन भाषिणी की क्षमताओं को एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के साथ जोड़ा  किया गया है। भाषिणी का उद्देश्य, भाषा के लिये एक राष्ट्रीय डिजिटल मंच उपलब्ध कराना जिससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य उभरती नेचुरल लैंग्वेज टेक्नोलॉजियों का उपयोग कर योगदानकर्त्ताओं, साझेदार संस्थाओं तथा नागरिकों का एक मिलाजुला इकोसिस्टम विकसित करना है, जो कि भाषा की बाधाओं से परे एक आत्मनिर्भर भारत में सभी का डिजिटल समावेश व डिजिटल सशक्तीकरण सुनिश्चित करेगा। इससे सभी भारतीयों को उनकी मूल भाषाओं में इंटरनेट एवं डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुँच प्रदान करने में मदद मिलेगी। यूपीआई 123 पे एक त्वरित भुगतान प्रणाली है जो उपयोगकर्त्ताओं को इंटरनेट कनेक्शन के बिना यूपीआई लेन-देन की अनुमति प्रदान करेगी। इसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा लॉन्च किया गया है।

महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती

हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में वर्ष भर चलने वाले (दो वर्षीय) समारोह का उद्घाटन किया। उन्होंने स्मरणोत्सव के लिये एक लोगो (Logo) भी जारी किया। महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती प्रतिवर्ष मनाई जाती है। उनका जन्म 12 फरवरी 1824 को टंकारा, गुजरात में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। दयानंद के विचार उनकी प्रसिद्ध रचना, सत्यार्थ प्रकाश (द ट्रू एक्सपोज़िशन) में प्रकाशित हुए। वह एक भारतीय दार्शनिक, सामाजिक नेता और आर्य समाज के संस्थापक थे। उनके सपनों के भारत का समाज एक वर्गहीन और जातिविहीन समाज था। उन्होंने वेदों से प्रेरणा ली तथा उन्हें शक्ति अथवा समर्थन का एक अटूट स्रोत माना। उन्होंने "वेदों की ओर लौटो" का नारा भी दिया। स्वामी दयानंद सरस्वती के सपने को साकार करने के लिये वर्ष 1886 में DAV (दयानंद एंग्लो वैदिक) स्कूल अस्तित्त्व में आए

और पढ़ेंआर्य समाज

अमृतपेक्स 2023 

हाल ही में संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने AMRITPEX 2023 - राष्ट्रीय डाक टिकट प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। डाक टिकटों का यह पाँच दिवसीय महाकुंभ (11 से 15 फरवरी, 2023) प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आज़ादी के अमृत महोत्सव समारोह के तहत आयोजित किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी में देश के इतिहास और संस्कृति से संबंधित डाक टिकट तथा फोटोग्राफिक संग्रह प्रदर्शित किये जाएंगे। यह पाँच विषयों पर आधारित है- आज़ादी का अमृत महोत्सव और नया भारत, युवा शक्ति, नारी शक्ति, प्रकृति और वन्य जीवन तथा भारत की संस्कृति एवं इतिहास। भारत में पहली बार आभासी वास्तविकता (Virtual Reality) और संवर्द्धित वास्तविकता (Augmented Reality) जैसी अत्याधुनिक तकनीक को देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, इतिहास तथा प्राकृतिक एवं वन्यजीवन को प्रदर्शित करते हुए टिकटों की यात्रा को प्रदर्शित करने  के लिये नियोजित किया गया है।

और पढ़ें75वें स्वतंत्रता दिवस पर पहल, आभासी वास्तविकता

दीनदयाल उपाध्याय 

प्रधानमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनका जन्म वर्ष 1916 में नगला चंद्रभान गाँव में हुआ था, जिसे अब उत्तर प्रदेश में ‘दीनदयाल धाम’ कहा जाता है। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हो गए और वर्ष 1942 से RSS में पूर्णकालिक कार्य हेतु स्वयं को समर्पित कर दिया। उन्होंने ‘राष्ट्र धर्म’ नाम से एक मासिक पत्रिका शुरू की, बाद में 'पाञ्चजन्य' (साप्ताहिक) तथा 'स्वदेश' (दैनिक) की शुरुआत की। वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री ने वाराणसी-चंदौली सीमा पर पड़ाव में पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक केंद्र का उद्घाटन करते हुए पंडित उपाध्याय की 63 फीट ऊँची प्रतिमा का अनावरण किया।

और पढ़ें… खिलाड़ियों के लिये पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण कोष (PDUNWFS)

NRIs और G-20 देशों की UPI तक पहुँच

भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) ने G-20 देशों और अनिवासी भारतीयों (Non-resident Indians- NRI) को भारत में आने वाले यात्रियों को मर्चेंट भुगतान/P2M हेतु चुनिंदा हवाई अड्डों पर एकीकृत भुगतान इंटरफेस (Unified Payment Interface- UPI) का उपयोग करने की अनुमति दी है। RBI के अनुसार, प्रीपेड भुगतान उपकरण (Prepaid Payment Instruments- PPI) जारी करने हेतु अधिकृत बैंक और गैर-बैंक विदेशी नागरिकों तथा भारत आने वाले अनिवासी भारतीयों को रुपया-मूल्यवर्ग पूर्ण-KYC PPI जारी कर सकते हैं। भारतीय रुपए में रूपांतरण केवल विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (FEMA) के तहत विदेशी मुद्रा में व्यवहार करने हेतु अधिकृत संस्थाओं द्वारा किया जा सकता है। PPIs भुगतान साधन हैं जो ऐसे उपकरणों पर संग्रहीत मूल्य के विरुद्ध वस्तुओं और सेवाओं की खरीद की सुविधा प्रदान करते हैं। ऐसे उपकरणों पर संग्रहीत मूल्य धारक द्वारा नकद, बैंक खाते में डेबिट या क्रेडिट कार्ड द्वारा भुगतान किये गए मूल्य का प्रतिनिधित्त्व करता है।

और पढ़ें….फेमा, आरबीआई, G-20, यूपीआई, एनआरआई

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2