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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 11 सितंबर, 2023

  • 11 Sep 2023
  • 4 min read

क्राउन शायनेस 

शीतोष्ण पर्णपाती वनों में शिखर शीलता (Crown Shyness) एक आम घटना है, जहाँ कुछ पेड़ों के शीर्ष एक-दूसरे को नहीं छूते हैं, जिससे उनके बीच अंतराल बन जाता है।

  •  यह पेड़ों की कई प्रजातियों में देखा जाता है, जैसे कि ब्लैक मैंग्रोव, कर्पूर और जापानी लार्च।
  • वैज्ञानिकों के पास यह समझाने के लिये अलग-अलग परिकल्पनाएँ हैं कि शिखर शीलता की स्थिति क्यों होती है, जैसे कि प्रकाश के आवगम में सरलता, रोग-संचरण को रोकना या हवा से होने वाली भौतिक क्षति से बचना।
  •  शिखर शीलता में जटिल पैटर्न बनते हैं और यह वन में प्रकाश के प्रवेश को बढ़ाता है।

भारत-फ्राँस द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास 'वरुण' का 21वाँ संस्करण

भारतीय और फ्राँसीसी नौसेनाओं के मध्य द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास वरुण-23 का दूसरा चरण अरब सागर में संपन्न हुआ।

  • इस अभ्यास में दोनों पक्षों के निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट, टैंकर, समुद्री गश्ती विमान तथा अभिन्न हेलीकॉप्टर शामिल थे।
  • यह विगत वर्षों में भारत एवं फ्राँस के मध्य मज़बूत रणनीतिक संबंधों के प्रतीक के रूप में विकसित हुआ है। यह वर्ष 1993 में शुरू हुआ था तथा आधिकारिक तौर पर इसे वर्ष 2001 में नामित किया गया।

उस्ताद अली ज़ाकी हैदर

  • प्रसिद्ध रुद्र वीणा वादक, उस्ताद असद अली खान के शिष्य, उस्ताद अली ज़ाकी हैदर ध्रुपद के जयपुर बीनकर घराने की खंडरबानी शैली के अंतिम प्रतिपादक थे।
    • ध्रुपद के जयपुर बीनकर घराने की खंडारबानी शैली एक संगीत परंपरा है, शाहजी साहब ने इसकी शुरुआत 18वीं शताब्दी में की थी।
  • रुद्र वीणा एक पारंपरिक तार वाद्य यंत्र है जिसकी उत्पत्ति उत्तर भारत में हुई है। यह बाँस, सागौन की लकड़ी, धातु, कद्दू और अन्य सामग्रियों से बना होता है।

हुंगा-टोंगा-हुंगा-हापाई ज्वालामुखी

  • एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि जनवरी 2022 में हुंगा-टोंगा-हुंगा-हापाई ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान चट्टानें और राख तेज़ी से समुद्र में गिर गईं, जिससे जल के नीचे एक उच्च गति और विनाशकारी मलबे का प्रवाह देखा गया।
  • हुंगा-टोंगा-हुंगा-हापाई ज्वालामुखी दक्षिण प्रशांत महासागर में एक जलमग्न ज्वालामुखी है। यह टोंगा के मुख्य द्वीप टोंगाटापू से 40 मील उत्तर में स्थित है। 
    • इस ज्वालामुखी का निर्माण वर्ष 2015 में तब हुआ था जब एक मध्यम विस्फोट के कारण दो निर्जन द्वीप एक हो गए थे। 
    • ज्वालामुखी केरमाडेक-टोंगा प्रविष्टन क्षेत्र का हिस्सा है, जहाँ  प्रशांत प्लेट, इंडो-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट के नीचे बलपूर्वक प्रविष्ट होती चली जाती है, जिससे ज्वालामुखियों और द्वीपों की एक लंबी शृंखला बनती है।

और पढ़ें…टोंगा में ज्वालामुखी विस्फोट

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