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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 10 अगस्त, 2020

  • 10 Aug 2020
  • 8 min read

महिंदा राजपक्षे

हाल ही में श्रीलंका में महिंदा राजपक्षे ने देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। उनके छोटे भाई और श्रीलंका के वर्तमान राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे ने कोलंबो के निकट स्थित बौद्ध मंदिर में आयोजित समारोह में उन्हें शपथ दिलाई। गौरतलब है कि बीते दिनों 05 अगस्त को आयोजित आम चुनाव में महिंदा राजपक्षे की पार्टी ने भारी बहुमत से जीत प्राप्त की थी। महिंदा राजपक्षे का जन्म 18 नवंबर, 1945 को श्रीलंका के एक छोटे से कस्बे में हुआ था। महिंदा राजपक्षे सर्वप्रथम वर्ष 1970 में मात्र 24 वर्ष की उम्र में बेलियाट्टा निर्वाचक मंडल से संसद के लिये चुने गए थे। महिंदा राजपक्षे को सर्वप्रथम नवंबर 2005 में राष्ट्रपति के तौर पर चुना गया और वे वर्ष 2015 तक इस पद पर रहे। वर्ष 2009 श्रीलंकाई गृहयुद्ध का महत्त्वपूर्ण समय माना जाता है, क्योंकि इसी वर्ष श्रीलंकाई सेना ने लिट्टे को उखाड़ फेंका। ज्ञात हो कि इस समय महिंदा राजपक्षे श्रीलंका के राष्ट्रपति और उनके छोटे भाई गोतबाया राजपक्षे श्रीलंका के रक्षा सचिव के रूप में कार्य कर रहे थे, इसलिये कई लोग दोनों भाईयों खास तौर पर महिंदा राजपक्षे को श्रीलंका के गृह युद्ध का हीरो मानते हैं। हालाँकि वर्ष 2005 में वे राष्ट्रपति चुनाव हार गए थे, इस हार के बाद राजपक्षे शासन के कई समर्थकों ने उनकी अप्रत्याशित और आश्चर्यजनक हार के लिये भारत को ज़िम्मेदार ठहराया था। इसके अलावा राजपक्षे शासन का चीन की ओर आकर्षण भी सदैव भारत के लिये चिंता का विषय रहा है। श्रीलंका में चीनी प्रभाव का उदय महिंदा राजपक्षे की अध्यक्षता के समानांतर ही हुआ था।  

विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि

31 जुलाई, 2020 को समाप्‍त हुए सप्‍ताह के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 11.9 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है और इसी के साथ भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 534,5 बिलियन डॉलर पर पहुँच गया है। भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार, मौजूदा वित्तीय वर्ष में अब तक विदेशी मुद्रा भंडार में 56.8 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है। ऐसे समय में जब ऐसे समय में जब लगातार महामारी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था तनाव का सामना कर रही है, वित्तीय वर्ष 2020-21 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर में कमी होने की उम्मीद है, तब विभिन्न आर्थिक विशेषज्ञ इस बढे हुए विदेशी मुद्रा भंडार को अर्थव्यवस्था के लिये एक राहत के रूप में आए हैं, क्योंकि अनुमान के अनुसार, यह भारत के एक वर्ष से अधिक के आयात बिल को कवर कर सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी असल में 20 सितंबर, 2019 के बाद शुरू हुई थी जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निगम कर कटौती की घोषणा की थी। आँकड़े बताते हैं कि 20 सितंबर, 2019 और 31 जुलाई, 2020 के बीच भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कुल 106 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में हुई कमी ने भी भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में विशेष भूमिका निभाई है। किसी देश/अर्थव्यवस्था के पास उपलब्ध कुल विदेशी मुद्रा को उस देश का विदेशी मुद्रा भंडार करते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार को फॉरेक्स रिज़र्व या आरक्षित निधियों का भंडार भी कहा जाता है। 

दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति

हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण को कम करने और मांग में बढ़ोतरी करके प्रदेश की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 'दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति' (Delhi Electric Vehicle Policy) की घोषणा की है, जिसके तहत दिल्ली सरकार दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर पंजीकरण शुल्क और सड़क कर से छूट प्रदान करेगी और साथ ही नई इलेक्ट्रिक कारों के लिये 1.5 लाख रुपए तक प्रोत्साहन राशि भी प्रदान करेगी। इसके अलावा नई नीति के तहत दिल्ली सरकार दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों, ऑटो, ई-रिक्शा, मालवाहक वाहनों की खरीद पर भी 30 हज़ार तक प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री केजरीवाल के अनुसार, इस नीति का उद्देश्य दिल्ली की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना, रोज़गार का सृजन करना और प्रदूषण के स्तर को कम करना है। विदित हो कि इस नीति के तहत दिल्ली में वर्ष 2024 तक इलेक्ट्रिक वाहनों के हिस्से को 25 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो कि वर्तमान में मात्र 0.29 प्रतिशत है। देश भर के इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं ने दिल्ली सरकार की इस नीति की सराहना की है। सरकार का लक्ष्य आगामी पाँच वर्षों में दिल्ली में कम-से-कम 500,000 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण करना है, जबकि वर्तमान में शहर में पंजीकृत कुल 11 मिलियन से अधिक वाहनों में से मात्र 83,000 वाहन ही इलेक्ट्रिक वाहन हैं।

विश्व जैव ईंधन दिवस

प्रत्येक वर्ष 10 अगस्त को पारंपरिक जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में गैर-जीवाश्म ईंधनों को लेकर जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व जैव ईंधन दिवस (World Biofuel Day) मनाया जाता है। भारत में इस दिवस का आयोजन पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा वर्ष 2015 से किया जा रहा है। इस दिवस का आयोजन मुख्य तौर पर गैर-जीवाश्म ईंधनों को लेकर जागरुकता फैलाने के साथ-साथ इस संबंध में सरकार द्वारा किये गए विभिन्‍न प्रयासों पर प्रकाश डालने के उद्देश्य से भी किया जाता है। 10 अगस्त, 2020 को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा विश्व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसका विषय था- ‘जैव ईंधन की ओर आत्मनिर्भर भारत।’ 10 अगस्त का दिन सर रूडोल्‍फ डीज़ल (Rudolf Diesel) द्वारा किये गये अनुसंधान प्रयोगों को भी सम्‍मान प्रदान करता है, जिन्होंने वर्ष 1893 में मूंगफली के तेल से इंजन चलाया था। उनके अनुसंधान से यह सिद्ध हो गया था कि वनस्‍पति तेल अगली शताब्‍दी में विभिन्‍न मशीनी इंजनों के ईंधन के लिये जीवाष्‍म ईंधनों का विकल्प बनेगा।

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