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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 07 फरवरी, 2023

  • 07 Feb 2023
  • 9 min read

ग्रैमी अवॉर्ड्स 2023

भारतीय म्यूज़िक कंपोज़र रिकी केज (Ricky Kej) ने तीसरी बार ग्रैमी अवॉर्ड जीता है। रिकी को उनके एल्बम ‘डिवाइन टाइड्स’ के लिये इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इस अवॉर्ड शो में कुछ नए अवॉर्ड जैसे कि सॉन्ग राइटर ऑफ द ईयर, बेस्ट स्कोर साउंडट्रैक फॉर वीडियो गेम्स समेत कई कैटेगरी शामिल की गई हैं। ग्रैमी अवॉर्ड्स अमेरिका की रिकॉर्डिंग अकादमी द्वारा संगीत उद्योग के कार्यों को पहचान दिलाने के लिये प्रदान किये जाते हैं। भारतीय संगीतकार रिकी केज ने तीसरी बार ग्रैमी अवॉर्ड जीता है। रिकी केज के एल्बम को सर्वश्रेष्ठ इमर्सिव ऑडियो एल्बम कैटगरी में नॉमिनेट किया गया। संगीतकार ने इस अवार्ड को मशहूर ब्रिटिश रॉक बैंड ‘द पुलिस’ के ड्रमर स्टीवर्ट कोपलैंड के साथ शेयर किया है। सॉन्ग ऑफ द ईयर अवॉर्ड बोनी रायट को 'जस्ट लाइक दैट' के लिये ग्रैमी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। उन्होंने इस कैटेगरी में टेलर स्विफ्ट को हराया।

वुल्फ 1069 बी (Wolf 1069b)

हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक पृथ्वी जैसे दिखने वाले ग्रह का पता लगाया है, जो मनुष्यों के रहने योग्य हो सकता है। पृथ्वी से सिर्फ 31 प्रकाश वर्ष की दूरी पर लाल बौने तारे की परिक्रमा करने वाला एक एक्सोप्लैनेट है, जिसे वुल्फ 1069 बी के रूप में जाना जाता है, दुनिया भर के 50 खगोलविदों के एक समूह ने इस नए एक्सोप्लैनेट के अस्तित्त्व की पुष्टि की है कि वुल्फ 1069 बी संभावित रूप से एक चट्टानी दुनिया है, जो पृथ्वी के द्रव्यमान से लगभग 1.26 गुना ज़्यादा और आकार में 1.08 गुना बड़ा है। यह हमारी आकाशगंगा मिल्की-वे के उत्तर की ओर स्थित है जो पृथ्वी की तुलना में सूर्य के निकट पृथ्वी जैसा छठा ग्रह है।  वुल्फ 1069 बी ज्वारीय रूप से अपने मूल तारे से जुड़ा हुआ है, जिसका अर्थ है कि एक हिस्सा हमेशा दिन के उजाले में तथा विपरीत हिस्सा हमेशा अँधेरे में रहता है। यह पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी के 15वें हिस्से के बराबर दूरी पर 15.6 दिनों में तारे की परिक्रमा करता है। अध्ययन के अनुसार, सूर्य से इसकी निकटता के बावजूद वुल्फ 1069बी पृथ्वी को सूर्य से मिलने वाली ऊर्जा का लगभग 65% हिस्सा ही प्राप्त करता है। साथ ही इसकी सतह ठंडी होती है, जिससे यह नारंगी रंग का दिखाई देता है। यह हमारी पृथ्वी की तरह बहुत कम विकिरण उत्सर्जित करता है। 

Wolf

ध्रुव तारा 

पोलारिस, जिसे उत्तर तारा/ध्रुव तारा के रूप में जाना जाता है, बहुत चमकीला तारा है (सूर्य से ~2,500 गुना अधिक चमकदार), जो उर्सा माइनर तारामंडल (पृथ्वी से ~323 प्रकाश वर्ष दूर) का हिस्सा है। पोलारिस उत्तरी खगोलीय ध्रुव से 1° से भी कम दूरी पर है, लगभग पृथ्वी के घूर्णन अक्ष के साथ सीधी रेखा में है, इसलिये यह उत्तरी आकाश में स्थिर दिखाई देता है तथा अन्य सभी तारे इसके चारों ओर घूर्णन करते हुए प्रतीत होते हैं। इसकी स्थिति एवं चमक ने प्राचीन काल से ही मनुष्यों को नेविगेशन (दिशा सूचक) हेतु इसका उपयोग करने में सहायता की है। क्षितिज के ऊपर तारे की ऊँचाई पर्यवेक्षकों के अनुमानित अक्षांश को दर्शाती है। हालाँकि भूमध्य रेखा को दक्षिण में पार करने पर ध्रुव तारा क्षितिज पर खो जाता है जिस कारण इसका उपयोगी नेविगेशन में उपयोग करना असंभव हो जाता है। ऐसा लगता है कि पोलारिस का विश्लेषण पहली बार रोमन गणितज्ञ/खगोलविद् टॉलमी (165 - 85 ईसा पूर्व) द्वारा किया गया था। नासा के अनुसार, "ध्रुव तारा" "एक उपाधि है जो समय के साथ अलग-अलग सितारों को दी जाती है"; पृथ्वी की घूर्णन धुरी विचलित होने के कारण आकाशीय ध्रुव "युगों में धीमी गति से घूर्णन करता हुआ अलग-अलग तारों को पार करता है"। लगभग 14,000 वर्ष पहले आकाशीय ध्रुव चमकीले तारे वेगा की ओर संकेत करते थे और "यह लगभग 12,000 वर्षों में फिर से वेगा की ओर संकेत करेगा"।

Big-Dipper

नौसेना हल्के लड़ाकू विमान की INS विक्रांत पर लैंडिंग

भारत के स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) के नौसैनिक संस्करण ने INS विक्रांत पर अपनी पहली लैंडिंग की, जो नौसेना की आत्मनिर्भरता योजनाओं की दिशा में एक मील का पत्थर है। इसके बाद दो इंजन वाले मिग-29K फाइटर जेट (रूसी मूल) ने लैंडिंग की और उड़ान भी भरी। INS विक्रांत, सितंबर 2022 में कमीशन किया गया भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है, जो वर्तमान में संचालन की प्रक्रिया में है। जनवरी 2020 में DRDO ने INS विक्रमादित्य पर नौसेना LCA की सफल लैंडिंग का प्रदर्शन किया गया, जिसकी तर्ज पर DRDO INS विक्रांत के लिये ट्विन इंजन डेक-बेस्ड फाइटर (TEDBF) विकसित करने की प्रक्रिया में है।

INS-Vikrant

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दक्षिण भारत की पहली औद्योगिक गलियारा परियोजना 

भारत के प्रधानमंत्री ने चेन्नई-बंगलूरू औद्योगिक गलियारा (CBIC) के अंतर्गत 8500 एकड़ भूमि में फैले तुमकुरु में कार्यान्वित होने वाली दक्षिण भारत की पहली औद्योगिक कॉरिडोर परियोजना की आधारशिला रखी। तुमकुरु औद्योगिक टाउनशिप की योजना पीएम-गतिशक्ति के सिद्धांतों के अनुरूप बनाई गई है ताकि आर्थिक क्षेत्र के लिये अंतिम मील मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा सके। भारत सरकार (NICD और कार्यान्वयन ट्रस्ट के माध्यम से) तथा कर्नाटक सरकार प्रोजेक्ट स्पेशल पर्पज़ व्हीकल (SPV) के माध्यम से तुमकुरु ज़िले के वसंतनरसापुरा में 3 चरणों में औद्योगिक टाउनशिप का विकास कर रही है। राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास (NICD) कार्यक्रम के तहत 11 औद्योगिक गलियारों के अंतर्गत 32 ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट शहरों को विश्व स्तरीय प्लग-एन-प्ले बुनियादी ढाँचे के साथ विकसित किया जा रहा है।  

National-Industrial-Corridor-Programme

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युवा संगम पोर्टल 

हाल ही में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA), नई दिल्ली में "युवा संगम" पंजीकरण पोर्टल लॉन्च किया गया। युवा संगम ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र और शेष भारत के युवाओं के मध्य घनिष्ठ संबंध स्थापित करने की एक पहल है। इस पहल के तहत 20000 से अधिक युवा पूरे भारत की यात्रा करेंगे तथा एक-दूसरे की संस्कृतियों को समझने का अनूठा अवसर प्राप्त करेंगे। इस कार्यक्रम से पूर्वोत्तर क्षेत्र के युवाओं को भारत की विविधता को समझने का अवसर मिलेगा। 

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