Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 07 दिसंबर, 2022 | 07 Dec 2022
सशस्त्र सेना झंडा दिवस
प्रतिवर्ष 07 दिसंबर को भारत में सशस्त्र सेना झंडा दिवस के रूप में मनाया जाता है। पहली बार यह दिवस 7 दिसंबर, 1949 को मनाया गया था। इस दिवस को भारतीय थल सैनिकों, नौ सैनिकों तथा वायु सैनिकों के सम्मान में मनाया जाता है। झंडा दिवस के अवसर पर सशस्त्र बल कर्मियों के कल्याण के लिये लोगों से धन जुटाया जाता है तथा इस धन का उपयोग सेवारत सैन्य कर्मियों और पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिये किया जाता है। झंडा दिवस का उद्देश्य भारत की जनता द्वारा देश की सेना के प्रति सम्मान प्रकट करना है। यह उन जांँबाज सैनिकों के प्रति एकजुटता दिखाने का दिन है जो देश की सुरक्षा में शहीद हुए। जिन्होंने सेना में रहकर जिन्होंने न केवल सीमाओं की रक्षा की, बल्कि आतंकवादियों व उग्रवादियों से मुकाबला कर शांति स्थापित करने हेतु अपनी जान न्यौछावर कर दी।
ड्रोन तकनीक का हब
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री भारत के ड्रोन तकनीक का हब बनने की संभावनाओं पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए भारत को अगले साल तक कम से कम 1 लाख ड्रोन पायलटों की आवश्यकता पर चर्चा की। उन्होंने 6 दिसंबर को चेन्नई में 'ड्रोन यात्रा 2.0' को झंडी दिखाई। प्रौद्योगिकी वास्तव में विश्व को तीव्र गति से बदल रही है और यह अब से अधिक प्रासंगिक कभी नहीं रही है, क्योंकि इसके अनुप्रयोग विश्व के कुछ सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण समस्याओं को हल कर रहे हैं। एक अरब से अधिक लोगों के देश के रूप में, भारत आगे रहने के लिये बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की अपार संभावनाएँ हैं।" भारत में ड्रोन तकनीक में हुई प्रगति का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि बीटिंग रिट्रीट के दौरान भारतीय स्टार्ट-अप 'बोटलैब डायनामिक्स' द्वारा 1000 'मेड इन इंडिया' ड्रोन का काफी शानदार प्रदर्शन रहा। 'बोटलैब डायनामिक्स का नेतृत्त्व IIT के पूर्व छात्र कर रहे हैं। स्वामित्त्व योजना के एक भाग के रूप में, (गांँवों का सर्वेक्षण और ग्रामीण इलाकों में तात्कालिक तकनीक के साथ मानचित्रण) गांँवों में जमीनों और घरों का सर्वेक्षण ड्रोन के जरिये किया जा रहा है। गाँवों के खेतों में कीटनाशकों और नैनो उर्वरकों के छिड़काव के लिये ड्रोन के उपयोग में तेज़ी आ रही है। यह परिकल्पना की गई है कि ये ड्रोन खेतों में कीटनाशकों के उपयोग को सुव्यवस्थित करने में मदद करेंगे, जिससे हमारे किसानों की लाभ-प्राप्ति में और सुधार होगा। प्रभावी नीतियाँ, उद्योग को प्रोत्साहन और 'व्यवसाय करने में आसानी' ड्रोन क्षेत्र को आवश्यक गति प्रदान कर रहे हैं, जो भारत में इसकी अपार संभावनाओं को दर्शाता है। 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण के अनुरूप नवाचार और अत्याधुनिक ड्रोन प्रौद्योगिकी इकोसिस्टम; अमृत काल में एक आत्मनिर्भर न्यू इंडिया सुनिश्चित करेगा।"