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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 06 दिसंबर, 2022

  • 06 Dec 2022
  • 5 min read

विश्व मृदा दिवस

स्वस्थ मृदा के महत्त्व पर ध्यान केंद्रित करने और मृदा संसाधनों के स्थायी प्रबंधन हेतु जागरूकता फैलाने के लिये प्रतिवर्ष 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है। वर्ष 2022 के लिये इसकी थीम- ‘मृदा, जिससे अनाज उत्पादित होता है’ ("Soils: Where food begins") है। संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने जून 2013 में विश्व मृदा दिवस का समर्थन किया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें सम्मेलन में इसे आधिकारिक रूप से स्वीकार किया गया तथा दिसंबर 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 05 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस घोषित किया तथा 05 दिसंबर, 2014 को पहला आधिकारिक विश्व मृदा दिवस मनाया गया।

महापरिनिर्वाण दिवस

राष्‍ट्र 06 दिसंबर, 2022 को भारत रत्‍न डॉक्‍टर भीमराव अंबेडकर को उनके 67वें महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि दे रहा है। राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री ने नई दिल्‍ली में संसद भवन परिसर में बाबा साहे‍ब अंबेडकर को उनके महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की। ‘डॉ. भीमराव अंबेडकर’ की पुण्यतिथि 6 दिसंबर को प्रत्येक वर्ष ‘महापरिनिर्वाण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। ‘परिनिर्वाण’, जिसे बौद्ध धर्म का एक प्रमुख सिद्धांत माना जाता है, एक संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ है मृत्यु के बाद ‘मुक्ति’ अथवा ‘मोक्ष’। बौद्ध ग्रंथ महापरिनिब्बाण सुत्त (Mahaparinibbana Sutta) के अनुसार, 80 वर्ष की आयु में हुई भगवान बुद्ध की मृत्यु को मूल महापरिनिर्वाण माना जाता है। ‘डॉ. भीमराव अंबेडकर’ का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रांत (अब मध्य प्रदेश) के ‘महू’ में हुआ था। डॉ. अंबेडकर एक समाज सुधारक, न्यायविद, अर्थशास्त्री, लेखक, बहु-भाषाविद और तुलनात्मक धर्म दर्शन के विद्वान थे। उन्हें ‘भारतीय संविधान के जनक’ के रूप में जाना जाता है। वह स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून/विधि मंत्री थे। वर्ष 1920 में उन्होंने एक पाक्षिक (15 दिन की अवधि में छपने वाला) समाचार पत्र ‘मूकनायक’ की शुरुआत की जिसने एक मुखर और संगठित दलित राजनीति की नींव रखी। इसके अलावा वर्ष 1923 में उन्होंने ‘बहिष्कृत हितकारिणी सभा’ की स्थापना की। मार्च 1927 में उन्होंने ‘महाड़ सत्याग्रह’ (Mahad Satyagraha) का नेतृत्त्व किया। उन्होंने तीनों गोलमेज सम्मेलनों में भाग लिया। वर्ष 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया। 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हो गया।

मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन पर राष्ट्रीय सम्मेलन

कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने 5 दिसंबर, 2022 को सतत् कृषि के लिये मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने रासायनिक कृषि और अन्य कारणों से मृदा की उर्वरता कम होने एवं जलवायु परिवर्तन का देश तथा विश्व के लिये एक बड़ी चिंता का विषय बताया। सरकार मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से भी काम कर रही है। उनके अनुसार दो चरणों में देश भर के किसानों को 22 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये जा चुके हैं। सरकार मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना के तहत बुनियादी ढाँचा भी विकसित कर रही है। अब तक 499 स्थायी मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ, 113 मोबाइल मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ, आठ हज़ार 811 मिनी मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ और दो हज़ार 395 ग्राम-स्तरीय मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ स्थापित की जा चुकी हैं।

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