रैपिड फायर (कर्रेंट अफेयर्स): 04 नवंबर, 2022 | 04 Nov 2022
मानव कंप्यूटर: शकुंतला देवी
शकुंतला देवी का जन्म 4 नवंबर, 1929 को बंगलुरु,कर्नाटक में हुआ था। उन्हें "मानव कंप्यूटर" के रूप में जाना जाता है। बचपन से ही वह अद्भुत प्रतिभा की धनी थीं और बड़ी से बड़ी संखाओं की गणना पल भर में ही कर लेती थीं। उनकी प्रतिभा को देखते हुए वर्ष 1982 में उनका नाम ‘गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में दर्ज कर लिया गया। 6 वर्ष की उम्र में मैसूर विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें अपनी गणना क्षमता का प्रदर्शन करने का अवसर मिला। वर्ष 1977 में शकुंतला ने 201 अंकों की संख्या का 23वाँ वर्गमूल बिना किसी कागज़ व कलम की सहायता लिये ही निकाल दिया था तथा उनका उत्तर UNIVAC 1101 कंप्यूटर में देखने के लिये US ब्यूरो ऑफ स्टैंडर्ड को विशेष प्रोग्राम तैयार करना पड़ा था। बौद्धिक रूप से धनी शकुंतला देवी लेखिका भी थी और उनके द्वारा लिखित पुस्तक का शीर्षक “दी वर्ल्ड ऑफ होमोसेक्सुअल (1977)” है। वर्ष 1969 में फिलीपींस विश्वविद्यालय ने उन्हें “वुमेन ऑफ़ दी ईयर” का दर्जा देते हुए सम्मानित किया था। उन्हें रामानुजन गणित ज्ञाता पुरस्कार भी दिया गया। हृदय संबंधी समस्या के कारण 21 अप्रैल, 2013 को उनका देहांत हो गया।
15वाँ शहरी सचलता भारत सम्मेलन और प्रदर्शनी
15वाँ शहरी सचलता भारत सम्मेलन और प्रदर्शनी का उद्घाटन 02 नवंबर, 2022 को कोच्चि, केरल में आवास और शहरी कार्य मंत्री तथा केरल के मुख्यमंत्री ने संयुक्त रूप से किया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, नीति निर्धारक, मेट्रो रेल कंपनियों के प्रबंध निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ तथा अन्य लोग भाग ले रहे हैं। "वार्षिक आयोजन का उद्देश्य शहर एवं राज्य स्तर पर क्षमताओं का निर्माण व शहरी परिवहन से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना है। सम्मेलन का विषय है-“आज़ादी@75 - सतत् आत्मनिर्भर शहरी गतिशीलता”। सम्मलेन में समाज के सभी वर्गों हेतु समान और टिकाऊ शहरी परिवहन प्रणाली विकसित करने के लिये दिशा-निर्देश भी निर्धारित किये जाएंगे।