Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 03 नवंबर, 2022 | 03 Nov 2022
ब्लैक सी ग्रेन पहल के स्थगन पर चिंता
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाली ब्लैक सी ग्रेन पहल के स्थगन को लेकर चिंता व्यक्त की है। भारत ने कहा है कि इस कदम से दुनिया, विशेष रूप से दक्षिणी देशों के सामने खाद्य सुरक्षा, ईंधन और उर्वरक आपूर्ति की चुनौतियाँ बढ़ने की संभावना है। यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग डिबेट में भारत के स्थायी मिशन के सलाहकार ने कहा कि काला सागर अनाज सौदे ने यूक्रेन में शांति की आशा की किरण प्रदान की थी और गेहूँ तथा अन्य वस्तुओं की कीमतों को कम करने में मदद की थी। भारतीय राजनयिक ने कहा कि इस पहल के परिणामस्वरूप यूक्रेन से 90 लाख टन से अधिक अनाज और अन्य खाद्य उत्पादों का निर्यात हुआ, जिसने गेहूँ एवं अन्य वस्तुओं की कीमतों को कम करने में योगदान दिया जो खाद्य कृषि संगठन के खाद्य मूल्य सूचकांक में गिरावट से स्पष्ट है।
बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस इंटरसेप्टर
हाल ही में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ओडिशा के तट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लार्ज किल एल्टीट्यूड ब्रैकेट के साथ फेज़- II बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) इंटरसेप्टर एडी-1 मिसाइल का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया । एडी-1 एक लंबी दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल है जिसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ-साथ विमानों के लो एक्सो-एटमॉस्फेरिक और एंडो-एटमॉस्फेरिक इंटरसेप्शन दोनों के लिये डिज़ाइन किया गया है। यह दो चरणों वाली ठोस मोटर से संचालित होने के साथ देश में ही विकसित उन्नत नियंत्रण प्रणाली, नेविगेशन एवं गाइडेंस एल्गोरिदम से लैस है।
अमर्त्य सेन
अमर्त्य सेन का जन्म 03 नवंबर, 1933 में कोलकाता में हुआ था। उनकी शिक्षा कोलकाता के शांति निकेतन, ‘प्रेसीडेंसी कॉलेज’ तथा कैंब्रिज के ट्रिनीटी कॉलेज से हुई।इसके अतिरिक्त उन्होंने जादवपुर विश्वविद्यालय, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स तथा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भी अध्यापन का कार्य किया है। वे एक महान अर्थशास्त्री एवं दार्शनिक हैं। गौरतलब है कि द्वितीय पंचवर्षीय योजना में अमर्त्य सेन का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। अमर्त्य सेन ने महालनोविस के द्वि-विभागीय कमियों को दूर करने के लिये चार विभागों वाला एक वैज्ञानिक मॉडल प्रस्तुत किया जिसे ‘राज-सेन मॉडल’ के नाम से जाना जाता है। इस मॉडल को उन्होंने प्रोफेसर के.एन. राज के साथ मिलकर तैयार किया था। उन्होंने जहाँ एक ओर संवृद्धि की आवश्यकता पर बल दिया, वहीं बेरोज़गारी उन्मूलन को प्राथमिकता देने की बात कही। सेन के अनुसार, भारत जैसे देश में गरीबी उन्मूलन के लिये ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को समुचित संस्थानिक प्रोत्साहन तथा उत्पादन के कारकों को बढ़ावा दिया जाना चाहिये। सेन ने अकाल की बदलती प्रवृत्ति एवं कारणों पर भी समुचित प्रकाश डाला। वर्ष 1999 में भारत रत्न से सम्मानित अमर्त्य सेन को वर्ष 1998 में अर्थशास्त्र के लिये नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।