लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

रबींद्रनाथ टैगोर

  • 09 May 2022
  • 7 min read

प्रधानमंत्री ने 9 मई, 2022 को गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

  • बंगाली कैलेंडर के अनुसार, टैगोर जयंती बोइशाख (Boishakh) महीने के 25वें दिन मनाई जाती है।

प्रमुख बिंदु 

  • जन्म
    • उनका जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता में हुआ था।
  • परिचय
    • इन्हें 'गुरुदेव' (Gurudev), 'कबीगुरू' (Kabiguru) और 'बिस्वाकाबी’ (Biswakabi) के नाम से भी जाना जाता है।
    • डब्लू.बी. येट्स (W.B Yeats) द्वारा रबींद्रनाथ टैगोर को आधुनिक भारत का एक उत्कृष्ट एवं रचनात्मक कलाकार कहा गया। ये एक बंगाली कवि, उपन्यासकार और चित्रकार थे, जिन्होंने पश्चिम में भारतीय संस्कृति को अत्यधिक प्रभावशाली ढंग से पेश किया।
    • वह एक असाधारण और प्रसिद्ध साहित्यकार थे जिन्होंने साहित्य एवं संगीत को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया।
    • वे महात्मा गांधी के अच्छे मित्र थे और माना जाता है कि उन्होंने ही महात्मा गांधी को ‘महात्मा’ की उपाधि दी थी। 
    • उन्होंने सदैव इस बात पर ज़ोर दिया कि विविधता में एकता भारत के राष्ट्रीय एकीकरण का एकमात्र संभव तरीका है।
    • वर्ष 1929 तथा वर्ष 1937 में उन्होंने विश्व धर्म संसद (World Parliament for Religions) में भाषण दिया।
  • योगदान:
    • माना जाता है कि उन्होंने 2000 से अधिक गीतों की रचना की है और उनके गीतों एवं संगीत को 'रबींद्र संगीत’ (Rabindra Sangeet) कहा जाता है।
    • उन्हें बंगाली गद्य और कविता के आधुनिकीकरण हेतु उत्तरदायी माना जाता है।
    • उनकी उल्लेखनीय कृतियों में गीतांजलि, घारे-बैर, गोरा, मानसी, बालका, सोनार तोरी आदि शामिल हैं, साथ ही उन्हें उनके गीत 'एकला चलो रे’ (Ekla Chalo Re) के लिये भी याद किया जाता है।
      • उन्होंने अपनी पहली कविताएंँ ‘भानुसिम्हा’ (Bhanusimha) उपनाम से 16 वर्ष की आयु में प्रकाशित की थीं।
      • उन्होंने न केवल भारत और बांग्लादेश हेतु राष्ट्रगान की रचना की बल्कि श्रीलंका के राष्ट्रगान को कलमबद्ध करने तथा उसकी रचना करने हेतु एक श्रीलंकाई छात्र को प्रेरित किया।
    • अपनी साहित्यिक उपलब्धियों के अलावा वे एक दार्शनिक और शिक्षाविद भी थे, जिन्होंने वर्ष 1921 में विश्व-भारती विश्वविद्यालय (Vishwa-Bharati University) की स्थापना की जिसने पारंपरिक शिक्षा को चुनौती दी।

पुरस्कार:

  • रबींद्रनाथ टैगोर को उनकी काव्यरचना गीतांजलि के लिये वर्ष 1913 में साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
    • यह पुरस्कार जीतने वाले वह पहले गैर-यूरोपीय थे।
  • वर्ष 1915 में उन्हें ब्रिटिश किंग जॉर्ज पंचम (British King George V) द्वारा नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किया गया। वर्ष 1919 में जलियाँवाला बाग हत्याकांड (Jallianwala Bagh Massacre) के बाद उन्होंने नाइटहुड की उपाधि का त्याग कर दिया।

मृत्य:

  • 7 अगस्त, 1941 को कलकत्ता में उनका निधन हो गया।
  • उनके द्वारा कहे गए उद्धरण:
    • "केवल खड़े होकर और समुद्र को निहारने से आप समुद्र को पार नहीं कर सकते।"
    • " एक बच्चे को अपनी शिक्षा तक सीमित न रखें, क्योंकि वह किसी अन्य समय में पैदा हुआ था।"
    • मैं एक आशावादी का अपना संस्करण बन गया हूँ। अगर मैं इसे एक दरवाज़े से नहीं बना सकता, तो मैं दूसरे दरवाज़े से जाऊंगा– या मैं एक दरवाज़ा बना दूँगा। वर्तमान कितना भी अंधकारमय क्यों न हो, कुछ बहुत अच्छा आएगा।’’
    • "तथ्य अनेक हैं, पर सत्य एक है।"

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न. आंध्र प्रदेश के मदनपल्ले के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है?

(A) यहांँ पिंगली वेंकैया ने तिरंगे (भारतीय राष्ट्रीय ध्वज) को डिज़ाइन किया था।
(B) यहांँ पट्टाभि सीतारमैया ने आंध्र प्रदेश में भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया।
(C) यहांँ रबींद्रनाथ टैगोर ने राष्ट्रगान का अनुवाद बांग्ला से अंग्रेज़ी में किया।
(D) यहांँ मैडम ब्लावात्स्की और कर्नल ओल्कॉट ने सबसे पहले थियोसोफिकल सोसायटी का मुख्यालय स्थापित किया।

उत्तर: (C) 

  • मूल गीत 'जन गण मन' (राष्ट्रगान) बांग्ला में लिखा गया था।
  • गीत का बांग्ला से अंग्रेज़ी में अनुवाद करने का विचार रबींद्रनाथ टैगोर को तब आया जब वे आयरिश कवि जेम्स एच. कजिन्स के निमंत्रण पर बेसेंट थियोसोफिकल कॉलेज का दौरा कर रहे थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले के एक छोटे से शहर मदनपल्ले में अपने प्रवास के दौरान इसका अंग्रेज़ी में अनुवाद किया।
  • भारत की संविधान सभा द्वारा जन गण मन को 24 जनवरी, 1950 को आधिकारिक तौर पर भारत के राष्ट्रगान के रूप में उद्घोषित किया गया था।
  • अतः कथन (C) सही उत्तर है।

स्रोत: पी.आई.बी.

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2