प्रारंभिक परीक्षा
गुरुत्वाकर्षण की क्वांटम प्रकृति
- 01 Mar 2025
- 7 min read
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
वैज्ञानिक यह पता लगाने के लिये नैनोक्रिस्टल्स के साथ प्रयोग कर रहे हैं कि क्या गुरुत्वाकर्षण द्वारा क्वांटम सिद्धांतों का पालन किया जाता है।
- इस प्रयास का उद्देश्य सामान्य सापेक्षता (इससे माइक्रोस्कोपिक पैमाने पर गुरुत्वाकर्षण की व्याख्या होती है) और क्वांटम यांत्रिकी (इससे परमाणु और उप-परमाणु अंतःक्रियाओं को नियंत्रित किया जाता है) के बीच के अंतराल को कम करना है।
- चूंकि ये सिद्धांत मूलतः असंगत हैं इसलिये यह अनुसंधान क्वांटम गुरुत्व के एकीकृत सिद्धांत की खोज में सहायक है।
गुरुत्वाकर्षण की क्वांटमता का परीक्षण करने के लिये प्रस्तावित प्रयोग क्या है?
- प्रयोग: वैज्ञानिकों ने क्वांटम सुपरपोजिशन का प्रयोग करते हुए एक प्रयोग का प्रस्ताव दिया है, जहाँ मापे जाने तक कण कई अवस्थाओं में मौजूद रहते हैं।
- नैनोक्रिस्टल्स द्वारा यह परीक्षण किया जाता है कि क्या गुरुत्वाकर्षण क्वांटम यांत्रिकी का अनुसरण करता है।
- एक अन्य द्रव्यमान, परीक्षण द्रव्यमान वाले क्रिस्टल के साथ गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से तब अंतःक्रिया करेगा जब वह सुपरपोजिशन में होगा, या एक साथ दो स्थानों पर विद्यमान होगा।
- दूसरे क्रिस्टल के मापन के बाद, शोधकर्त्ता यह जाँच करते है कि क्या गुरुत्वाकर्षण के कारण परीक्षण द्रव्यमान (Test Mass) किसी विशिष्ट स्थिति में नष्ट हो जाता है, जो संभवतः यह संकेत देता है कि गुरुत्वाकर्षण क्वांटम सिद्धांतों का पालन करता है।
- महत्त्व:
- यदि प्रयोग सफल रहा, तो यह सिद्ध हो सकता है कि गुरुत्वाकर्षण न केवल एक बल है, बल्कि क्वांटम गुण भी प्रदर्शित करता है, चूँकि वर्तमान सिद्धांतों के अनुसार गुरुत्वाकर्षण को क्वांटम प्रभाव प्रदर्शित करना चाहिये।
- अधिकांश क्वांटम गुरुत्व परीक्षण मज़बूत गुरुत्वाकर्षण (जैसे, ब्लैक होल) पर निर्भर करते हैं, जिसका परीक्षण करना अव्यावहारिक है।
- यह प्रयोग छोटी वस्तुओं के पास कमज़ोर गुरुत्वाकर्षण का अध्ययन करने का प्रस्ताव करता है, जिससे क्वांटम गुरुत्वाकर्षण परीक्षण अधिक व्यवहार्य हो जाता है।
- चुनौतियाँ:
- इस प्रयोग में छोटी-छोटी बाधाएँ (जैसे वायु के अणु या भूकंपीय गतिविधि) भी प्रयोग के परिणामों पर प्रभाव डाल सकती हैं, इसलिये इसमें उच्च स्तर की परिशुद्धता की आवश्यकता होती है।
- वैज्ञानिकों को लगभग पूर्ण निर्वात बनाने तथा परिणामों को शीघ्रता से मापने की आवश्यकता है।
- इस प्रयोग को करने की तकनीक अभी भी विकसित की जा रही है।
अधिक पढ़ें: क्वांटम यांत्रिकी की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
क्वांटम यांत्रिकी और सामान्य सापेक्षता क्या है?
- क्वांटम यांत्रिकी:
- परिचय:
- क्वांटम यांत्रिकी भौतिकी की वह शाखा है जो यह बताती है कि कैसे उप-परमाणु कण, जैसे इलेक्ट्रॉन और फोटॉन, कणों (पदार्थ के छोटे टुकड़े) और तरंगों (ऊर्जा व्यवधान) दोनों के रूप में व्यवहार कर सकते हैं।
- इस अवधारणा को तरंग-कण द्वैत के नाम से जाना जाता है और यह क्वांटम भौतिकी का एक मूलभूत सिद्धांत है।
- प्रमुख सिद्धांत:
- तरंग-कण द्वैत: कण तरंग और कण दोनों रूप में व्यवहार कर सकते हैं।
- अध्यारोपण: मापे जाने तक एक कण अनेक अवस्थाओं में विद्यमान रह सकता है।
- एंटैंगलमेंट: दो कणों को इस तरह से सहसंबंधित किया जा सकता है कि एक की स्थिति दूसरे को तुरंत प्रभावित करती है, यहाँ तक कि विशाल दूरी पर भी।
- अनिश्चितता सिद्धांत: किसी कण की स्थिति और संवेग दोनों को एक ही समय में सटीक रूप से मापा नहीं जा सकता।
- परिचय:
- सामान्य आपेक्षिकता:
- परिचय: यह गुरुत्वाकर्षण का आधुनिक सिद्धांत है जिसे अल्बर्ट आइंस्टीन ने 1915 में न्यूटन के सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण के नियम के विस्तार के रूप में प्रस्तावित किया था।
- इसके अंतर्गत गुरुत्वाकर्षण को एक बल के रूप में नहीं, बल्कि द्रव्यमान और ऊर्जा के कारण दिक्काल की वक्रता के रूप में वर्णित किया गया है।
- प्रमुख सिद्धांत:
- दिक्काल वक्रता: सूर्य जैसे विशाल पिंड के कारण दिक्काल में वक्रता आती है, जिससे ग्रह परिक्रमा करते हैं।
- काल वृद्धि: प्रबल गुरुत्वाकर्षण क्षेत्रों में काल धीमी गति से चलता है (जैसे, ब्लैक होल के समीप)।
- तुल्यता सिद्धांत: किसी सवृंत तंत्र में त्वरण और गुरुत्वाकर्षण बल अविभाज्य होते हैं।
- परिचय: यह गुरुत्वाकर्षण का आधुनिक सिद्धांत है जिसे अल्बर्ट आइंस्टीन ने 1915 में न्यूटन के सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण के नियम के विस्तार के रूप में प्रस्तावित किया था।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित परिघटनाओं पर विचार कीजिये:(2018)
उपर्युक्त में से एल्बर्ट आइंस्टीन के आपेक्षिकता के सामान्य सिद्धांत का/के भविष्य कथन कौन सा/से है/हैं, जिसकी/जिनकी प्रायः समाचार माध्यमों में विवेचना होती है? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) |