क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक | 31 Jul 2024

स्रोत: द हिंदू 

हाल ही में टोक्यो में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान व अमेरिका ने यूक्रेन, गाज़ा और म्याँमार में हिंसा को समाप्त करने पर ज़ोर दिया तथा इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (IPMDA) के लिये इंडो-पैसिफिक साझेदारी का विस्तार करने की मंशा व्यक्त की।

क्वाड क्या है?

  • क्वाड ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक अनौपचारिक कूटनीतिक साझेदारी है जो एक मुक्त, खुले तथा समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने के लिये प्रतिबद्ध है जो समावेशी एवं लचीला है।  
  • क्वाड की अवधारणा औपचारिक रूप से सबसे पहले वर्ष 2007 में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे द्वारा प्रस्तुत की गई थी, हालाँकि चीन के दबाव में ऑस्ट्रेलिया के पीछे हटने सहित प्रारंभिक बाधाओं को दूर करने के बाद वर्ष 2017 में यह एक औपचारिक समूह बन गया।
  • अंततः वर्ष 2017 में भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान एक साथ आए तथा इस “चतुर्भुज” गठबंधन का गठन किया।

इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (IPMDA) क्या है?

  • IPMDA पहल की घोषणा वर्ष 2022 में टोक्यो में क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन में की गई थी। यह इंडो-पैसिफिक में प्रशांत द्वीप समूह, दक्षिण पूर्व एशिया और हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) को एकीकृत करने पर केंद्रित है।
  • इसका प्राथमिक उद्देश्य उन अज्ञात शिपिंग जहाज़ों पर नज़र रखना है जो पता लगने से बचने के लिये अपनी स्वचालित पहचान प्रणाली (AIS) को बंद कर देते हैं।
    • इसके अतिरिक्त, यह जलवायु और मानवीय घटनाओं पर प्रतिक्रिया देने तथा मत्स्य पालन की रक्षा हेतु सामरिक स्तर की गतिविधियों की निगरानी पर ध्यान केंद्रित करता है, जो कई हिंद-प्रशांत अर्थव्यवस्थाओं के लिये महत्त्वपूर्ण है।
  • भारत के लिये महत्त्व: IPMDA हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बढ़ाने के लिये एक महत्त्वपूर्ण प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है, जो वैश्विक भू-राजनीतिक महत्त्व का एक प्रमुख क्षेत्र है।
    • भारतीय नौसेना के पास वर्तमान में 140 से अधिक जहाज़ और पनडुब्बियाँ हैं तथा वर्ष 2028 तक इसका विस्तार 170 से 180 जहाज़ों के विशाल बेड़े तक हो जाएगा।

हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) क्या है?

  • हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) 36 तटीय और द्वीपीय देशों में फैला हुआ है तथा अपने व्यापार मार्गों, प्राकृतिक संसाधनों एवं भू-राजनीतिक महत्त्व के कारण अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
    • इसमें होर्मुज़ और मलक्का जलडमरूमध्य जैसे व्यस्त समुद्री मार्ग शामिल हैं।
  • यह क्षेत्र समुद्री जैवविविधता से समृद्ध है, लेकिन इसे समुद्री डकैती, अवैध मत्स्यन और पर्यावरण क्षरण जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • भारत, चीन, अमेरिका एवं क्षेत्रीय संगठनों के साथ हिंद महासागर क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा साझा चुनौतियों से निपटने और सतत् विकास सुनिश्चित करने के लिये सहयोग की आवश्यकता पर ज़ोर देता है।

  • हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में अन्य समूह:
    • हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA): यह एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना हिंद महासागर के किनारे स्थित देशों के बीच आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने के लिये की गई है।
    • AUKUS: यह वर्ष 2021 में ऑस्ट्रेलिया, यूके और अमेरिका के बीच गठित एक त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी है, जो इंडो-पैसिफिक पर केंद्रित है। इसमें ऑस्ट्रेलिया के साथ अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी तकनीक साझा करना शामिल है और इसका उद्देश्य दक्षिण चीन सागर में चीन की कार्रवाइयों का प्रतिकार करना है। यह साझेदारी AI, क्वांटम तकनीक और गहन समुद्र क्षमताओं जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग को भी बढ़ावा देती है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. 'ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:(2016)

  1. यह चीन और रूस को छोड़कर प्रशांत महासागर तटीय सभी देशों के मध्य एक समझौता है।
  2. यह केवल तटवर्ती सुरक्षा के प्रयोजन से किया गया सामरिक गठबंधन है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (d)