रैपिड फायर
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन
- 26 Jul 2024
- 2 min read
स्रोत: लाइव मिंट
बांग्लादेश एक बड़े संकट से गुज़र रहा है क्योंकि सरकारी नौकरी में आरक्षण के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन के परिणामस्वरूप कम से कम 130 लोगों की मृत्यु हो गई।
- विरोध की वर्तमान लहर बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय के उच्च न्यायालय खंड द्वारा सिविल सेवा कोटा प्रणाली को पुनः लागू करने के बाद शुरू हुई, जिसने प्रधानमंत्री के कार्यकारी आदेश को निरस्त कर दिया था।
- उच्च न्यायालय के निर्णय को रोकने के लिये सर्वोच्च न्यायालय के अपीलीय प्रभाग के आदेश ने अनिश्चितता को बढ़ा दिया है, क्योंकि छात्र अधिक समावेशी और योग्यता आधारित कोटा प्रणाली की मांग कर रहे हैं।
- ये विरोध प्रदर्शन बांग्लादेश के लिये विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण समय पर हो रहे हैं क्योंकि वह पहले से ही उच्च मुद्रास्फीति और बेरोज़गारी से जूझ रहा है।
- प्रारंभ में स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों, महिलाओं, वंचित क्षेत्रों और जातीय अल्पसंख्यकों को लाभ पहुँचाने के लिये स्थापित बांग्लादेश के सरकारी नौकरी कोटे को वर्षों से पुराना होने एवं दुरुपयोग की आशंका के कारण आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
- मौजूदा संकट के कारण भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि बंदरगाहों के माध्यम से व्यापार रुक गया है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने भी बांग्लादेश में अशांति के संभावित प्रभावों की चिंताओं के जवाब में भारत-बांग्लादेश सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी है।
- भारत बांग्लादेश की सिविल सेवाओं में क्षमता निर्माण में सक्रिय रूप से शामिल रहा है।
- हाल ही में राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (NCGG) ने बांग्लादेश के 16 उपायुक्तों के लिये एक विशेष क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किया।
और पढ़ें: भारत-बांग्लादेश