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प्रोजेक्ट वर्ल्डकॉइन

  • 24 Aug 2023
  • 5 min read

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) कंपनी OpenAI द्वारा वर्ल्डकॉइन नामक एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया है। यह परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी पहचान और वित्तीय सार्वजनिक नेटवर्क बनाने का दावा करती है।

प्रोजेक्ट वर्ल्डकॉइन:

  • परिचय:
    • वर्ल्डकॉइन डिजिटल नेटवर्क बनाने की एक पहल है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति किसी-न-किसी तरह की हिस्सेदारी का दावा कर सकता है और डिजिटल अर्थव्यवस्था में शामिल हो सकता है।
  • वर्ल्डकॉइन कार्य प्रक्रिया:
    • यह पहल बायोमेट्रिक (आइरिस) डेटा एकत्र करने और प्रतिभागियों को वर्ल्ड एप के माध्यम से वर्ल्ड आईडी प्राप्त करने में मदद करने के लिये "ऑर्ब" नामक एक उपकरण का उपयोग करती है।
    • वर्ल्डकॉइन नेटवर्क केवल तभी कार्य कर सकता है जब उपयोगकर्त्ता आईरिस को स्कैन करने के इच्छुक हों और/या अपने स्वयं के आईरिस को स्कैन करवाएँ।
    • वर्ल्ड आईडी धारक और ऐसे लोग जिन्होंने अपनी आँखों की पुतलियों को स्कैन करवा लिया है, वे इसका उपयोग डब्ल्यूएलडी क्रिप्टो (WLD crypto) पर दावा करने के लिये  कर सकते हैं, जिससे वे लेन-देन कर सकते हैं (यदि संभव हो और कानूनी हो) या परिसंपत्ति को इस उम्मीद के साथ रख सकते हैं कि इसकी कीमत बढ़ सकती है।
    • वर्ल्डकॉइन का दावा है कि प्रतिलिपिकरण से बचने के लिये बायोमेट्रिक जानकारी की मदद से इस नेटवर्क में सभी को सम्मिलित करने का एक वैध तरीका है।
      • इस प्रक्रिया को "व्यक्तित्व का प्रमाण" कहा जाता है और यह लोगों को क्रिप्टो के बदले बार-बार नाम दर्ज करने से रोकने में मदद करता है।  

  • भारत में वर्ल्डकॉइन:
    • कंपनी ने दावा किया कि भारत ने अपनी आधार (Aadhaar) प्रणाली के माध्यम से "बायोमेट्रिक्स की प्रभावशीलता सिद्ध की है"।
    • वर्ल्डकॉइन ने भारत में 18 स्थानों को सूचीबद्ध किया है जिसमें मुख्य रूप से दिल्ली, नोएडा और बंगलूरू शामिल हैं जहाँ ऑर्ब ऑपरेटर (Orb operators) लोगों की आँखों  को स्कैन कर सकते हैं। 
  • वर्ल्डकॉइन की आलोचना:
    • गोपनीयता, डेटा सुरक्षा और बायोमेट्रिक स्कैन की वैधता जैसे चिंता के विषयों पर वर्ल्डकॉइन को शुरुआती रूप से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।

क्रिप्टोकरेंसी:

  • क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल या आभासी मुद्रा है जो सुरक्षा के लिये क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है।
  • यह एक विकेंद्रीकृत मुद्रा है, अर्थात् यह किसी सरकार या संस्था द्वारा नियंत्रित नहीं है।
  • क्रिप्टोकरेंसी के कुछ उदाहरणों में बिटकॉइन, इथेरियम और लाइटकॉइन शामिल हैं।
  • क्रिप्टोकरेंसी के साथ लेन-देन को ब्लॉकचेन नामक सार्वजनिक डिजिटल बहीखाता पर दर्ज किया जाता है।
    • इस बहीखाते को दुनिया भर के कंप्यूटरों के एक नेटवर्क द्वारा बनाए रखा जाता है तथा प्रत्येक नए लेन-देन को इन कंप्यूटरों द्वारा सत्यापित किया जाता है और ब्लॉकचेन में जोड़ा जाता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. कभी-कभी सामाचारों में आने वाली 'बिटकॉइन्स' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2016)

1- बिटकॉइन्स की खोज-खबर देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा रखी जाती है।
2- बिटकॉइन्स के पते वाला कोई भी व्यक्ति बिटकॉइन्स के पते वाले किसी अन्य व्यक्ति को बिटकाइन्स भेज सकता है या उससे प्राप्त कर सकता है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: B

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